Supreme Court hearing on Hindenburg Supreme Court accepted petition of challenging Hindenburg Report for hearing in hindi

सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को चुनौती देनी वाली पिटीशन को हियरिंग के लिए एक्सेप्ट कर लिया है। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर हेराफेरी और फ्रॉड करने का आरोप लगाया गया है।

Supreme Court hearing on Hindenburg

Supreme Court hearing on Hindenburg: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाधड़ गिरने लगे। अडानी एंटरप्राइजेज की बात हो या अदानी पोर्ट की, अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों से विदेशी निवेशकों ने अपना शेयर बेचना शुरू कर दिया, जिससे अडानी ग्रुप को करोड़ों का नुकसान हुआ। लेकिन, क्या यह रिपोर्ट 100 फीसद सही है या ये सिर्फ अडानी ग्रुप के लिए एक साजिश थी? या फिर ये भारत के एक बड़े उद्योगपति को अर्श से फर्श पर लाने के लिए किया गया? इन सभी बातों पर कई सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट को चुनौती देनी वाली पिटीशन को हियरिंग के लिए एक्सेप्ट कर लिया है। 

सुप्रीम कोर्ट में होगी अब इसकी सुनवाई

दरअसल, हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर हेराफेरी और फ्रॉड करने का आरोप लगा था। इसके बाद अलग-अलग दावे होने लगे। इसमें एक बड़ा दावा यह भी था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट विदेशी कंपनियों की एक बड़ी साजिश है। इसके बाद दो पिटीशनर्स ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस रिपोर्ट पर सुनवाई की जाए, जिसको अब सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। यानी कि अब इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट अपनी सुनवाई करेगा।

रिपोर्ट के खिलाफ फाइल हुई दो पिटीशन

देश के सर्वोच्च न्यायालय में शुक्रवार 10 फरवरी को इस पिटीशन पर सुनवाई होगी। बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के खिलाफ एडवोकेट विशाल तिवारी और एम.एल शर्मा ने अलग-अलग पिटीशन फाइल की थी। दोनों वकीलों द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि यह रिपोर्ट अडानी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली के लिए किया गया था और इससे इन्वेस्टर्स को बड़ा फटका लगा है।

क्या से क्या होगा देखते-देखते, एक नजर में समझें पूरी बात

24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी होती है, जो अडानी ग्रुप के लिए भूचाल लेकर आता है। इस हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया जाता है कि अडानी ग्रुप ने स्टॉप में हेराफेरी की है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी मेंशन किया जाता है कि अडानी ग्रुप कई सालों से  अकाउंटिंग फ्रॉड कर रहा है। जाहिर सी बात है कि जिस कंपनी में निवेशक इन्वेस्ट कर रहे हैं, उनको जब या पता चलेगा कि वह कंपनी उनके साथ फ्रॉड कर रही है, तो निवेशक अपना शेयर उस कंपनी से निकालना शुरू कर देंगे और अडानी ग्रुप के साथ भी यही हुआ। जी हां, हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट आते ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की बुरी हालत हो गई। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर धड़ाम होने लगे, जिससे निवेशकों और कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ। अब इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि यह रिपोर्ट असलियत में सही थी या फिर वाकई में अडानी ग्रुप लिए एक साजिश थी।

संवादपत्र

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