- Date : 18/03/2023
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सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने की वजह से यूरोप और अमेरिकी बैंकों पर काफी असर पड़ा है, लेकिन इंडियन बैंकिंग सेक्टर पर इसका असर नहीं पड़ेगा। आप भी जानें कि एक्सपर्ट ऐसा क्यों कह रहे हैं और यह आपदा में अवसर की तरह क्यों है?

SVB Collapse Impact In India: सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने का असर दुनियाभर में हो रहा है। खास तौर पर अमेरिका में यह संकट गहराता जा रहा है। एसवीपी कॉलैप्स के बाद दुनिया भर के इक्विटी मार्केट बिकवाली के दौर से गुजर रहे हैं। सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद सिग्नेचर बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक पर भी संकट गहराता जा रहा है।
दरअसल, यूरोपीय बैंक और दूसरा सबसे बड़ा स्विस बैंक क्रेडिट सुइस भी इस संकट की चपेट में आ गया, जिसकी वहज से ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस के हालात हैं। ऐसे में अमेरिका और यूरोप में इस बैंक संकट के कारण भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली हुई, क्योंकि पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 2.18 फीसदी की गिरावट आई, वहीं एनएसई निफ्टी में 2.29 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इस दौरान निफ्टी बैंक इंडेक्स में 2.42 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली।
शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो क्वॉलिटी स्टॉक्स में यह गिरावट बॉटम फिशिंग में विश्वास रखने वाले लॉन्ग टर्म पोजिशनल इनवेस्टर्स के लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकती है। जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयरों में हाल के दिनों में जिस तरह से गिरावट देखने को मिले हैं, वो काफी भावुक करने वाले है और इनका फंडामेंटल से कोई लेना-देना नहीं है। एक्सपर्ट्स ने बॉटम फिशिंग के साथ ही क्वॉलिटी ऑटो, पावर और बैंकिंग स्टॉक्स को खरीदने की सलाह दी, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेगुलेशन के तहत भारतीय बैंक की फाइनैंसियल कंडीशन अच्छी है।
भारतीय बैंको पर प्रभाव नहीं पड़ेगा: गिरीश सोडानी
सिलिकॉन वैली बैंक के पतन होने के बाद इंडियन शेयर मार्केट पर क्या असर होगा, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में इक्विटी मार्केट के प्रमुख गिरीश सोडानी ने कहा कि एसवीबी बैंक कॉलेप्स का प्रभाव भारत में सीमित होगा और भारतीय बैंको पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारतीय बैंकिंग सिस्टम भारतीय रिजर्व बैंक की देखरेख में ज्यादा रेगुलेशन में हैं। यह मुख्य रूप से टेक स्टार्ट-अप और आईटी फर्म्स को प्रभावित करता है। हमने पिछले बजट में ऑटो सेक्टर और पावर स्टॉक जैसे दो सेक्टर्स को मजबूत फंडामेंटल के साथ-साथ कई घरेलू कारकों पर भारी कैपेक्स के साथ काम करते हुए देखा। ये क्षेत्र पूर्व में ऐसे सुधारों से सकारात्मक रूप से उबरे हैं।
SVB Collapse Impact In India: सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने का असर दुनियाभर में हो रहा है। खास तौर पर अमेरिका में यह संकट गहराता जा रहा है। एसवीपी कॉलैप्स के बाद दुनिया भर के इक्विटी मार्केट बिकवाली के दौर से गुजर रहे हैं। सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद सिग्नेचर बैंक और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक पर भी संकट गहराता जा रहा है।
दरअसल, यूरोपीय बैंक और दूसरा सबसे बड़ा स्विस बैंक क्रेडिट सुइस भी इस संकट की चपेट में आ गया, जिसकी वहज से ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस के हालात हैं। ऐसे में अमेरिका और यूरोप में इस बैंक संकट के कारण भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली हुई, क्योंकि पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 2.18 फीसदी की गिरावट आई, वहीं एनएसई निफ्टी में 2.29 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। इस दौरान निफ्टी बैंक इंडेक्स में 2.42 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली।
शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो क्वॉलिटी स्टॉक्स में यह गिरावट बॉटम फिशिंग में विश्वास रखने वाले लॉन्ग टर्म पोजिशनल इनवेस्टर्स के लिए बेहतरीन मौका साबित हो सकती है। जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयरों में हाल के दिनों में जिस तरह से गिरावट देखने को मिले हैं, वो काफी भावुक करने वाले है और इनका फंडामेंटल से कोई लेना-देना नहीं है। एक्सपर्ट्स ने बॉटम फिशिंग के साथ ही क्वॉलिटी ऑटो, पावर और बैंकिंग स्टॉक्स को खरीदने की सलाह दी, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेगुलेशन के तहत भारतीय बैंक की फाइनैंसियल कंडीशन अच्छी है।
भारतीय बैंको पर प्रभाव नहीं पड़ेगा: गिरीश सोडानी
सिलिकॉन वैली बैंक के पतन होने के बाद इंडियन शेयर मार्केट पर क्या असर होगा, इसपर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में इक्विटी मार्केट के प्रमुख गिरीश सोडानी ने कहा कि एसवीबी बैंक कॉलेप्स का प्रभाव भारत में सीमित होगा और भारतीय बैंको पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि भारतीय बैंकिंग सिस्टम भारतीय रिजर्व बैंक की देखरेख में ज्यादा रेगुलेशन में हैं। यह मुख्य रूप से टेक स्टार्ट-अप और आईटी फर्म्स को प्रभावित करता है। हमने पिछले बजट में ऑटो सेक्टर और पावर स्टॉक जैसे दो सेक्टर्स को मजबूत फंडामेंटल के साथ-साथ कई घरेलू कारकों पर भारी कैपेक्स के साथ काम करते हुए देखा। ये क्षेत्र पूर्व में ऐसे सुधारों से सकारात्मक रूप से उबरे हैं।