Take a look at who anchor investors are, and what role do they play in IPOs

एंकर निवेशकों और आईपीओ में उनकी भूमिका के बारे में यहां सबकुछ जानिये।

एंकर निवेशक कौन होते हैं और आईपीओ में उनकी क्या भूमिका होती है

कई नए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के आने के साथ आईपीओ में आखिरकार निवेशकों की रुचि बढ़ी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के वर्गीकरण के अनुसार, विभिन्न प्रकार के निवेशक आईपीओ में निवेश करते हैं। इनमें अमीर व्यक्ति (एचएनआई) या गैर-संस्थागत निवेशक (एनआईआई), योग्य संस्थागत निवेशक (क्यूआईआई), खुदरा निवेशक और अंत में, एंकर निवेशक शामिल हैं। इस लेख में एंकर निवेशकों और आईपीओ में उनकी भूमिका पर चर्चा की जाएगी। 

एंकर निवेशक कौन होते हैं?

एंकर निवेशक योग्य संस्थागत निवेशक होते हैं। एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ के शुरुआती निवेशक होते हैं, जो किसी भी आईपीओ को जनता के लिए उपलब्ध कराने से पहले उस आईपीओ में निवेश करते हैं। आमतौर पर, किसी भी एंकर निवेशक को किसी भी आईपीओ में कम से कम रु. 10 करोड़ निवेश करना होता है। एंकर निवेशक अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं, जैसे म्युचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक, बैंक, भविष्य निधि बगैरह। एंकर निवेश वाले हिस्से में म्युचुअल फंडों को एक तिहाई आरक्षण मिलता है।

एंकर निवेशक किसी भी आईपीओ में योग्य संस्थागत निवेशकों के 60% तक शेयर प्राप्त कर सकते हैं। पहले, संस्थागत निवेशकों के पास आवंटन में केवल 30% हिस्सा था। किसी भी कंपनी को 250 करोड़ रुपये तक के इश्यू साइज के लिए कम से कम दो एंकर निवेशकों की जरूरत होती है। बड़े इश्यू साइज के लिए किसी भी कंपनी को अधिकतम पांच एंकर निवेशकों की आवश्यकता हो सकती है।

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एंकर निवेशक कैसे काम करते हैं?

एंकर निवेशक अपने आवेदन के 25% मार्जिन के साथ आईपीओ में आवेदन कर सकते हैं। शेष राशि इश्यू की समाप्ति से दो दिनों के भीतर देनी होती है। इश्यू मूल्य तब बुक-बिल्डिंग प्रक्रिया के अनुसार निर्धारित किया जाता है। यदि एंकर निवेशकों की कीमत निश्चित मूल्य से कम होती है, तो अंतर को पाटने की जिम्मेदार उनकी होती हैं। हालांकि, अगर कीमत अधिक होती है, तो एंकर निवेशकों को अतिरिक्त फंड लाना होता है। एंकर निवेशकों की लॉक-इन अवधि होती है और वे आवंटन के 30 दिन बाद ही अपने शेयर बेच सकते हैं।

कंपनी को इश्यू खोलने से पहले एंकर निवेशकों का विवरण सार्वजनिक रूप से साझा करना होता है। यह जानकारी आईपीओ लॉन्च की तारीख से एक दिन पहले बीएसई नोटिस और एनएसई परिपत्रों में आप देख सकते हैं।

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एंकर निवेशकों की क्या भूमिका होती है?

आईपीओ में एंकर निवेशक अहम भूमिका निभाते हैं। जैसे:

  • हालांकि, खुदरा निवेशक कभी भी ब्रोकर्स की रिपोर्ट से आईपीओ लाने वाली कंपनी की क्षमता का आकलन कर सकते हैं, लेकिन एंकर निवेशक आईपीओ की अधिक पेशेवर और गहन समझ प्रदान करते हैं। 
  • ये निवेशक आईपीओ के शुरुआती निवेशक होते हैं। नतीजतन, वे आईपीओ की प्रामाणिकता की पुष्टि करते हैं और इसे आम निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाते हैं।
  • जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, ये निवेशक आईपीओ लाने वाली कंपनी और आम निवेशकों के बीच के अंतर को पाटते हुए एंकर की तरह काम करते हैं। जाने-माने एंकर निवेशकों की लिस्ट से किसी भी आईपीओ की मांग बढ़ सकती है। 
  • वे आईपीओ की सही कीमत को तय करने में भी मदद करते हैं।

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सारांश 

अब जबकि आप एंकर निवेशक का अर्थ जान गए हैं, आईपीओ में निवेश करने से पहले एंकर निवेशकों की लिस्ट जरूर देखें। यह आपको बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकता है।

संवादपत्र

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