- Date : 12/02/2018
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क्या आप ऐसे निवेशक हैं जो पोर्टफोलियो में विविधता चाहता है? एनएफओ एक ऐसा निवेश विकल्प है जिसपर आपको गौर करना चाहिए। एनएफओ के बारे में और जानकारी के लिए ये लेख पढ़ें।

आजकल एनएफओ की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। शेयर बाजार के अच्छे प्रदर्शन की वजह से म्युचुअल फंड कंपनियां कई एनएफओ लाईं हैं। 2009-2013 के बीच लॉन्च हुए एनएफओ की संख्या पिछले एक साल में लॉन्च हुए एनएफओ की बराबर है। एनएफओ क्या है और इनमें कैसे निवेश करें, इन सवालों का जवाब देने के लिए चलिए एनएफओ को ज्यादा गहराई से समझते हैं।
क्या है एनएफओ?
एनएफओ या न्यू फंड ऑफर से तात्पर्य है जब नया फंड लॉन्च होता है और फंड में लेनदेन शुरू होने से पहले इसमें निवेश करने का निवेशकों को मौका दिया जाता है। न्यू फंड ऑफर इंवेस्टमेंट कंपनी का नए फंड में सबस्क्राइब का पहला ऑफर होता है। जब नया फंड लॉन्च होता है, तब एनएफओ कंपनी को सिक्योरिटीज खरीदने के लिए जरूरी पूंजी इकट्ठा करने में मदद करता है। सबसे ज्यादा प्रचलित न्यू फंड ऑफर म्युचुअल फंड्स होते हैं।
इसमें कैसे निवेश करें
मुख्यतौर पर एनएफओ दो प्रकार के होते हैं – ओपन-एंड फंड और क्लोज-एंड फंड। एनएफओ में कैसे निवेश करें, ये जानने के लिए नीचे दी गई जानकारी को पढ़ें:
ओपन-एंड फंड: ओपन-एंड एनएफओ को लॉन्च के दिन खरीदा जा सकता है। ओपन-एंड फंड में शेयर खरीदे जाने की कोई सीमा नहीं होती है। इन फंड का प्रबंधन फंड कंपनी करती है। इन फंड में ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग की जा सकती है, क्योंकि इन शेयरों की ट्रेडिंग एक्सचेंज पर नहीं होती है। ओपन-एंड फंड हर रोज शेयर बाजार बंद होने के बाद अपनी एनएवी की घोषणा करते हैं।
क्लोज-एंड फंड: क्लोज-एंड फंड एनएफओ के लॉन्च में सीमित संख्या में शेयर जारी किए जाते हैं। इस तरह के फंड सबसे ज्यादा मार्केटेड न्यू फंड ऑफर होते हैं। क्लोज-एंड फंड की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग होती है। ब्रोकर के जरिए लॉन्च के दिन इस प्रकार के फंड को खरीदा जा सकता है।
किसी एनएफओ को खरीदने से पहले आप एनएफओ के वैल्यू प्रापजिशन का मूल्यांकन कर लें ताकि आपको पता चल सके कि इस फंड को पोर्टफोलियो में शामिल करने से आपको फायदा होगा कि नहीं।
क्या हैं एनएफओ में निवेश करने के फायदे?
कुछ एनएफओ में दूसरे फंड के मुकाबले विशिष्टाएं हो सकती हैं और निवेशकों के लिए मौके हो सकते हैं जो दूसरे फंड में मौजूद नहीं हों।
ये नए ऑफर होने की वजह से आप कम लागत में निवेश कर सकते हैं।
क्या है एनएफओ में निवेश करने का नुकसान?
चूंकि एनएफओ को नई योजना के रूप में उतारा जाता है, इसका कोई प्रमाणित रिकॉर्ड या भविष्य की निश्चितता नहीं होती है।
कुछ लोग एनएफओ को सस्ता समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी कीमत चालू योजना के बराबर ही तय की जाती है।
एनएफओ के शुरुआती शुल्क और खर्च ज्यादा होते हैं, जिसकी भरपाई कंपनियां निवेशकों से करती हैं।
एनएफओ में सीमित विविधता होती है।
आप पूरी तरह शोध कर सकते हैं और एनएफओ लाने वाली कंपनियों की वेबसाइट्स पर जाकर पोर्टफोलियो में शामिल करने के योग्य फंड की लॉन्च की तारीख, बंद होने की तारीख, न्यूनतम निवेश, कार्यकाल और मैच्योरिटी की तारीख का पता लगा सकते हैं।
आखिर में:
एक सीमा तक एनएफओ आईपीओ की तरह है क्योंकि इसमें भी आप लिस्टिंग के पहले शेयर खरीद सकते हैं। कंपनियां अपने एनएफओ की प्रसिद्धी के लिए आकर्षक और प्रलोभी मार्केटिंग कैंपेन शुरू करती हैं, जिससे जब उनके एनएफओ की ट्रेडिंग शुरू होती है तब कंपनी को काफी फायदा होता है।
आजकल एनएफओ की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। शेयर बाजार के अच्छे प्रदर्शन की वजह से म्युचुअल फंड कंपनियां कई एनएफओ लाईं हैं। 2009-2013 के बीच लॉन्च हुए एनएफओ की संख्या पिछले एक साल में लॉन्च हुए एनएफओ की बराबर है। एनएफओ क्या है और इनमें कैसे निवेश करें, इन सवालों का जवाब देने के लिए चलिए एनएफओ को ज्यादा गहराई से समझते हैं।
क्या है एनएफओ?
एनएफओ या न्यू फंड ऑफर से तात्पर्य है जब नया फंड लॉन्च होता है और फंड में लेनदेन शुरू होने से पहले इसमें निवेश करने का निवेशकों को मौका दिया जाता है। न्यू फंड ऑफर इंवेस्टमेंट कंपनी का नए फंड में सबस्क्राइब का पहला ऑफर होता है। जब नया फंड लॉन्च होता है, तब एनएफओ कंपनी को सिक्योरिटीज खरीदने के लिए जरूरी पूंजी इकट्ठा करने में मदद करता है। सबसे ज्यादा प्रचलित न्यू फंड ऑफर म्युचुअल फंड्स होते हैं।
इसमें कैसे निवेश करें
मुख्यतौर पर एनएफओ दो प्रकार के होते हैं – ओपन-एंड फंड और क्लोज-एंड फंड। एनएफओ में कैसे निवेश करें, ये जानने के लिए नीचे दी गई जानकारी को पढ़ें:
ओपन-एंड फंड: ओपन-एंड एनएफओ को लॉन्च के दिन खरीदा जा सकता है। ओपन-एंड फंड में शेयर खरीदे जाने की कोई सीमा नहीं होती है। इन फंड का प्रबंधन फंड कंपनी करती है। इन फंड में ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग की जा सकती है, क्योंकि इन शेयरों की ट्रेडिंग एक्सचेंज पर नहीं होती है। ओपन-एंड फंड हर रोज शेयर बाजार बंद होने के बाद अपनी एनएवी की घोषणा करते हैं।
क्लोज-एंड फंड: क्लोज-एंड फंड एनएफओ के लॉन्च में सीमित संख्या में शेयर जारी किए जाते हैं। इस तरह के फंड सबसे ज्यादा मार्केटेड न्यू फंड ऑफर होते हैं। क्लोज-एंड फंड की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग होती है। ब्रोकर के जरिए लॉन्च के दिन इस प्रकार के फंड को खरीदा जा सकता है।
किसी एनएफओ को खरीदने से पहले आप एनएफओ के वैल्यू प्रापजिशन का मूल्यांकन कर लें ताकि आपको पता चल सके कि इस फंड को पोर्टफोलियो में शामिल करने से आपको फायदा होगा कि नहीं।
क्या हैं एनएफओ में निवेश करने के फायदे?
कुछ एनएफओ में दूसरे फंड के मुकाबले विशिष्टाएं हो सकती हैं और निवेशकों के लिए मौके हो सकते हैं जो दूसरे फंड में मौजूद नहीं हों।
ये नए ऑफर होने की वजह से आप कम लागत में निवेश कर सकते हैं।
क्या है एनएफओ में निवेश करने का नुकसान?
चूंकि एनएफओ को नई योजना के रूप में उतारा जाता है, इसका कोई प्रमाणित रिकॉर्ड या भविष्य की निश्चितता नहीं होती है।
कुछ लोग एनएफओ को सस्ता समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी कीमत चालू योजना के बराबर ही तय की जाती है।
एनएफओ के शुरुआती शुल्क और खर्च ज्यादा होते हैं, जिसकी भरपाई कंपनियां निवेशकों से करती हैं।
एनएफओ में सीमित विविधता होती है।
आप पूरी तरह शोध कर सकते हैं और एनएफओ लाने वाली कंपनियों की वेबसाइट्स पर जाकर पोर्टफोलियो में शामिल करने के योग्य फंड की लॉन्च की तारीख, बंद होने की तारीख, न्यूनतम निवेश, कार्यकाल और मैच्योरिटी की तारीख का पता लगा सकते हैं।
आखिर में:
एक सीमा तक एनएफओ आईपीओ की तरह है क्योंकि इसमें भी आप लिस्टिंग के पहले शेयर खरीद सकते हैं। कंपनियां अपने एनएफओ की प्रसिद्धी के लिए आकर्षक और प्रलोभी मार्केटिंग कैंपेन शुरू करती हैं, जिससे जब उनके एनएफओ की ट्रेडिंग शुरू होती है तब कंपनी को काफी फायदा होता है।