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शॉर्ट सेलिंग एक ऐसी रणनीति है जो निवेशकों को स्‍टॉक्‍स की गिरती कीमतों से लाभ कमाने देता है। शॉर्ट-सेलर्स ऐसे स्टॉक्‍स या मार्केट को ढूंढते हैं, जो उनको लगते है कि वे गिरेंगे।

शॉर्ट स्‍टॉक्‍स से मुनाफा कैसे कमाएं

निवेशकों के लिए स्टॉक्‍स से लाभ कमाने के लिए सबसे विशिष्ट दृष्टिकोण इस उम्मीद के साथ स्टॉक खरीदना होता है कि इसकी कीमत समय के साथ बढ़ेगी और बाद में इसे लाभ के लिए बेच देगें। इसे "लंबे समय तक बने रहने" के रूप में जाना जाता है। 
हालांकि, निवेशकों के लिए लाभ उत्पन्न करने के लिए स्टॉक्‍स की कीमतों में हमेशा वृद्धि आवश्यक नहीं होती है। स्टॉक की कीमत गिरने पर भी निवेशक लाभ कमा सकते हैं, और इसे एक प्रक्रिया के माध्‍यम से किया जा सकता है जिसे शॉर्ट सेल कहा जाता है।

शॉर्ट सेलिंग क्‍या है?

यदि निवेशक को लगता है कि किसी स्टॉक के मूल्य की नीचे जाने की अधिक संभावना है, तो वे एक पद्धति का उपयोग कर सकते हैं जिसे शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है। इससे, किसी स्टॉक की कीमत गिरने पर निवेशकों को फायदा हो सकता है। शॉर्ट सेलिंग, जिसे अक्सर शॉर्ट स्टॉक करने के रूप में जाना जाता है, इसका उद्देश्य स्टॉक की शेयर की कीमत घटने पर आपको फायदा पहुंचाना है। हालांकि, अगर स्टॉक की कीमत बढ़ती है तो यह आपको पैसे का नुकसान भी हो सकता है।  

यह भी पढ़ें- निवेश और ट्रेडिंग के बीच अंतर 

स्टॉक को शॉर्ट करने का क्या मतलब है?

शॉर्ट-सेलिंग, या स्टॉक को शॉर्ट करना, ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसका उद्देश्य किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत में गिरावट से लाभ कमाना है।
अनुकूल दृष्टिकोण और वृद्धि की क्षमता वाले शेयर्स को खरीदना 'लंबे समय तक चलने' या पारंपरिक निवेश में लॉन्‍ग पोज़िशन लेने के रूप में जाना जाता है। दूसरी ओर, शॉर्ट-सेलर्स स्टॉक्स या मार्केट की तलाश करते हैं, जो उनको लगते हैं कि वे गिरेंगे।
स्टॉक को शर्ट करना ट्रेडर्स को संभावित नकारात्मक मार्केट मूवमेंट के विरूद्ध खुद को बचाने में सहायता कर सकता है जिसमें उन्होंने एक लॉन्‍ग पोज़िशन ली है। इसका उपयोग बाजार में गिरावट से लाभ के लिए भी किया जा सकता है।

स्‍टॉक को शॉर्ट करने के पांच चरण

शॉर्ट-सेलिंग रणनीति का उपयोग करने के लिए आपको चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन करना होगा:
1.    उस स्टॉक का निर्धारण करें जिसे आप शॉर्ट सेल करना चाहते हैं।
2.    यह देखने के लिए अपने ब्रोकर से पूछें कि क्या आपके पास मार्जिन अकाउंट और स्टॉक में शॉर्ट पोज़िशन शुरू करने के लिए उपयुक्त परमिट हैं।
3.    अपने शॉर्ट ऑर्डर के लिए शेयर्स की सही मात्रा भरें। जब आप अपना ऑर्डर देते हैं, तो ब्रोकर आपको शेयर्स उधार देगा और उन्हें आपकी ओर से खुले बाजार में बेचेगा।
4.    आपको मूल रूप से बेचे गए स्टॉक को वापस खरीदकर और उधार लिए गए शेयर्स को उस व्यक्ति को वापस करके अपनी शॉर्ट पोज़िशन को क्‍लोज़ करना होगा, जिसने उन्हें आपकी ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से आपको उधार दिया था।
5.    यदि स्टॉक की कीमत गिरती है, तो आप इसे बदलने के लिए कम खर्च करेंगे और अंतर को लाभ के रूप में बनाए रखेंगे।

स्टॉक शॉर्ट बेचने के क्या परिणाम होते हैं?

शॉर्ट सेलिंग का सबसे महत्वपूर्ण खतरा यह है कि अगर स्टॉक की कीमत में काफी बढ़ोतरी होती है तो आपको अपने नुकसान को कवर करने में परेशानी हो सकती है। शॉर्टिंग सैद्धांतिक रूप से अंतहीन नुकसान हो सकता है क्योंकि इसकी कोई सीमा नहीं है कि स्टॉक की कीमत कितनी अधिक बढ़ सकती है। आपका ब्रोकर आपको संभावित नुकसान को कवर करने के लिए नकदी की असीमित आपूर्ति के लिए बाध्य नहीं करेगा, लेकिन यदि आपको बहुत अधिक पैसे का नुकसान हो जाता हैं, तो वे एक मार्जिन कॉल जारी कर सकते हैं, आपको सबसे खराब संभव समय पर शेयर्स को वापस खरीदकर अपनी शॉर्ट पोज़िशन को ओपन रखने की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, शॉर्ट-सेलर्स को कभी-कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जिसके लिए उन्हें समय से पहले अपनी होल्डिंग समाप्त करने की आवश्यकता होती है। यदि स्टॉक शॉर्ट-सेलर्स के लिए एक हॉर्ट टारगेट होता है तो शेयर्स को उधार लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि शेयरधारक जो शॉर्ट-सेलर को स्टॉक उधार देता है, उन शेयर्स को वापस चाहता है, तो आपको शॉर्ट कवर करना होगा - आपका ब्रोकर आपको ऐसा करने के लिए मजबूर करेगा, भले ही आप न चाहते हों।

शॉर्ट सेलिंग को सावधानी के साथ किया जाना चाहिए

यदि स्टॉक की कीमत गिरती है तो शॉर्ट सेलिंग लाभ का एक आकर्षक तरीका हो सकता है, लेकिन इसमें उच्च स्तर का जोखिम होता है और इसे केवल अनुभवी निवेशकों द्वारा ही किया जाना चाहिए। इसका उपयोग सावधानी के साथ और इसमें शामिल खतरों की अत्‍यधिक जांच के बाद ही किया जाना चाहिए।
 

संवादपत्र

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