- Date : 05/01/2023
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शेयर बाजार से जुड़े छह कारकों पर ध्यान देना ज़रूरी है।

Indian share market in 2023: पिछले साल पूरे विश्व के शेयर बाजारों के लिए बेहद अस्थिरता से भरा रहा है। लगातार बढ़ती महंगाई, ब्याज की ऊँची दरें, दुनिया में हो रहे युद्ध और कोविड-19 के कारण शेयर बाजार में मंदी की आशंका छाई हुई है। इन आशंकाओं के कारणों और शेयर बाजार को प्रभावित करनेवाले मुख्य कारकों को समझकर बाजार की स्थिति का आकलन करते हुए अपनी निवेश योजना बनाने से लाभ होने की संभावना बन सकती है।
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इन कारकों से प्रभावित हो सकता है शेयर बाजार
1. घरेलू आर्थिक विकास दर
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर छाई मुश्किल दर्शाती है कि भारत की आर्थिक स्थिति और बाजारों के विकास की दर मुख्य रूप से देश की आंतरिक मांग पर आधारित रहेगी। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के कई बड़े देशों की से अच्छी लग रही है और जानकारों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में यह सुधार 2023 में भी जारी रह सकता है। सरकार ने पूंजीगत खर्च को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए हैं, जिससे शेयर बाजारों को मजबूती मिल सकती है।
2. मुद्रा स्फीति और मुद्रा नीति
पिछले साल पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ती रही और इस पर रोक लगाने के लिए कई बार ब्याज की दरें बढ़ाई गईं। इस कदम से कीमतों पर कुछ हद तक अंकुश लगा लेकिन कर्ज महंगा होने से आर्थिक सुधार पर भी असर पड़ा। रोजगार और विकास दर में भी चिंताएं बढ़ीं। अमेरिका में हालात सुधरे हैं लेकिन यूरोप के कई देशों के हालात ठीक न होने से भारतीय शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है।
3. विदेशी पोर्टफोलियो से निवेश
नए साल में अगर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पूंजी निकालते हैं तो बाजार पर इसका बुरा असर हो सकता है।
4. वर्ष 2023-24 का बजट
फरवरी 2023 में प्रस्तुत होने वाले अगले बजट का भी भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार आर्थिक गतिविधियों और रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है। अगर सरकार आयकर में छूट देती है या 80सी के तहत निवेश पर राहत की सीमा बढ़ाती है तो शेयर बाजार को भी इसका लाभ मिल सकता है।
5. कोविड 19 का प्रभाव
वर्ष 2022 के अंत में कोविड-19 की महामारी के लौटने की आशंका उत्पन्न हो गई है। महामारी का यह डर भी शेयर बाजारों पर असर डाल सकता है। चीन में कोविड 19 वायरस के नए वैरिएंट से उपजे खतरे ने आर्थिक चिंताएं बढ़ा दी हैं। सभी इस बात पर निगाह रखेंगे कि चीन में हालात कैसे बनते हैं। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और व्यापर में चीन की भागीदारी के कारण उसके हालात का असर पूरी दुनिया पर हो सकता है।
6. रूस-यूक्रेन युद्ध
करीब साल भर से छिड़ा रूस-यूक्रेन युद्ध भी विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। दोनों देशों के निरंतर टकराव का प्रभाव कृषि और उद्योगों पर होगा और इसका असर शेयर बाजारों पर भी संभव है। भारत ने अब तक इन हालातों का सामना किया है फिर भी इस भू-राजनीतिक मुद्दे का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ सकता है।
ये सारे मुद्दे इस वर्ष किसी न किसी तरह शेयर बाजार को प्रभावित अवश्य कर सकते हैं। इसलिए इन पर नजर बनाए रखना चाहिए।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?
9 Stock Market Predictions for 2023
Indian share market in 2023: पिछले साल पूरे विश्व के शेयर बाजारों के लिए बेहद अस्थिरता से भरा रहा है। लगातार बढ़ती महंगाई, ब्याज की ऊँची दरें, दुनिया में हो रहे युद्ध और कोविड-19 के कारण शेयर बाजार में मंदी की आशंका छाई हुई है। इन आशंकाओं के कारणों और शेयर बाजार को प्रभावित करनेवाले मुख्य कारकों को समझकर बाजार की स्थिति का आकलन करते हुए अपनी निवेश योजना बनाने से लाभ होने की संभावना बन सकती है।
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इन कारकों से प्रभावित हो सकता है शेयर बाजार
1. घरेलू आर्थिक विकास दर
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर छाई मुश्किल दर्शाती है कि भारत की आर्थिक स्थिति और बाजारों के विकास की दर मुख्य रूप से देश की आंतरिक मांग पर आधारित रहेगी। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के कई बड़े देशों की से अच्छी लग रही है और जानकारों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में यह सुधार 2023 में भी जारी रह सकता है। सरकार ने पूंजीगत खर्च को बढ़ावा देने के कई कदम उठाए हैं, जिससे शेयर बाजारों को मजबूती मिल सकती है।
2. मुद्रा स्फीति और मुद्रा नीति
पिछले साल पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ती रही और इस पर रोक लगाने के लिए कई बार ब्याज की दरें बढ़ाई गईं। इस कदम से कीमतों पर कुछ हद तक अंकुश लगा लेकिन कर्ज महंगा होने से आर्थिक सुधार पर भी असर पड़ा। रोजगार और विकास दर में भी चिंताएं बढ़ीं। अमेरिका में हालात सुधरे हैं लेकिन यूरोप के कई देशों के हालात ठीक न होने से भारतीय शेयर बाजार पर भी असर पड़ सकता है।
3. विदेशी पोर्टफोलियो से निवेश
नए साल में अगर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पूंजी निकालते हैं तो बाजार पर इसका बुरा असर हो सकता है।
4. वर्ष 2023-24 का बजट
फरवरी 2023 में प्रस्तुत होने वाले अगले बजट का भी भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार आर्थिक गतिविधियों और रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दे सकती है। अगर सरकार आयकर में छूट देती है या 80सी के तहत निवेश पर राहत की सीमा बढ़ाती है तो शेयर बाजार को भी इसका लाभ मिल सकता है।
5. कोविड 19 का प्रभाव
वर्ष 2022 के अंत में कोविड-19 की महामारी के लौटने की आशंका उत्पन्न हो गई है। महामारी का यह डर भी शेयर बाजारों पर असर डाल सकता है। चीन में कोविड 19 वायरस के नए वैरिएंट से उपजे खतरे ने आर्थिक चिंताएं बढ़ा दी हैं। सभी इस बात पर निगाह रखेंगे कि चीन में हालात कैसे बनते हैं। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और व्यापर में चीन की भागीदारी के कारण उसके हालात का असर पूरी दुनिया पर हो सकता है।
6. रूस-यूक्रेन युद्ध
करीब साल भर से छिड़ा रूस-यूक्रेन युद्ध भी विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। दोनों देशों के निरंतर टकराव का प्रभाव कृषि और उद्योगों पर होगा और इसका असर शेयर बाजारों पर भी संभव है। भारत ने अब तक इन हालातों का सामना किया है फिर भी इस भू-राजनीतिक मुद्दे का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ सकता है।
ये सारे मुद्दे इस वर्ष किसी न किसी तरह शेयर बाजार को प्रभावित अवश्य कर सकते हैं। इसलिए इन पर नजर बनाए रखना चाहिए।
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