शेयर और शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज के बारे में जानें | What is the meaning of Share in Hindi

शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले उसके बारे में जरूरी बात जान लें ।

शेयर और शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज के बारे में जानें

जब भी आप न्यूज़ चैनल खासकर बिजनेस न्यूज़ चैनल देख रहे होते होंगे या फिर अखबार पढ़ रहे होते होंगे तो हर कारोबारी दिन सेंसेक्स, निफ्टी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, ब्लू चिप, बैंक निफ्टी, वोलेटिलिटी जैसे शब्दों से आपका सामना होता होगा। आप भी अगर इन शब्दों के साथ सक्रिय होकर जुड़ना चाहते हैं तो आपको शेयर और शेयर बाजार के बारे में पहले जानना होगा। तो आइए समझते हैं कि शेयर क्या होता है और शेयर मार्केट क्या होता है।

आसान शब्दों में कहें तो शेयर का मतलब होता है हिस्सा। अगर शेयर बाजार की भाषा में कहें तो शेयर मतलब कंपनियों में हिस्सा। शेयर को स्टॉक या इक्विटी के नाम से भी जानते हैं। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 100 शेयर जारी किए हैं और आपके पास सिर्फ एक शेयर हैं। इसका मतलब हुआ कि कंपनी में आपकी केवल एक प्रतिशत हिस्सेदारी है। आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें अपना पूरा या आंशिक हिस्सा बेच सकते हैं। इसको ऐसे समझिये, जैसे किसी घर का बंटवारा हुआ और उसमें A, B और C नामक शख्स को हिस्सा दिया गया। तो, जिसके हिस्से जितना घर आया, उतने हिस्से का वह मालिक हो गया यानी उतने हिस्से का मालिकाना हक उसे मिल गया और जब चाहे उसे बेच सकता है।

जब भी आप किसी शेयर या शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो बिना कंपनी खोले ही किसी कंपनी का मालिक बनकर आपको पैसा कमाने का मौका मिल जाता है। यही नहीं, एक और अच्छी बात ये है कि आपको कंपनी फायदेमंद नहीं लग रही है, तो वहां से पैसा निकालकर किसी दूसरी फायदेमंद कंपनी का मालिक बनकर यानी उस कंपनी के शेयर में पैसे लगाकर कमाई कर सकते हैं।

वैसे तो कोई कारोबार शुरू करना या कंपनी खोलना आसान काम नहीं है। काफी पैसे खर्च करने होते हैं, कई सारी मंजूरियां लेनी होती है, काफी सारे लाइसेंस लेने होते हैं, फिर पास पैसा नहीं हो, तो कहीं से कर्ज लेना होता है, यानी बहुत ही मगजमारी का काम है कंपनी खोलना या कारोबार शुरू करना। मान लिया कंपनी या कारोबार किसी भी तरह से शुरू भी कर दिया तो इसकी क्या गारंटी है कि उसमें आपको कामयाबी मिल ही जाएगी। कई बार तो जब लोगों की कंपनी नहीं चल पाती है या कारोबार नहीं चल पाता है तो फिर से कहीं नौकरी करने की नौबत आ जाती है। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां आप नौकरी करते हुए भी बिना कंपनी खोले या कोई कारोबार शुरू किए ही किसी कंपनी का मालिक बनकर पैसा बना सकते हैं।

शेयर बाजार एक ऐसा बाज़ार है जहां कंपनियों के शेयर या हिस्से खरीदे-बेचे जाते हैं। शेयर बाजार को स्टॉक मार्केट या इक्विटी मार्केट के नाम से भी पुकारा है। स्टॉक मार्केट शेयर को खरीदने और बेचने वालों के लिए एक साझा मंच मुहैया कराता है। यहां दोनों पक्ष शेयर का मोल-भाव करके पक्का सौदा करते हैं। पहले मुंहजबानी शेयरों की खरीद-बिक्री होती थी लेकिन अब किसी शेयर ब्रोकर के कार्यालय से या शेयर बाजार के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। निवेशक खुद से भी अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर डीमैट और ट्रेडिग अकाउंट में लॉगइन करके शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। आज तो खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते। आजकल सभी शेयर डीमटीरिअलाइज़्ड होते है। भारत में दो प्रमुख शेयर बाजार हैं-एक, बीएसई (www.bseindia.com)और दूसरा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई (www.nseindia.com)

इतना जानने के बाद आप सोच रहे रहे होंगे कि आपको कौन सी कंपनी में पैसे लगाना चाहिए। इसका सीधा जवाब है कि जिस कंपनी का कारोबार आप सही तरीके से समझते हैं, वहां पैसे लगाना चाहिए या फिर अगर जिस कंपनी में आप पैसे लगाने जा रहे हैं, पहले उसका कारोबार समझिए फिर पैसे लगाइये। जैसे आपको लगता है कि आप ऑटो कंपनी के कारोबार को अच्छी तरह से समझते हैं, तो किसी ऑटो कंपनी या ऑटो पार्ट्स बनाने में वाली कंपनी में पैसे लगा दीजिए। शेयर बाजार में अलग-अलग सेक्टर की यानी अलग अलग कारोबार करने वाली करीब छह-सात हजार कंपनियां लिस्ट हैं, यानी इतनी सारी कंपनियों में पैसे लगाने का विकल्प है आपके पास, लेकिन आपको पूरा शेयर बाजार नहीं खरीदना है, कुछ ही कंपनी के शेयरों में पैसे  लगाने हैं। शेयर बाजार में अलग-अलग कैटिगरी की कंपनियों के इंडेक्स बने हुए हैं, जिससे निवेशकों को शेयर चुनने में सहुलियत हो सके।

अब सवाल है कि शेयर बाजार में आप निवेश कैसे शुरू करेंगे। इसके लिए तीन तरह के अकाउंट होने चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट  और बैंक अकाउंट। ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट सेबी रजिस्टर्ड शेयर ब्रोकर्स के पास खुलवाना होगा, जबकि बैंक अकाउंट किसी बैंक में खुलवाना होगा। हालांकि, कई शेयर ब्रोकर्स तीनों अकाउंट की सुविधा देते हैं।

जब भी आप न्यूज़ चैनल खासकर बिजनेस न्यूज़ चैनल देख रहे होते होंगे या फिर अखबार पढ़ रहे होते होंगे तो हर कारोबारी दिन सेंसेक्स, निफ्टी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, ब्लू चिप, बैंक निफ्टी, वोलेटिलिटी जैसे शब्दों से आपका सामना होता होगा। आप भी अगर इन शब्दों के साथ सक्रिय होकर जुड़ना चाहते हैं तो आपको शेयर और शेयर बाजार के बारे में पहले जानना होगा। तो आइए समझते हैं कि शेयर क्या होता है और शेयर मार्केट क्या होता है।

आसान शब्दों में कहें तो शेयर का मतलब होता है हिस्सा। अगर शेयर बाजार की भाषा में कहें तो शेयर मतलब कंपनियों में हिस्सा। शेयर को स्टॉक या इक्विटी के नाम से भी जानते हैं। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 100 शेयर जारी किए हैं और आपके पास सिर्फ एक शेयर हैं। इसका मतलब हुआ कि कंपनी में आपकी केवल एक प्रतिशत हिस्सेदारी है। आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें अपना पूरा या आंशिक हिस्सा बेच सकते हैं। इसको ऐसे समझिये, जैसे किसी घर का बंटवारा हुआ और उसमें A, B और C नामक शख्स को हिस्सा दिया गया। तो, जिसके हिस्से जितना घर आया, उतने हिस्से का वह मालिक हो गया यानी उतने हिस्से का मालिकाना हक उसे मिल गया और जब चाहे उसे बेच सकता है।

जब भी आप किसी शेयर या शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो बिना कंपनी खोले ही किसी कंपनी का मालिक बनकर आपको पैसा कमाने का मौका मिल जाता है। यही नहीं, एक और अच्छी बात ये है कि आपको कंपनी फायदेमंद नहीं लग रही है, तो वहां से पैसा निकालकर किसी दूसरी फायदेमंद कंपनी का मालिक बनकर यानी उस कंपनी के शेयर में पैसे लगाकर कमाई कर सकते हैं।

वैसे तो कोई कारोबार शुरू करना या कंपनी खोलना आसान काम नहीं है। काफी पैसे खर्च करने होते हैं, कई सारी मंजूरियां लेनी होती है, काफी सारे लाइसेंस लेने होते हैं, फिर पास पैसा नहीं हो, तो कहीं से कर्ज लेना होता है, यानी बहुत ही मगजमारी का काम है कंपनी खोलना या कारोबार शुरू करना। मान लिया कंपनी या कारोबार किसी भी तरह से शुरू भी कर दिया तो इसकी क्या गारंटी है कि उसमें आपको कामयाबी मिल ही जाएगी। कई बार तो जब लोगों की कंपनी नहीं चल पाती है या कारोबार नहीं चल पाता है तो फिर से कहीं नौकरी करने की नौबत आ जाती है। शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां आप नौकरी करते हुए भी बिना कंपनी खोले या कोई कारोबार शुरू किए ही किसी कंपनी का मालिक बनकर पैसा बना सकते हैं।

शेयर बाजार एक ऐसा बाज़ार है जहां कंपनियों के शेयर या हिस्से खरीदे-बेचे जाते हैं। शेयर बाजार को स्टॉक मार्केट या इक्विटी मार्केट के नाम से भी पुकारा है। स्टॉक मार्केट शेयर को खरीदने और बेचने वालों के लिए एक साझा मंच मुहैया कराता है। यहां दोनों पक्ष शेयर का मोल-भाव करके पक्का सौदा करते हैं। पहले मुंहजबानी शेयरों की खरीद-बिक्री होती थी लेकिन अब किसी शेयर ब्रोकर के कार्यालय से या शेयर बाजार के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। निवेशक खुद से भी अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर डीमैट और ट्रेडिग अकाउंट में लॉगइन करके शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। आज तो खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते। आजकल सभी शेयर डीमटीरिअलाइज़्ड होते है। भारत में दो प्रमुख शेयर बाजार हैं-एक, बीएसई (www.bseindia.com)और दूसरा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई (www.nseindia.com)

इतना जानने के बाद आप सोच रहे रहे होंगे कि आपको कौन सी कंपनी में पैसे लगाना चाहिए। इसका सीधा जवाब है कि जिस कंपनी का कारोबार आप सही तरीके से समझते हैं, वहां पैसे लगाना चाहिए या फिर अगर जिस कंपनी में आप पैसे लगाने जा रहे हैं, पहले उसका कारोबार समझिए फिर पैसे लगाइये। जैसे आपको लगता है कि आप ऑटो कंपनी के कारोबार को अच्छी तरह से समझते हैं, तो किसी ऑटो कंपनी या ऑटो पार्ट्स बनाने में वाली कंपनी में पैसे लगा दीजिए। शेयर बाजार में अलग-अलग सेक्टर की यानी अलग अलग कारोबार करने वाली करीब छह-सात हजार कंपनियां लिस्ट हैं, यानी इतनी सारी कंपनियों में पैसे लगाने का विकल्प है आपके पास, लेकिन आपको पूरा शेयर बाजार नहीं खरीदना है, कुछ ही कंपनी के शेयरों में पैसे  लगाने हैं। शेयर बाजार में अलग-अलग कैटिगरी की कंपनियों के इंडेक्स बने हुए हैं, जिससे निवेशकों को शेयर चुनने में सहुलियत हो सके।

अब सवाल है कि शेयर बाजार में आप निवेश कैसे शुरू करेंगे। इसके लिए तीन तरह के अकाउंट होने चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट, डीमैट अकाउंट  और बैंक अकाउंट। ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट सेबी रजिस्टर्ड शेयर ब्रोकर्स के पास खुलवाना होगा, जबकि बैंक अकाउंट किसी बैंक में खुलवाना होगा। हालांकि, कई शेयर ब्रोकर्स तीनों अकाउंट की सुविधा देते हैं।

संवादपत्र

संबंधित लेख

Union Budget