- Date : 14/02/2022
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- Read in English: Top 7 tax saving investments to consider in 2022
क्या आप अधिक इनकम टैक्स नहीं चुकाना चाहते हैं? यहां उन निवेश साधनों की जानकारी दी गई है, जहां 2022 में निवेश करके इनकम टैक्स बचा सकते हैं।
हर साल इनकम टैक्स का भुगतान करना एक परेशानी की तरह लग सकता है, लेकिन यह जरूरी भी है। यदि आप कमाते हैं और टैक्स के दायरे में आते हैं, तो आपके लिए भारत सरकार को टैक्स देना कानूनी बाध्यता है। यह अच्छी बात है कि इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 आपको कई निवेशों पर टैक्स कटौती का लाभ देकर टैक्स बचाने की सुविधा देता है।
आप निम्नलिखित इनकम टैक्स बचत विकल्पों के जरिये धारा 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं।
भारत सरकार द्वारा समर्थित पीपीएफ खाता सुरक्षित इनकम टैक्स बचत विकल्प है, जिसका इस्तेमाल सेवानिवृत्ति जैसे दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है। पीपीएफ से लगभग 7% से 9% तक सालाना ब्याज की उम्मीद कर सकते हैं। साथ ही धारा 80 सी के तहत टैक्स कटौती का भी लाभ ले सकते हैं।
एनपीएस सरकार द्वारा प्रायोजित पेंशन योजना है, जो टैक्स बचाने वालों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के साथ टैक्स बचाने का भी मौका देती है। यह योजना धारा 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की और धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की टैक्स बचत की सुविधा देती है।
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5 साल की टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी):
एफडी देश के सभी इनकम ग्रुप में सबसे लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है। 5 साल की एफडी का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, सरकार अर्जित ब्याज पर टीडीएस काटती है।
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राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी):
एनएससी भी सरकार समर्थित बचत योजना है। कम जोखिम लेने की क्षमता वाले निवेशकों के लिए यह एक अच्छा बचत साधन हो सकता है। एनएससी में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, इसलिए इसका उपयोग कार खरीदने जैसे अल्पकालिक लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है।
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस):
यदि आप सोच रहे हैं कि टैक्स बचाने और अपेक्षाकृत अधिक रिटर्न अर्जित करने के लिए कहां निवेश किया जाए, तो ईएलएसएस जैसे टैक्स सेविंग फंड पर विचार कर सकते हैं। यह एक प्रकार का म्युचुअल फंड है, जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करता है। ईएलएसएस फंड में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है और इसका उपयोग धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ लेते हुए विभिन्न लघु और दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है।
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जीवन बीमा प्रीमियम:
जीवन बीमा योजना के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम का इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए कर सकते हैं। जीवन बीमा योजनाएं भारत में सबसे अच्छे टैक्स बचत विकल्पों में से एक हैं और वे आपको आपकी अनुपस्थिति में आपके प्रियजनों की सुरक्षा करने में भी मदद करती हैं। हालांकि, टैक्स कटौती का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तों को मानना पड़ता है। अगर प्लान 31 मार्च 2012 से पहले जारी किया गया था, तो प्रीमियम सम एश्योर्ड का 20% होना चाहिए। हालांकि, अगर प्लान 1 अप्रैल 2012 के बाद जारी किया गया था, तो प्रीमियम सम एश्योर्ड का 10% होना चाहिए।
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होम और एजुकेशन लोन:
आप सेक्शन 80सी के तहत होम लोन के मूलधन पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। आप धारा 24बी के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर अतिरिक्त 2 लाख रुपये का दावा कर सकते हैं। आप सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर भी टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।
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आखिरी शब्द
हमने आपकी इनकम टैक्स देनदारी को कम करने वाले सात निवेश साधनों की जानकारी दी। अब जब आप समझदारी से निवेश करना और इनकम टैक्स बचाना जानते हैं, तो अपनी टैक्स देनदारी को कम करने के लिए इनमें से किसी में भी निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं।