6 Government initiatives to support girl child

यहां कुछ सरकारी योजनाएं दी गई हैं जो विशेष रूप से लड़कियों के उज्ज्वल भविष्य की योजना बनाने के लिए तैयार की गई हैं

X Government initiatives to support girl child

Ladkiyon ke liye yojana: समय भले ही बदला हो, मगर देश में कुछ समस्याएं आज तक समाप्त नहीं हो पाई हैं। कन्या-भ्रूण हत्या से लेकर बालिका शिक्षा और दहेज उत्पीड़न तक कई चुनौतियाँ आज भी कायम हैं। समय-समय लड़कियों के लिए सरकारी योजना लाई गई हैं जिनसे इन चुनौतियों से निपटा जा सके। मौजूदा समय में ऐसी कई सरकारी योजनाएं मौजूद हैं जो लड़कियों और उनके माता-पिता के लिए अत्यंत फायदे की हैं। आइए जानते हैं 2022 मे मौजूद ऐसी 6 खास योजनाएं क्या हैं और कैसे उनका लाभ उठाया जा सकता है।

X Government initiatives to support girl child

सरकार द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख कदम इस प्रकार हैं: 

1. बालिका समृद्धि योजना: लड़कियों के लिए यह सरकारी योजना, बीपीएल परिवारों में जन्म के लिए है। महिला और बाल विकास मंत्रालय की देखरेख में, इस सरकारी योजना का उद्देश्य जन्म के समय बालिका और उसकी माँ के प्रति लोगों के नकारात्मक रवैये को बदलना है। इस योजना में जन्म के बाद 500 रुपए की अनुदान राशि दी जाती है। इसके अलावा बालिका अपने ग्रेड के आधार पर वार्षिक छात्रवृत्ति की हकदार होती है। ग्रेड I, II और III में 300 रुपए, ग्रेड IV में 500 रुपए, ग्रेड V में 600 रुपए, ग्रेड VI और VII में 700 रुपए, ग्रेड VIII में 800 रुपए; और ग्रेड IX और X में 1,000 रुपए की वार्षिक सहायता दी जाती है। राशि बालिकाओं के बचत खाते में जमा की जाती है और बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर कुल राशि निकाली जा सकती है।

2. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: 2015 में शुरू किया गया, ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। इस योजना का उद्देश्य गिरते बाल लिंगानुपात को संबोधित करना, बालिकाओं के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना, और बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। लड़कियों के लिए सरकारी योजना के अंतर्गत, एक जिले में दसवीं और बारहवीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली शीर्ष दस छात्राओं को 5,000 रुपए दिए जाते हैं। साथ ही, जिले में बारहवीं कक्षा की राज्य बोर्ड परीक्षा की गर्ल टॉपर जो उच्च शिक्षा के लिए नामांकन करवाती है, उसे 20,000 रुपए दिए जाते हैं।

3. सुकन्या समृद्धि योजना: सुकन्या समृद्धि योजना एक बचत जमा योजना है जिसकी देखरेख राष्ट्रीय बचत संस्थान, वित्त मंत्रालय करता है। इस लड़कियों के लिए सरकारी योजना का उद्देश्य माता-पिता को लड़की की शिक्षा या शादी के खर्चों को पूरा करने में सक्षम बनाना है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 और अधिकतम 1,50,000 रुपए के निवेश की सुविधा मौजूद है। निवेश किया गया मूलधन, अर्जित ब्याज दर और परिपक्वता राशि सभी कर-मुक्त होते हैं। यह खाताधारक के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद आंशिक निकासी और 21 वर्ष के बाद पूर्ण निकासी की अनुमति देता है। खाता किसी भी अधिकृत बैंक के डाकघरों और शाखाओं में खोला जा सकता है।

4. सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए बीएसई मेरिट स्कॉलरशिप योजना: सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए सीबीएसई मेरिट स्कॉलरशिप योजना का उद्देश्य ऐसे माता-पिता के प्रयासों को पहचानना है, जो लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देते हैं। यह सीबीएसई स्कूलों में ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की छात्राओं को दिया जाता है। एक बालिका दो साल के लिए 500 रुपये प्रति माह रुपये की हकदार होती है। इसके लिए, छात्रा अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होनी चाहिए और उसे सीबीएसई दसवीं कक्षा की परीक्षा में 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने चाहिए।

5. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बालिका शिक्षा योजना, 2004 में शुरू की गई लड़कियों के लिए सरकारी योजना है, जो मुख्य रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित लड़कियों के लिए उच्च प्राथमिक स्तर पर मुफ्त आवासीय विद्यालय की सुविधा देती है। यह बालिका योजना देश के शैक्षिक रूप से पिछड़े प्रखंडों में कार्यान्वित की जा रही है जहाँ महिला ग्रामीण साक्षरता राष्ट्रीय औसत से कम है और साक्षरता में लिंग अंतर राष्ट्रीय औसत से ऊपर है।

6. माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना: 2008 में शुरू की गई इस लड़कियों के लिए सरकारी योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित बालिकाओं और 14-18 वर्ष की आयु वर्ग में माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या डाकघर में पात्र लड़कियों के नाम 3,000 रुपये की एक निश्चित राशि जमा की जाती है। लड़की के 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने या मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद ब्याज सहित राशि निकाली जा सकती है।

लड़कियों के लिए अन्य सरकारी योजनाएं

उपर्युक्त योजनाओं के अलावा, कई राज्य समर्थित लड़कियों के लिए सरकारी योजना भी उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं; हरियाणा की लाडली योजना, मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना, कर्नाटक की भाग्यलक्ष्मी योजना, महाराष्ट्र की माझी कन्या भाग्यश्री योजना, पश्चिम बंगाल की कन्याश्री प्रकल्प, उत्तराखंड की नंदा देवी कन्या योजना, बिहार की मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना और राजस्थान की मुख्यमंत्री राजश्री योजना। गांधी जी का मानना था कि जब एक लड़की सुरक्षित और शिक्षित होती है, तो यह पूरी तरह से समाज के नैतिक और बौद्धिक विकास के रूप में दिखाई देता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि ये योजनाएं सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे और अधिक से अधिक बालिकाएं इसका लाभ उठा सकें।

अंतत: 

पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं भारतीय समाज में बालिकाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह एक अच्‍छा संकेत है और साथ ही महात्‍मा गांधी के विचारों के भी अनुरूप है। गांधी जी का मानना था कि जब एक लड़की सुरक्षित और शिक्षित होती है, तो यह पूरी तरह से समाज के नैतिक और बौद्धिक विकास के रूप में दिखाई देता है। 

संवादपत्र

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