- Date : 30/04/2018
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आपके रिटायर होने में चाहे कुछ साल या दशक बाकी हों, लेकिन जरूरी है कि है आप पहले से ही रिटायरमेंट के लिए योजना बनाएं और बचत करें। रिटायरमेंट के लिए योजना बनाना काफी मुश्किल काम लगता है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो रिटायरमेंट के बाद का आपका जीवन चिंतामुक्त और सुखद हो सकता है।

एगॉन द्वारा साल 2015 में किए गए ग्लोबल रिटायरमेंट रेडीनेस सर्वे के मुताबिक औसत तौर पर भारतीय कर्मचारियों के पास आदर्श रूप से रिटायरमेंट के बाद जिंदगी गुजारने के लिए लगने वाली पूंजी के मुकाबले 30 फीसदी की कम आय होगी।
आइए देखते हैं कि रिटायरमेंट के लिए योजना बनाते वक्त लोग क्या आम गलतियां करते हैं और इन गलतियों से कैसे बचा जा सकता है।
- रिटायरमेंट के बाद कैसी जीवनशैली चाहिए इसका फैसला नहीं करते
ये इस बात पर निर्भर करता है कि क्या आप रिटायरमेंट के बाद मौजूदा जीवनशैली जारी रखना चाहते हैं या नहीं। क्या आप कई बार रेस्त्रां में जाना पसंद करेंगे? क्या हर हफ्ते थिएटर जाना चाहेंगे? क्या हर साल विदेश यात्रा करनी है? क्या प्रॉपर्टी खरीदनी है? अगर आप सोचेंगे नहीं कि आपको रिटायरमेंट के बाद कैसी जीवनशैली चाहिए, तो ये तय करना मुश्किल होगा कि आपको कितना पैसा बचाना, निवेश और खर्च करना चाहिए।
ये निश्चित करने की जरूरत है कि आपको रिटायरमेंट के बाद कितनी पूंजी जरूरत होगी। आमतौर पर मौजूदा सालाना आय का 80 फीसदी के बराबर आय काफी होगी। इस रिटायरमेंट कैलकुलेटर की मदद से आप सटीक आंकड़ा पता कर सकते हैं।
- बहुत कम और देर से बचत करना
आदर्शरूप से पहला वेतन मिलने के साथ ही रिटायरमेंट के लिए बचत करनी शुरू कर देनी चाहिए, जब आप युवा हैं आपके ऊपर घर का लोन, कार लोन और कई बीमा पॉलिसी जैसे बोझ नहीं है। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया है, तो तुरंत बचत करना शुरू दें और कंपाउंडिंग का फायदा उठाएं। एम्प्लॉइईज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) बचत करने का सुरक्षित तरीका है और इससे आपकी आय का एक तय हिस्सा बचत में जाता है और इसपर करीब 8.5 फीसदी का ब्याज मिलता है जो फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से थोड़ा ज्यादा है। आमतौर पर मासिक वेतन के 30 फीसदी बराबर बचत करने की सलाह दी जाती है।
- आर्थिक उतार-चढ़ाव के लिए पर्याप्त तैयारी न करना
समझिए किसी उत्पाद की कीमत आज 50 रुपये है। सालाना 7 फीसदी की महंगाई दर के आधार पर 30 साल के बाद उसी उत्पाद की कीमत 381 रुपये हो जाएगी! इसलिए सलाह दी जाती है कि महंगाई को मात देने के लिए रिटायरमेंट के लिए बचत की गणना करते वक्त, रिटायरमेंट के पहले और बाद के लिए, महंगाई दर के कुछ प्रतिशतता अंक ऊपर बचत करें। इसी तरह अर्थव्यवस्था में मंदी आने की वजह से नौकरी जाने या प्रॉपर्टी में किए हुए निवेश में नुकसान से उबरने के लिए आपके पास बचत और निवेश होना जरूरी है।
- पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा न लेना
आपके परिवारिक इतिहास और निजी स्वास्थ्य को देखते हुए आपको चिकित्सीय आपातकाल से निपटने के लिए योग्य तरीका अपनाना चाहिए।
अपनेआप से तीन सवाल पूछें:
- आपका स्वास्थ्य संपत्ति है। क्या इसके लिए आपने पर्याप्त कवर लिया है?
- क्या आपका स्वास्थ्य बीमा अल्जाइमर्स, मधुमेय और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को कवर करता है?
- भारत में इलाज का खर्च – क्या आप इसका बोझ उठा पाएंगे? (इंफोग्राफिक)
सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने आप को तंदुरुस्त बनाने में देरी न करें। इसकी शुरुआत करने के लिए आप ये कुछ तथ्य और आंकड़ों को पढ़ सकते हैं।
- फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को डाइवर्सफाइ न करना
चाहे फिक्स्ड डिपॉजिट सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प हो, लेकिन इस पर मिल वाला ब्याज टैक्स कटने के बाद सिर्फ 7-8 फीसदी ही होता है, जबकि इक्विटी और बैलेंस्ड विकल्प जैसे यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान और म्युचुअल फंड्स से ज्यादा रिटर्न मिलता है। आपको सही दिशा दिखाने के लिए हम लाए हैं:
- निवेश विकल्प – आम विकल्पों के आगे सोचिए
- फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को डाइवर्सफाइ करने के आसान तरीके
बोनस टिप
ये कहने की जरूरत नहीं है कि अपरिहार्य परिस्थितियों के अलावा आपको रिटायरमेंट फंड में से किसी दूसरे खर्च के लिए पूंजी नहीं निकालनी चाहिए। रिटायरमेंट के लिए योग्य योजना बनाने से आप सुनिश्चित हो सकते हैं रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी आपके लिए और आपके परिवार के लिए सुखद और चिंता मुक्त होगी, इसलिए तुरंत योजना बनाना शुरू करें।