How Is Asset Allocation Linked To Retirement Planning Hindi

सही रिटायरमेंट योजना बनाना सिर्फ पैसों का अनुशासन ही नहीं है। बल्कि, निवेश की सही रणनीति बनाना ही सुनिश्चित करेगा कि रिटायरमेंट के बाद की आपकी जिंदगी वित्तीय तौर पर सुरक्षित रहे। अपने सुरक्षित भविष्य के लिए समझदारी और निवेश के रवैये में लचीलापन लाने से आप बेहतर निवेश रणनीति बना सकते हैं।

एसेट अलोकेशन कैसे रिटायरमेंट की योजना से जुड़ा है?

सही निवेश रणनीति का सबसे सटीक सबूत है खुशहाल और चिंता-मुक्त रिटायरमेंट। जहां एक तरह काम करने वाला व्यक्ति जरूरत पड़ने पर ज्यादा कमाई करके वित्तीय खर्चों को पूरा कर सकता है और आपातकालीन परिस्थितियों का सामना कर सकता है। वहीं, सेवानिवृत्त व्यक्ति सही रिटायरमेंट योजना की मदद से ही सामान्य जिंदगी गुजार सकता है। रिटायरमेंट की योजना बनाते वक्त महंगाई, आवंटन का प्रतिकूल असर, नुकसान का जोखिम और दूसरे आकस्मिक खर्चों को ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, इस बात का भी ख्याल रहे कि पूरी आय को रिटायरमेंट योजना में लगाया नहीं जा सकता है।

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सही रिटायरमेंट योजना का एक अहम पहलू है एसेट एलकेशन में समझदारी। एसेट एलकेशन से तात्पर्य है आपकी सीमित पूंजी का अलग-अलग एसेट श्रेणी में निवेश के लिए आवंटन करना ताकि रिटायरमेंट के वक्त आपके पास पर्याप्त पैसे हों। आपके हाथ में जो पैसा है वो संपत्ति बनाने का जरिया है। आपके पास पूंजी लगाने के लिए कई निवेश विकल्प मौजूद हैं जैसे सोना, फिक्स्ड डिपॉजिट, प्रॉपर्टी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर बाजार, आदि।

एसेट एलकेशन और रिटायरमेंट योजना के बीच के रिश्ते को बेहतर तरीके से समझने के लिए एक उदाहरण का इस्तेमाल करते हैं। श्रीमान अ और श्रीमान ब का उदाहरण लेते हैं। दोनों ने 30 साल की उम्र में रिटायरमेंट के लिए योजना बनाना शुरू किया और दोनों की निवेश समयसीमा 30 साल है।

श्रीमान अ की निवेश रणनीति

श्रीमान अ ने अपने पोर्टफोलियो में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी), प्रॉपर्टी, सोने के गहने, अनुइटी पॉलिसी और शेयर बाजार में निवेश को शामिल किया है।

श्रीमान अ ने पहला वेतन मिलने के साथ ही एसआईपी शुरू की। उन्होंने उनको मिले सालाना बोनस का इस्तेमाल रिटायरमेंट प्लान खरीदने में किया। 35 साल की उम्र में श्रीमान अ ने बड़ा घर खरीदा और उनकी 50 साल की उम्र तक घर की कर्ज उतारने की योजना रही। 40 साल की उम्र में उन्होंने अपने म्यूचुअल फंड में निवेश के साथ-साथ शेयर बाजार में सीधा निवेश करना शुरू किया।

50 साल की उम्र में श्रीमान अ ने कम जोखिम के साथ कम रिटर्न देने वाले डेट फंड में निवेश करना पसंद किया। 55 साल की उम्र में उन्होंने रिटायरमेंट के बाद के लिए छोटा घर खरीदा और पहले घर को बेचने से मिली अतिरिक्त रकम को फिक्डस्ड डिपॉजिट में निवेश किया।

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श्रीमान ब की निवेश रणनीति

श्रीमान ब ने मासिक बचत और सालाना बोनस को शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया। उनकी ज्यादा जोखिम और ज्यादा रिटर्न की रणनीति कामयाब रही और 40 साल की उम्र में उन्होंने अपना निवेश निकाल लिया और पूंजी से प्रॉपर्टी खरीदी।

50 साल की उम्र में श्रीमान ब ने घर बेचने का फैसला किया और मिली रकम को अनुइटी प्लान में लगाया। 55 साल की उम्र में श्रीमान ब को ज्यादा जोखिम और ज्यादा रिटर्न वाले शेयर बाजार के निवेश विकल्प में मजबूरन पैसा लगाना पड़ा जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी गुजारने के लिए घर खरीदने के लिए पर्याप्त रकम मिल सके।

रिटायरमेंट के लिहाज से श्रीमान अ और श्रीमान ब दोनों ने ही एक जैसे एसेट श्रेणी नें निवेश किया। लेकिन, श्रीमान अ के बेहतर स्थिति में होने की वजह है बेहतर एसेट एलकेशन।

रिटायरमेंट योजना के लिए सही एसेट एलकेशन

व्यापक सही रिटायरमेंट योजना बनाना मुश्किल का काम है, लेकिन एसेट एलकेशन के दौरान इन बातों को ध्यान में रखना अहम है-

  • ज्यादा जोखिम वाले निवेश कम उम्र में करें
  • किसी एक एसेट श्रेणी में ही निवेश न करें। जोखिम कम करने के लिए अलग-अलग एसेट श्रेणियों में निवेश करें। मंदी के दौरान सोना पसंदीदा होता है और तेजी आने पर शेयर बाजार की ओर निवेशकों का रुझान बढ़ता है, इसलिए दोनों में ही निवेश करें ताकि आपका रिटायरमेंट वित्तीय जोखिम से मुक्त रहे।
  • हर एसेट श्रेणी में भी जोखिम कम करने पर ध्यान दें। शेयर बाजार में सीधे निवेश के जोखिम को कम करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में भी पैसा लगाएं।
  • समय-समय पर निवेश रणनीति की समीक्षा करें ताकि परिस्थितियों के मुताबिक बदलाव किए जा सकें। रिटायरमेंट के लिहाज से छोटा घर खरीदकर अतिरिक्त पूंजी अलग रखना समझदारी का काम है न कि महंगे रखरखाव वाले बड़े घर में रहना।
  • रिटायरमेंट नजदीक आने पर और अपने वित्तीय लक्ष्य के करीब पहुंचने पर निश्चित आय, निवेश की ज्यादा तरलता (लिक्विडिटी), कम जोखिम पर जोर दें और इक्विटी फंड से निकलकर डेट फंड में निवेश करें।
  • महंगाई की दर को हमेशा ध्यान में रखें ताकि आपके निवेश के वास्तविक रिटर्न आपकी रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए पर्याप्त हों।

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सही एसेट एलकेशन का राज है समझदारी के साथ लचीलापन। बेहद सुरक्षित निवेश रणनीति जिसमें आप सिर्फ सरकारी बॉन्ड में ही पूंजी लगाएंगे कारगर नहीं होगी जबतक आप को विरासत में बहुत धन नहीं मिलता है। वहीं, आक्रामक और ज्यादा जोखिम वाली निवेश रणनीति के तहत 5 साल की मंदी भी आपको रिटायरमेंट में कंगाल बना सकती है।

रिटायरमेंट प्लानिंग में कोई विजेता या हारने वाला नहीं होता है। श्रीमान ब भी आराम से रिटायरमेंट गुजार सकते हैं अगर उनकी ज्यादा जोखिम वाली रणनीति काम करती है। हालांकि, इसमें दो राय नहीं है कि श्रीमान अ की वित्तीय स्थिति बेहतर है और उनका रिटायरमेंट चिंता-मुक्त होना लगभग तय है।

तो आप क्या बनना चाहते हैं?

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