- Date : 13/09/2022
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रिटायरमेंट के बाद के नियोजन के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक बेहतर विकल्प।

NPS calculator: नेशनल पेंशन सिस्टम द्वारा रिटायरमेंट के बाद का नियोजन करने के लिए बहुत अच्छे विकल्प उपलब्ध कराए जाते हैं। इसी कड़ी में ऐसा प्रावधान बनाया गया है कि ग्राहक या उपभोक्ता स्कीम की अवधि पूरी होने पर पूरा का पूरा कॉर्पस नहीं निकाल सकेंगे। उन्हें एनपीएस कॉर्पस का 40% तक का हिस्सा किसी न किसी जीवन बीमा के एनयूटी स्कीम में लगाना ही होगा। यह राशि एनयूटी रेग्युलर पेंशन के रूप में रिटायरमेंट के बाद प्राप्त होगी। इसकी कुछ खास विशेषताओं में शामिल है:
- सेवानिवृत्ति के बाद के कॉर्पस के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम सबसे अच्छा विकल्प
- आमदनी के समय से पेंशन का नियोजन सम्भव
- मैच्युरिटी के बाद कुछ राशि से एनयूटी ख़रीदना अनिवार्य
यह सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीम है। इसमें कमाई के समय से ही पेंशन योजना में निवेश करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मैच्युरिटी के बाद उपभोक्ता एक बडा हिस्सा एकमुश्त निकाल सकता है परंतु सारा धन नहीं निकाल सकेगा। उसे कुछ राशि से प्रतिमाह रिटर्न देनेवाली पेंशन स्कीम एनयूटी ख़रीदने में ख़र्च करनी होगी।
“एनपीएस निवेश का बेहद अच्छा ज़रिया है। इसकी रचना कुछ इस प्रकार की गई है कि उपभोक्ता को सेवानिवृत्ति के बाद ख़र्च के लिए किसी का मुँह न देखना पड़े |” यह कहना है फिनोलोजी व्हेंचर्स के सीईओ परंजल कामर का। इस योजना की विशेषता है कि इसमें पीपीएफ और फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक फ़ायदा मिलता है और जोखिम भी इक्विटी से कम है।
नेशनल पेंशन सिस्टम में चार क्लास हैं, इक्विटी, सरकारी बाँड्ज, कॉरपोरेट डेट और ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स। निवेशक एनपीसी में दो प्रकार से निवेश कर सकते हैं, एक्टिव और ऑटो चॉइस।
यह भी पढ़ें: रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त इन 5 गलतियों से बचें
नहीं निकाल पाएँगे पूरी रक़म
उपभोक्ता स्कीम के मैच्योर होने पर अपनी पूरी रक़म नहीं निकाल सकता। उसे अपनी कुल राशि का 40 प्रतिशत किसी भी जीवन बीमा योजना के एनयूटी प्लान को ख़रीदने में ख़र्च करना होगा। एनयूटी प्लान उसे प्रतिमाह की पेंशन के रूप में भविष्य में प्राप्त होगी जो उसे सेवानिवृत्ति के बाद मिलेगी। शेष 60% धन निकालने की सुविधा होगी जबकि यदि उपभोक्ता चाहे तो उसका भी कुछ हिस्सा एनयूटी प्लान ख़रीदने में ख़र्च किया जा सकता है। यानी उपभोक्ता के पास की सारी रकम का 40% से लेकर 100% तक एनयूटी प्लान ख़रीदने में ख़र्च किया जा सकता है।
75,000 की पेंशन प्राप्त करने के लिए उपाय
यदि उपभोक्ता को सेवानिवृत्ति के बाद 75 हज़ार की पेंशन चाहिए तो मैच्योरिटी के समय 60 साल की उम्र में उसके पास 3.83 करोड़ का कॉर्पस होना चाहिए। यहाँ यह माना जा रहा है कि एनयूटी प्लान सिर्फ़ 40% का है और सालाना एनयूटी रेट मात्र 6% का है। ऐसे में 75 हज़ार की पेंशन के लिए कुछ उपाय करने होंगे| एक विकल्प के अनुसार यदि 25 वर्ष की आयु से 35 साल तक प्रतिमाह 10 हज़ार का निवेश किया जाए तो सालाना 10% की दर से रिटर्न मिलने पर मैच्योरिटी होने पर उसके पास 3,82,82,768 का कॉर्पस तैयार होगा। ऐसे में अपने कॉर्पस का मात्र 40% एनयूटी प्लान पर ख़र्च करने के बाद उसे प्रतिमाह 76,566 की पेंशन प्राप्त होगी।
यह भी पढ़ें: इन प्रभावी बजट विधियों के साथ क़र्ज़ मुक्त हो जाएं
NPS Calculator for Retirement Planning
NPS calculator: नेशनल पेंशन सिस्टम द्वारा रिटायरमेंट के बाद का नियोजन करने के लिए बहुत अच्छे विकल्प उपलब्ध कराए जाते हैं। इसी कड़ी में ऐसा प्रावधान बनाया गया है कि ग्राहक या उपभोक्ता स्कीम की अवधि पूरी होने पर पूरा का पूरा कॉर्पस नहीं निकाल सकेंगे। उन्हें एनपीएस कॉर्पस का 40% तक का हिस्सा किसी न किसी जीवन बीमा के एनयूटी स्कीम में लगाना ही होगा। यह राशि एनयूटी रेग्युलर पेंशन के रूप में रिटायरमेंट के बाद प्राप्त होगी। इसकी कुछ खास विशेषताओं में शामिल है:
- सेवानिवृत्ति के बाद के कॉर्पस के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम सबसे अच्छा विकल्प
- आमदनी के समय से पेंशन का नियोजन सम्भव
- मैच्युरिटी के बाद कुछ राशि से एनयूटी ख़रीदना अनिवार्य
यह सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीम है। इसमें कमाई के समय से ही पेंशन योजना में निवेश करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मैच्युरिटी के बाद उपभोक्ता एक बडा हिस्सा एकमुश्त निकाल सकता है परंतु सारा धन नहीं निकाल सकेगा। उसे कुछ राशि से प्रतिमाह रिटर्न देनेवाली पेंशन स्कीम एनयूटी ख़रीदने में ख़र्च करनी होगी।
“एनपीएस निवेश का बेहद अच्छा ज़रिया है। इसकी रचना कुछ इस प्रकार की गई है कि उपभोक्ता को सेवानिवृत्ति के बाद ख़र्च के लिए किसी का मुँह न देखना पड़े |” यह कहना है फिनोलोजी व्हेंचर्स के सीईओ परंजल कामर का। इस योजना की विशेषता है कि इसमें पीपीएफ और फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक फ़ायदा मिलता है और जोखिम भी इक्विटी से कम है।
नेशनल पेंशन सिस्टम में चार क्लास हैं, इक्विटी, सरकारी बाँड्ज, कॉरपोरेट डेट और ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स। निवेशक एनपीसी में दो प्रकार से निवेश कर सकते हैं, एक्टिव और ऑटो चॉइस।
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नहीं निकाल पाएँगे पूरी रक़म
उपभोक्ता स्कीम के मैच्योर होने पर अपनी पूरी रक़म नहीं निकाल सकता। उसे अपनी कुल राशि का 40 प्रतिशत किसी भी जीवन बीमा योजना के एनयूटी प्लान को ख़रीदने में ख़र्च करना होगा। एनयूटी प्लान उसे प्रतिमाह की पेंशन के रूप में भविष्य में प्राप्त होगी जो उसे सेवानिवृत्ति के बाद मिलेगी। शेष 60% धन निकालने की सुविधा होगी जबकि यदि उपभोक्ता चाहे तो उसका भी कुछ हिस्सा एनयूटी प्लान ख़रीदने में ख़र्च किया जा सकता है। यानी उपभोक्ता के पास की सारी रकम का 40% से लेकर 100% तक एनयूटी प्लान ख़रीदने में ख़र्च किया जा सकता है।
75,000 की पेंशन प्राप्त करने के लिए उपाय
यदि उपभोक्ता को सेवानिवृत्ति के बाद 75 हज़ार की पेंशन चाहिए तो मैच्योरिटी के समय 60 साल की उम्र में उसके पास 3.83 करोड़ का कॉर्पस होना चाहिए। यहाँ यह माना जा रहा है कि एनयूटी प्लान सिर्फ़ 40% का है और सालाना एनयूटी रेट मात्र 6% का है। ऐसे में 75 हज़ार की पेंशन के लिए कुछ उपाय करने होंगे| एक विकल्प के अनुसार यदि 25 वर्ष की आयु से 35 साल तक प्रतिमाह 10 हज़ार का निवेश किया जाए तो सालाना 10% की दर से रिटर्न मिलने पर मैच्योरिटी होने पर उसके पास 3,82,82,768 का कॉर्पस तैयार होगा। ऐसे में अपने कॉर्पस का मात्र 40% एनयूटी प्लान पर ख़र्च करने के बाद उसे प्रतिमाह 76,566 की पेंशन प्राप्त होगी।
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