- Date : 05/02/2023
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भारत की अर्थव्यव्था तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। लेकिन पुराने पेंशन योजना को लागू करने को लेकर कई तरह की चिंताएं जाहिर की जा रही हैं।

नई दिल्ली। Pension Scheme: श्रीलंका में इकोनॉमी के मोर्चे पर डिफाल्ट हो चुका है। वही पाकिस्तान की इकोनॉमी बुरी दौर से गुजर रही है। वहां खाने-पीने की चीजों की कमी हो गई है। कुछ इसी तरह के दावे भारत को लेकर किए जा रहे हैं। यह दावे कोई और नहीं कर रहा है, बल्कि भारत की सत्ता में शामिल बीजेपी के नेता खुद ही दावा कर रहे हैं कि भारत श्रीलंका और पाकिस्तान के रास्ते पर है। हालांकि इन दावों में कितना कितनी हकीकत है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
दरअसल सारा मामला पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर है। हरियाणा के सीएम खट्टर ने बयान दिया है कि अगर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाता है, तो देश की अर्थव्यवस्था पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा, जो भारत की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद खतरनाक साबित होगा। उन्होंने कहा कि 2006 में उस वक्त के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से भी पुरानी पेंशन योजना को गलत बताया गया था।
सीएम खट्टर ने व्हाट्सएप मैसेज के हवाले से दावा किया कि केंद्र सरकार के अधिकारी की मानें, तो अगर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू होती है, साल 2030 तक भारत दिवालिया हो सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पुरानी पेंशन योजना को खतरनाक बताया है और राज्यों को इस योजना को वापस लेने की सलाह दी है। बता दें कि गैर भाजपा शासित राज्यों में पुराने पेंशन योजना को मुद्दा बनाकर सस्ता में वापसी की गई है। ऐसे में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर रहे हैं। वही पंजाब सरकार भी पुरानी पेंशन योजना लागू कर रही है।
क्या है पुरानी पेंशन योजना
साल 2004 में केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को रद्द कर दिया था। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर माह आखिरी सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा दिया जाता था। मतलब अगर रिटारमेंट के वक्त आपने 30 हजार रुपये सैलरी हासिल की है, तो आपको रिटायरमेंट के बाद हर माह 15 हजार रुपये मिलेंगे जिसे 2004 में बंद कर दिया गया। था। हालांकि कुछ राज्य सरकारें इस योजना को दोबारा लागू कर रही हैं।