Kya aap Vidhwa Pension Yojana ke baare mein jaante hai

पति की मौत के बाद पैसों की तंगी है, तो ये सरकारी योजना आपकी मदद करेगी। इस योजना के बारे में हर छोटी-बड़ी बातें यहां जानिए ।

विधवा पेंशन योजना का लाभ कैसे उठाएं

घर-परिवार में किसी की भी मौत गहरा सदमा दे जाती है। घर में कमाने वाला चला जाए तो परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। परिवार पर रोजी-रोटी की आफत आ जाती है। अगर कोई गरीब महिला विधवा हो जाती है, उसके लिए जीवन-यापन करना कुछ ज्यादा ही मुश्किल हो जाता है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विधवाओं की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा के लिए चलाई जा रही विधवा पेंशन योजना काफी काम आती है। इस योजना का मकसद आर्थिक रूप से गरीब बेसहारा जरूरतमंद विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वो आत्मनिर्भर और सशक्त बनकर अपना और अपने परिवार का जीवनयापन अच्छे से कर सकें। 

संविधान ने विधवाओं के कल्याण की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य दोनों को सौंपी है। इसलिए गरीब विधवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही विधवा पेंशन योजना चलाते हैं। हालांकि, पेंशन योजना का नाम, पेंशन के लाभार्थी की योग्यता, पेंशन की रकम, पेंशन देने की प्रक्रिया केंद्र और राज्यों के लिए अलग-अलग हो सकती है। 

>विधवा पेंशन योजना की खास बातें: 

यह उन महिलाओं को मिलती है जिसका पति गुजर गया है। इस योजना का लाभ केंद्र सरकार द्वारा तय गरीबी रेखा के नीचे जिंदगी गुजर-बसर करने वाली योग्य विधवा महिलाओं को मिलेगा। साथ ही घर में कोई कमाने वाला नहीं होना चाहिए। विधवा की दूसरी शादी ना हुई हो। कम से कम उम्र 18 साल होनी चाहिए। नाबालिग विधवाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है। साथ ही विधवा जिस राज्य में पेंशन के लिए आवेदन कर रही हैं उसे उस राज्य का निवासी होना जरूरी है।  

इस योजना के तहत सरकार पेंशन की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक या पोस्ट ऑफिस बचत खाता में ट्रांसफर करेगी। इसलिए इस योजना का लाभ लेने के लिए विधवा के पास अपना बैंक खाता होना चाहिए। साथ ही बैंक खाता उसके आधार नंबर से जुड़ा होना चाहिए। इस योजना के तहत सरकार लाभार्थी के खाते में हर महीने या हर तीन महीने या हर छमाही या हर साल खास रकम पेंशन के तौर पर ट्रांसफर करेगी।  

> कैसे करें आवेदन:

योग्य महिलाएं ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन आवेदन राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर देना होगा। इसके लिए वेबसाइट लॉग इन करना होगा और विधवा पेंशन के लिए जरूरी फॉर्म को डाउनलोड करके या फिर ऑनलाइन ही भरना होगा। फॉर्म में सारी जानकारी भरने के बाद आवेदनकर्ता को उसे अपने जनपद पंचायत अधिकारी या नगर निगम कमिश्नर के पास जमा करना होगा।  

ऑफलाइन आवेदन देना चाहती हैं तो इसके लिए जनपद पंचायत अधिकारी या नगर निगम कमिश्नर के कार्यालय में जाकर फॉर्म लेना होगा और उसे सही सही भरकर मांगे गए दस्तावेज के साथ जमा करना देना होगा। 

>आवेदन करते समय जरूरी दस्तावेज: 

विधवा पेंशन योजना के लिए आवेदन करते समय आवेदनकर्ता से कई दस्तावेज की मांग की जाती है। जैसे- आवेदनकर्ता का जन्म प्रमाण पत्र, आवेदनकर्ता का पासपोर्ट आकार की ताजा फोटो, गरीबी रेखा से नीचे वाला राशन कार्ड, बैंक खाता पासबुक (जिसमें पेंशन ट्रांसफर कराना चाहती हैं), पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र। हो सकता है कुछ राज्यों में और दूसरे दस्तावेज भी मांगा जाए। 

>हर महीने कितनी पेंशन मिलेगी?

उत्तर प्रदेश सरकार योग्य लाभार्थी को हर महीने ₹500 पेंशन देती है। 18 से लेकर 60 साल की उम्र वाली विधवाएं ही यहां विधवा पेंशन के योग्य हैं। विधवा महिला की परिवार की आमदनी हर महीने ₹10 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए। महाराष्ट्र इस योजना के तहत राज्य की आर्थिक रूप से गरीब विधवाओं को हर महीने ₹600, जबकि राजस्थान अपने राज्य की विधवाओं को हर महीने ₹500  पेंशन देता है। 

अगर हम केंद्र सरकार की विधवा पेंशन योजना, जिसका नाम इंदिरा गांधी विधवा पेंशन योजना है, की बात करें, तो इसके तहत योग्य लाभार्थी को पति की मृत्यू की तारीख से 80 साल तक होने तक हर महीने ₹300 और 80 साल से अधिक उम्र होने पर हर महीने ₹500 पेंशन मिलती है। हर राज्य में पेंशन की रकम अलग-अलग हो सकती है।

लाभार्थ की मौत या उसके द्वारा कुछ खास समय तक (नियम के मुताबिक) पेंशन नहीं निकालने की वजह से पेंशन रोकी जा सकती है। कुछ राज्य हर महीने पेंशन देते हैं, वहीं कुछ हर तीन महीने पर, कुछ हर छह महीने पर और कुछ राज्य साल में एक बार पेंशन देते हैं। लाभार्थी पेंशनर की मौत होने पर पेंशन रोक दी जाती है, उसके नॉमिनी को पैसे नहीं मिलते हैं। इसमें संयुक्त खाता की सुविधा नहीं है। 

संवादपत्र

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