- Date : 09/03/2020
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यहां कुछ सरकारी योजनाएं दी गई हैं जो विशेष रूप से लड़कियों के उज्ज्वल भविष्य की योजना बनाने के लिए तैयार की गई हैं

हम सभी को पता है कि समाज में बड़े पैमाने में मौजूद पितृसत्तात्मक प्रकृति के कारण महिलाएं, विशेष रूप से लड़कियां कई मुश्किलों का सामना करती हैं। देश में लड़कियों के अस्तित्व, सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मसले बहुत पुराने हैं। कन्या भ्रूण हत्या के खतरे को समाप्त करने और लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने कई अभिनव स्कीम शुरू की हैं। ये स्कीम अभिभावकों को अपनी बेटी के भविष्य की प्लानिंग करने और उसे सुरक्षित बनाने में उनकी मदद करती हैं।

सरकार द्वारा उठाए गए कुछ प्रमुख कदम इस प्रकार हैं:
1. बालिका समृद्धि योजना
यह योजना अगस्त 1997 में शुरू हुई थी। यह सरकारी योजना ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बालिकाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। चूंकि शिक्षा के बिना सामाजिक प्रगति संभव नहीं है, ऐसे में इस योजना के तहत प्रत्येक बालिका जब अगली कक्षा में जाती है तो उसे मौद्रिक इनाम दिया जाता है।
2. साक्षर भारत मिशन
इस योजना को 2009 में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (8 सितंबर) के अवसर पर शुरू किया गया था। यह योजना मुख्यत: महिलाओं को ध्यान में रखकर वयस्क शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। यह स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक केन्द्र प्रायोजित योजना है।
3. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना
यह योजना 2014 में लॉन्च की गई थी। यह योजना लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें अधिक ज्ञान हासिल करने तथा सीखने की प्रक्रिया में मजबूती लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक लगभग 3.6 लाख छात्राओं को 3500 केजीबीवी स्कूलों (हॉस्टल सुविधा के साथ) के माध्यम से शिक्षित किया गया है।
4. सुकन्या समृद्धि योजना
लड़कियों की सुरक्षा और उनके आर्थिक कल्याण के उद्देश्य से 2015 में यह सरकारी योजना शुरू की गई थी। अभिभावक अपनी बेटी के नाम पर एक बैंक खाता खोल सकते हैं और जमा पर टैक्स लाभ भी उठा सकते हैं। इसके अतिरिक्त उच्च ब्याज हासिल कर सकते हैं जो कि टैक्स फ्री भी होता है। यह माता-पिता को बचत करने के लिए प्रेरित करता है जिससे उनकी पुत्री को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके। योजना के फायदों को विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।
5. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
आपने शायद इस स्लोगन को रेडियो या टीवी पर सुना होगा। यह सरकारी स्कीम 2015 में लॉन्च हुई थी। यह योजना लड़कियों के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करने और बाल लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। यह योजना गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए इन ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए डिज़ाइन की गई थी।
6. सीबीएसई स्कॉलरशिप स्कीम
केवल एक पुत्री होने की धारणा को प्रोत्साहित करने और उसकी शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार की यह स्कीम 2016 में शुरू की थी। यह योजना सरकारी स्कूल में एक मात्र पुत्री की शिक्षा में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत, लड़कियां 500 रुपए प्रति माह की ट्यूशन फीस छूट पाने की पात्र होती हैं।
अंतत:
पिछले कुछ वर्षों में केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई कई योजनाएं भारतीय समाज में बालिकाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह एक अच्छा संकेत है और साथ ही महात्मा गांधी के विचारों के भी अनुरूप है। गांधी जी का मानना था कि जब एक लड़की सुरक्षित और शिक्षित होती है, तो यह पूरी तरह से समाज के नैतिक और बौद्धिक विकास के रूप में दिखाई देता है।