- Date : 29/12/2022
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सेवानिवृति के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अभी से जोड़ें रिटायरमेंट फंड

National Pension System: नेशनल पेंशन सिस्टम या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के साथ एसडब्ल्यूपी को मिलाकर आप हर महीने एक से डेढ़ लाख तक की रकम पा सकते हैं। दुनिया में जिस गति से महंगाई बढ़ रही है, उसे देखते हुए आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आज से 25 साल बाद जीवन की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हर महीने कम से कम डेञॉ लाख रुपयों की ज़रूरत होगी। अगर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के साथ एसडब्ल्यूपी को जोड़ दिया जाए तो यह रकम पाना आसान हो सकता है।
SWP क्या है?
एसडब्ल्यूपी या सिस्टमेटिक विदड्राअल प्लान का अर्थ है व्यवस्थित निकासी योजना। मूल रूप से यह एसआईपी यानी व्यवस्थित निवेश योजना के उल्टी योजना है। एसआईपी में हर महीने आपके बैंक खाते से एक निश्चित रकम अपने आप कट कर म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशहोती है। जबकि एसडब्ल्यूपी में हर महीने म्यूच्यूअल फण्ड की कुछ यूनिट्स अपने आप बिक जाती है और उसके पैसे आपके खाते में आ जाते हैं। अगर आपने म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया है और आप चाहते हैं कि आपको नियमित तौर पर उस निवेश से कुछ रकम मिलती रहे, तो आप एसडब्ल्यूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं।उदाहरण के लिए अगर आप 5,000 रुपए का एसडब्ल्यूपी कराते हैं, तो हर महीने 5,000 रुपए के यूनिट्स बिकेंगे और आपके बैंक खाते में 5,000 रुपए आ जायेंगे। म्यूच्यूअल फण्ड एसडब्ल्यूपी करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है।
1. एसडब्ल्यूपी इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड से नहीं चलानी चाहिए क्योंकि अगर बाज़ार गिरता है तो आपको निर्धारित आय पाने के लिए ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगे। यानी आपको कम दाम पर ज्यादा यूनिट बेचने पड़ेंगे और आपका पोर्टफोलियो काफी जल्दी खाली हो जाएगा।
2. अगर एसडब्ल्यूपी चलाना है, तो किसी डेबिट म्यूच्यूअल फण्ड या लिक्विड फंड से चलायें क्योंकि डेबिट फण्ड में बहुत अधिक उतार चढ़ाव नहीं होता है।
3. एसडब्ल्यूपी के जरिये यूनिट्स बेचने पर आपको पूंजीगत लाभ हो सकते हैं और टैक्स देना पड़ सकता है। जब आपके फण्ड में पैसा नहीं बचा रहेगा, तो एसडब्ल्यूपी अपने आप समाप्त हो जाएगी।
कैसे लगाएं नेशनल पेंशन सिस्टम का हिसाब: निजी सेक्टर में काम करने वाले लोगों को सरकारी विभागों में काम करने वालों की तरह पेंशन नहीं मिलती। मान लें कि एक व्यक्ति 9-10 वर्ष से निजी क्षेत्र में काम कर रहा है और उसकी उम्र 34-35 वर्ष हो चुकी है। लेकिन उसने अब तक रिटायरमेंट के बाद के खर्चों के लिए किसी नियमित आय या पेंशन की व्यवस्था करने के बारे में नहीं सोचा। अब बढ़ती महंगाई को देखकर वो ये तो समझ रहा है कि रिटायरमेंट के बाद हर महीने कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपए की जरूरत होगी पर यह नहीं समझ पा रहे कि आखिर इन पैसों या पेंशन का इंतजाम कैसे किया जा सकता है।
एनपीएस का क्या है?
क्या आप सरकारी पेंशन स्कींम यानी एनपीएस के बारे में जानते हैं? एनपीएस सरकार की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जो रिटायरमेंट फंड जोड़ने के लिए निवेश का एक बेहतर विकल्प है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को यह योजना आरंभ की थी। 1 जनवरी 2004 के बाद नौकरी में आनेवाले वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए यह योजना अनिवार्य है। वर्ष 2009 के बाद से इस योजना को निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया है।
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नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करने की पात्रता
कोई भी भारतीय नागरिक (सरकारी कर्मचारी या निजी सेक्टर का कर्मचारी), जिसकी उम्र 18 साल से 70 साल के बीच हो, वह नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश करना आरंभ कर सकता है। यहां तक कि एनआरआई यानी कि प्रवासी भारतीय भी इस योजना के पात्र हैं। एनपीएस में कम से कम 20 साल तक निवेश करना जरूरी होता है। अकाउंट खोलने के बाद से 60 साल की उम्र तक या मैच्योरिटी होने तक इस स्कीम में निवेश करना होता है।
अब एनपीएस और एसडब्ल्यूपी की गणना का एक उदाहरण देखते हैं-
योजना में शामिल होने के समय उम्र: 35 वर्ष
हर महीने एनपीएस में किया जाने वाला निवेश: 10 हजार रुपए
किया गया कुल निवेश: 30 लाख रुपए होगा।
अनुमानित रूप से इस निवेश पर 10 प्रतिशत वार्षिक लाभ मिलेगा और इस तरह कुल रकम हो जाएगी: 2.34 करोड़ रुपए
एन्युटी रेट: 8 प्रतिशत
एक मुश्त वैल्यू: 5351562 रुपए
पेंशन: 35677 रुपए
एसडब्ल्यूपी में लगाई गई रकम 53.52 लाख रुपए
एसडब्ल्यूपी में अनुमानित रिटर्न: 10 प्रतिशत वार्षिक
एक वर्ष में ब्याज: 8,00,000 रुपए
हर महीने ब्याज: 66,666 रुपए
कुल मासिक आय: एन्युटी से 35677 रुपए का पेंशन और एसडब्ल्यूपी से हर महीने 66,666 रुपए मिलेंगे।
(35677 रु. + 66,666 रु. = 102343 रुपए)
एनपीएस योजना में कम से कम 40 प्रतिशत रकम का एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. ज्यादा पेंशन पाने के लिए एन्युटी की रकम बढ़ाई जा सकती है।
कहां और कौम करता है आपकी रकम का निवेश
एनपीएस में जमा रकम के निवेश करने की जिम्मेदारी पीएफआरडीए द्वारा पंजीकृत पेंशन फंड मैनेजरों को दी जाती है। ये आपके द्वारा किए गये निवेश का इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के साथ ही फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं।
एनपीएस में 2 तरह के अकाउंट होते हैं
नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में 2 तरह के खाते खोले जा सकते हैं। इसमें टियर-1 अकाउंट पेंशन अकाउंट होता है। जबकि, टियर-2 अकाउंट स्वैच्छिक बचत खाता है। एनपीएस के जिन सब्सक्राइबर के पास टियर-1 अकाउंट है, वे टियर-2 अकाउंट खोल सकते हैं।
इस तरह एनपीएस के माध्यम से निवेश कर आप अपने रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक फंड जोड़ सकते हैं और अपनी नियमित आमदनी के साथ आराम से जीवन बीता सकते हैं।
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