- Date : 08/11/2019
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ये कर्ज़ लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और पांच अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा दिए जाएंगे

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) भारत में नौकरी देने वाला दूसरा सबसे बड़ा माध्यम है। हालांकि, इन उद्योगों को बैंकों से आवश्यक पूंजी जुटाने में बहुत मुश्किलें पेश आती हैं।
इन उद्योगों को आसानी से कर्ज़ उपलब्ध करवाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में ऐसे उपायों की शुरुआत की जो इन उद्योगों से जुड़ी कर्ज़ की ज़रूरतों को तेजी से पूरा करेंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 12-सूत्रीय कार्ययोजना के अनुसार जीएसटी-रजिस्टर्ड एमएसएमई को 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ रुपये तक का कर्ज़ उपलब्ध करवाया जाएगा।
यह काम एक डिजिटल पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
वेब पोर्टल के माध्यम से कर्ज़ लेना बहुत आसान हो जाएगा। आमतौर से इस तरह का कर्ज़ मिलने में 20-25 दिनों का समय लगता है जो अब घटकर 59 मिनट रह जाएगा।
ये कर्ज़ भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और पांच अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और विजया बैंक के द्वारा दिए जाएंगे।
यदि वेबसाइट के ज़रिए आवेदन किया जाता है तो सैद्धान्तिक रूप से इस कर्ज़ के लिए किसी तरह के भौतिक दस्तावेज की ज़रूरत नहीं होगी और उम्मीद है कि 7-8 दिनों के भीतर कर्ज़ मिल जाएगा। पूरी प्रक्रिया को डिजीटल बनाया गया है। इसमें मंजूरी और वितरण से पहले किसी तरह का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।
यह बैंक इंटरफेस वाला एकमात्र प्लेटफॉर्म है जिसमें मेकर-चेकर-एप्रूवर सिस्टम के लिए ब्रांच-स्तर का एकीकरण शामिल है। इससे आंकलन तेज़ी से हो पाता है।
पोर्टल विश्लेषण के लिए आधुनिक एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है और कर्ज़ लेने की योग्यता का आंकलन करने के लिए बैंक स्टेटमेंट, जीएसटी, आईटी रिटर्न, एमसीए21, पाइंट्स आदि कई स्रोतों से मिले डेटा का उपयोग करता है।
अन्य प्रमुख विशेषताएं:
- ब्याज की शुरूआती दर 8%
- व्यवसाय की क्रेडिट रेटिंग के आधार पर लचीली ब्याज लागत
- कर्ज़ सूक्ष्म और लघु उद्यम (CGTMSE) योजना के लिए बने क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट से जुडा है इसलिए इसमें किसी तरह के जमानत की ज़रूरत नहीं है
- बिना किसी जमानत के दो करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर्ज़ लेने की सुविधा
- 1 करोड़ रुपये के वृद्धिशील कर्ज़ पर 2% की छूट या ब्याज में अनुदान
- प्री-और पोस्ट-शिपमेंट क्रेडिट पर निर्यात-आधारित एमएसएमई के लिए ब्याज अनुदान की दर 3% से बढ़ाकर 5% की गई
- सभी मंजूरियों पर 1000 रुपये का सुविधा शुल्क+ जीएसटी लगेगा। इसके साथ ही कर्ज़ की रकम पर पर 0.35% कमीशन देना होगा।