- Date : 06/07/2023
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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बाद अब टाटा स्टील ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 38 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनमें से 3 कर्मचारियों के ऊपर सेक्सुअल मिसकंडक्ट, यानी यौन दुराचार के आरोप लगे थे।

Tata Steel Employee: टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कंपनी की एनुअल शेयरहोल्डर मीटिंग के दौरान बताया कि कि स्टील दिग्गज टाटा स्टील ने पिछले वित्तीय वर्ष में कदाचार के आरोप में 38 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। हाल ही में टाटा समूह की एक अन्य कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी नौकरियों के लिए कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के रिश्वत घोटाले के बारे में पता चला है। टाटा समूह के अध्यक्ष ने कहा कि इन व्यक्तियों से संबंधित कई व्हिसलब्लोअर शिकायतें मिलने के बाद इन खामियों को कंपनी के ध्यान में लाया गया था।
एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि हमने 38 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है और उन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया है। 35 कर्मचारियों को नैतिक मुद्दों से जुड़ी अस्वीकार्य प्रथाओं के लिए और 3 कर्मचारियों को यौन दुराचार के लिए निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें पिछले वित्त वर्ष में 875 शिकायतें मिलीं और इनमें 158 व्हिसलब्लोअर्स से संबंधित थीं। 48 शिकायतें सुरक्षा के संबंध में और 669 एचआर और अन्य व्यवहार संबंधी मुद्दों से संबंधित थीं। टाटा ग्रुप के चेयरमैन ने कर्मचारियों को वर्कप्लेस पर कदाचार के बारे में बोलने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी चिंता व्यक्त कर सकते हैं। यह यौन उत्पीड़न या कंपनी में देखी गई किसी प्रैक्टिस पर हो सकता है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में कथित तौर पर नौकरियों के लिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का रिश्वत घोटाल उजागर हुआ था। कंपनी के एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को लेटर लिखकर खुलासा किया कि आरएमजी के ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती और अन्य टॉप एचआर ऑफिसर आईटी सेवा कंपनी में नौकरियों के बदले स्टाफिंग फर्मों से कमीशन ले रहे थे। घोटाले में शामिल 6 से ज्यादा अधिकारियों को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही आईटी हेड ने 6 स्टाफिंग फर्मों पर भी बैन लगा दिया है।