What is e-RUPI? | e-RUPI क्‍या है? e-RUPI का उपयोग कैसे करें, e-RUPI सेवा कौन प्रदान कर सकता है?

e-RUPI डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में गेम-चेंजर बनने के लिए तैयार है। यहां e-RUPI, भारत के डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन के बारे में 5 महत्वपूर्ण प्रश्‍नों के जवाब दिए गए हैं।

e-RUPI क्‍या है?

e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन के रूप में लॉन्च किया गया था। यह एक कॉन्टैक्टलेस और कैशलेस डिजिटल वाउचर है जो डिजिटल बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसे एक पहल के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था।

1. e-RUPI क्‍या है? 

e-RUPI एक इलेक्ट्रॉनिक, कॉन्‍टैक्‍टलेस और कैशलेस प्री-पेड डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसे भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था कि कल्याणकारी सब्सिडी बिना देरी और बिचौलियों के पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। ये डिजिटल वाउचर के रूप में होते हैं और मोबाइल फोन पर भेजा जाता है।

2. e-RUPI का उपयोग कैसे और कहां किया जाएगा?

e-RUPI डिजिटल वाउचर्स लाभार्थियों को QR कोड के रूप में या एसएमएस(SMS) के माध्यम से भेजे जाते हैं। ये व्यक्ति- और उद्देश्य-विशिष्ट वाउचर हैं जिन्हें नकद में नहीं बदला जा सकता है या किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, व्‍यक्ति को फोन पर नेट बैंकिंग या डिजिटल भुगतान ऐप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है।

वर्तमान में, e-RUPI का उपयोग पात्रता रखने वाले भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए किया जा रहा है। एनपीसीआई(NPCI) ने इस संबंध में 1600 अस्पताल के साथ करार किया है। हालांकि वर्तमान में इसका उपयोग लोगों को कोविड-19 महामारी के विरूद्ध टीका लगाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में अन्य राहत पहलों, सब्सिडी आदि प्रदान करने के लिए इसका विस्तार किए जाने की संभावना है।

3. e-RUPI सर्विस कौन प्रदान कर सकता है? 

वर्तमान में, भारत सरकार ने जारी करने वाली संस्थाओं के रूप में 11 निजी और सार्वजनिक बैंकों के एक समूह की पहचान की है जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी(HDFC) बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई(ICICI) बैंक आदि शामिल हैं। जल्द ही सूची का विस्तार किया जाएगा और पहुंच को व्यापक बनाने और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए और ज्‍यादा बैंकों को जोड़ा जाएगा। भुगतान ऐप पर डिजिटल वाउचर के रूप में किया जाता है, जिसमें पाइन लैब्स, भीम बड़ौदा मर्चेंट पे, पीएनबी मर्चेंट पे, योनो एसबीआई मर्चेंट पे और भारतपे शामिल हैं। जल्द ही इस सूची में और ऐप्स जोड़े जाएंगे।

4. e-RUPI किसके लिए है?

e-RUPI डिजिटल वाउचर नियत लाभार्थियों को उनके आधार कार्ड पर पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से जारी किए जाते हैं। डिजिटल वाउचर को एक विशिष्ट व्यक्ति द्वारा और केवल एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए रिडीम किया जा सकता है। यह एक सरल दो-चरण की रिडम्‍शन प्रक्रिया है, जिसमें व्‍यक्ति को व्यक्तिगत विवरण या दस्तावेज़ प्रदान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

5. e-RUPI एक बड़ी बात क्यों है?

  • लगभग 80% भारतीय आबादी के पास मोबाइल फोन है, जिससे व्यापक पहुंच संभव हो पाती है। फोन इंटरनेट के उपयोग के बिना एक सामान्य फीचर फोन हो सकता है।
  • e-RUPI कल्याणकारी पहल (प्रीपेड डिजिटल वाउचर) के हस्तांतरण को सक्षम करके सीधे स्पॉन्सर(सरकार) को लाभार्थी से जोड़ता है। 
  • क्‍योंकि वाउचर को नक़द नहीं बनाया जा सकता है, हस्‍तांतरित नहीं किया जा सकता है, या किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसके दुरुपयोग की संभावना सीमित है।
  • यह बिचौलियों को समाप्‍त करता है जिससे कल्‍याणकारी लाभ को वितरित करने का लीकेज-प्रूफ तंत्र सुनिश्चित करता है।  
  • यह पूरी तरह से विश्वसनीय और सुरक्षित तंत्र के माध्‍यम से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस वितरण में सक्षम बनाता है। 
  • तकनीकी का लाभ उठाते हुए, e-RUPI अपनी पहुंच का विस्तार कर सकता है और कल्याणकारी पहल की घोषणा और वितरण के बीच देरी को सीमित कर सकता है।

अंतिम शब्‍द

e-RUPI से छोटे उद्यमियों और एमएसएमई(MSME) क्षेत्र को लाभ मिलने की संभावना है, यह एक मुख्यधारा का क्रेडिट वितरण तंत्र भी हो सकता है। भविष्य में, निजी क्षेत्र कर्मचारी को लाभ जारी करने और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR    ) पहल के लिए इसका उपयोग करने में सक्षम हो सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि e-RUPI बैंक रहित आबादी को वित्तीय प्रणाली के औपचारिक दायरे में लाने की दिशा में एक कदम है।

e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन के रूप में लॉन्च किया गया था। यह एक कॉन्टैक्टलेस और कैशलेस डिजिटल वाउचर है जो डिजिटल बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसे एक पहल के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था।

1. e-RUPI क्‍या है? 

e-RUPI एक इलेक्ट्रॉनिक, कॉन्‍टैक्‍टलेस और कैशलेस प्री-पेड डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसे भारत सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था कि कल्याणकारी सब्सिडी बिना देरी और बिचौलियों के पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। ये डिजिटल वाउचर के रूप में होते हैं और मोबाइल फोन पर भेजा जाता है।

2. e-RUPI का उपयोग कैसे और कहां किया जाएगा?

e-RUPI डिजिटल वाउचर्स लाभार्थियों को QR कोड के रूप में या एसएमएस(SMS) के माध्यम से भेजे जाते हैं। ये व्यक्ति- और उद्देश्य-विशिष्ट वाउचर हैं जिन्हें नकद में नहीं बदला जा सकता है या किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, व्‍यक्ति को फोन पर नेट बैंकिंग या डिजिटल भुगतान ऐप इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है।

वर्तमान में, e-RUPI का उपयोग पात्रता रखने वाले भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए किया जा रहा है। एनपीसीआई(NPCI) ने इस संबंध में 1600 अस्पताल के साथ करार किया है। हालांकि वर्तमान में इसका उपयोग लोगों को कोविड-19 महामारी के विरूद्ध टीका लगाने के लिए किया जा रहा है, लेकिन भविष्य में अन्य राहत पहलों, सब्सिडी आदि प्रदान करने के लिए इसका विस्तार किए जाने की संभावना है।

3. e-RUPI सर्विस कौन प्रदान कर सकता है? 

वर्तमान में, भारत सरकार ने जारी करने वाली संस्थाओं के रूप में 11 निजी और सार्वजनिक बैंकों के एक समूह की पहचान की है जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी(HDFC) बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई(ICICI) बैंक आदि शामिल हैं। जल्द ही सूची का विस्तार किया जाएगा और पहुंच को व्यापक बनाने और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए और ज्‍यादा बैंकों को जोड़ा जाएगा। भुगतान ऐप पर डिजिटल वाउचर के रूप में किया जाता है, जिसमें पाइन लैब्स, भीम बड़ौदा मर्चेंट पे, पीएनबी मर्चेंट पे, योनो एसबीआई मर्चेंट पे और भारतपे शामिल हैं। जल्द ही इस सूची में और ऐप्स जोड़े जाएंगे।

4. e-RUPI किसके लिए है?

e-RUPI डिजिटल वाउचर नियत लाभार्थियों को उनके आधार कार्ड पर पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से जारी किए जाते हैं। डिजिटल वाउचर को एक विशिष्ट व्यक्ति द्वारा और केवल एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए रिडीम किया जा सकता है। यह एक सरल दो-चरण की रिडम्‍शन प्रक्रिया है, जिसमें व्‍यक्ति को व्यक्तिगत विवरण या दस्तावेज़ प्रदान करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

5. e-RUPI एक बड़ी बात क्यों है?

  • लगभग 80% भारतीय आबादी के पास मोबाइल फोन है, जिससे व्यापक पहुंच संभव हो पाती है। फोन इंटरनेट के उपयोग के बिना एक सामान्य फीचर फोन हो सकता है।
  • e-RUPI कल्याणकारी पहल (प्रीपेड डिजिटल वाउचर) के हस्तांतरण को सक्षम करके सीधे स्पॉन्सर(सरकार) को लाभार्थी से जोड़ता है। 
  • क्‍योंकि वाउचर को नक़द नहीं बनाया जा सकता है, हस्‍तांतरित नहीं किया जा सकता है, या किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसके दुरुपयोग की संभावना सीमित है।
  • यह बिचौलियों को समाप्‍त करता है जिससे कल्‍याणकारी लाभ को वितरित करने का लीकेज-प्रूफ तंत्र सुनिश्चित करता है।  
  • यह पूरी तरह से विश्वसनीय और सुरक्षित तंत्र के माध्‍यम से कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस वितरण में सक्षम बनाता है। 
  • तकनीकी का लाभ उठाते हुए, e-RUPI अपनी पहुंच का विस्तार कर सकता है और कल्याणकारी पहल की घोषणा और वितरण के बीच देरी को सीमित कर सकता है।

अंतिम शब्‍द

e-RUPI से छोटे उद्यमियों और एमएसएमई(MSME) क्षेत्र को लाभ मिलने की संभावना है, यह एक मुख्यधारा का क्रेडिट वितरण तंत्र भी हो सकता है। भविष्य में, निजी क्षेत्र कर्मचारी को लाभ जारी करने और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR    ) पहल के लिए इसका उपयोग करने में सक्षम हो सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि e-RUPI बैंक रहित आबादी को वित्तीय प्रणाली के औपचारिक दायरे में लाने की दिशा में एक कदम है।

संवादपत्र

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