Is your child part of your retirement plan

हम सब अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत करना चाहते हैं, लेकिन क्या आपको अपने भविष्य से समझौता करना चाहिए?

क्या आपके बच्चे आपका रिटायरमेंट प्लान हैं?

45 साल से ज्यादा उम्र के कुल भारतीयों में से 61 फीसदी अगले पांच सालों में रिटायर होना चाहते हैं। इससे साफ पता चलता है कि रिटायरमेंट को लेकर भारतीयों का नजरिया बदल गया है।

ऐसे कई लोग हैं जो रिटायरमेंट को जिंदगी के एक पड़ाव की तरह ही समझते हैं और रिटायरमेंट के बाद के सालों को उन चीजों के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं जिनके लिए उनके पास अभी वक्त नहीं है जैसे यात्रा करना, किताब लिखना या समाजकार्य। सबसे ज्यादा बदलाव इस बात में नजर आता है कि रिटायरमेंट के बाद भी ज्यादातर लोग मौजूदा जीवनशैली को बरकरार रखना या और बेहतर करना चाहते हैं।

ईकनामिक टाइम्स के सर्वे के मुताबिक

सिर्फ रिटायर होना चाहते हैं 5%

रिटायरमेंट के बाद जीवनशैली बेहतर करना चाहते हैं 47%

रिटायरमेंट के बाद जीवनशैली बरकरार रखना चाहते हैं 48%

लेकिन, मनमुताबिक रिटायरमेंट पाने के लिए आपको इसके लिए योजना बनाने की जरूरत है। आखिरकार, रिटायरमेंट का मतलब है कि आय कमाना मुश्किल हो जाता है, चाहे आपने पेंशन प्लान में निवेश किया हो, क्योंकि एक सीमा तक ही बचत पर्याप्त होगी।

भारत में रिटायरमेंट के लिए योजना बनाने से जुड़े भ्रम

भारतीय समाज का आधार परंपरा और मान्यताएं हैं और सबसे महत्वपूर्ण मान्यताओं में से एक मान्यता परिवार का महत्व है। इस वजह से भारतीय अभिभावक अक्सर मानते हैं कि बच्चों की देशभाल करके और उनमें ‘निवेश’ करने से वो सुनिश्चित हो सकते हैं कि जब उनके बच्चे बड़े होंगे और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनेंगे तब वो अपने माता-पिता का ख्याल रखेंगे। इसी मान्यता की वजह से ही शायद भारतीय कर्मचारियों के पास रिटायरमेंट के बाद गुजारा करने के लिए जरूरी पूंजी की सिर्फ 71 फीसदी ही आय थी, जैसा एगॉन रिटायरमेंट रेडिनेस सर्वे 2016 में सामने आया है।

लेकिन, पहले के मुकाबले कम उम्र में रिटायर होने और ज्यादा आयु में बच्चे होने से ऐसा कई बार देखा गया है कि अभिभावकों के रिटायरमेंट के वक्त उनके बच्चे पढ़ रहे होतें हैं – चाहे वो स्कूल में हो या कॉलेज में। इसलिए, बच्चे वित्तीय तौर पर इतने मजबूत नहीं होते हैं कि वो अपने माता-पिता की देखभाल कर सकें। ऐसी स्थितियों में बच्चे की शिक्षा को अभिभावकों के रिटायरमेंट के मुकाबले प्राथमिकता दी गई होती है और इसलिए ही एचएसबीसी के एक अध्ययन के मुताबिक 71 फीसदी अभिभावक बच्चों के कॉलेज शिक्षा के लिए कर्ज लेने को तैयार हैं।

इसलिए, अगर आप सोचते हैं कि बच्चों की शिक्षा, शादी, करियर या दूसरी जरूरतों के लिए बचत करना आपके भविष्य के लिए निवेश करना है, तो आप गलत हैं। बच्चों को अपनी रिटायरमेंट की योजना बनाना ठीक नहीं है। चाहे वो संभव होने पर आपको मदद करेंगे, लेकिन रिटायरमेंट के लिए आपको पैसे अलग रखने होंगे।

रिटायरमेंट के लिए सही योजना बनाएं

रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी आराम से गुजारने के लिए, अपने और बच्चों के भविष्य के साथ समझौता किए बिना, आपको कुछ योग्य फैसले लेने होंगे। सबसे पहले आपको ये तय करना होगा कि रिटायरमेंट के बाद आप कहां रहेंगे – अकेले, बच्चों के साथ या फिर किसी वृद्धाश्रम में। ये फैसला करने में आपको ये लेख भारत में घर में रखना बनाम वृद्धाश्रम में रखना – एक तुलना मदद करेगा। दूसरा आपको तय करना होगा कि रिटायर होने के बाद के सालों में आप कैसे इस्तेमाल करेंगे।

आप दुनिया घूम सकते हैं, परिवार के साथ वक्त बिता सकते हैं या ऐसे शौक पूरे सकते हैं जिससे आप व्यस्त रहें और साथ ही आपको आय भी हो। हम आपके लिए कुछ ऐसे सुझाव लाए हैं:

रिटायर्ड और वरिष्ठ लोगों के लिए योग्य नौकरी के सुझाव

पूर्व/नए नियोक्ता के लिए कंसल्टंट बनना

फ्रीलांस/पार्ट टाइम लिखने/एडिट करने का काम

घर में बने खाने या टिफिन कारोबार शुरू करना

चैरेटी के साथ जुड़ना या शुरू करना या एनजीओ के लिए अवैतनिक काम करना

स्कूल या कॉलेज छात्रों के लिए ट्यूटर बनना

आया का काम करना

यूनिवर्सिटी के लिए शोध करना

 

अच्छी खबर ये है कि रिटायर होने के बाद अपनेआप ही आपके खर्च कम होंगे, क्योंकि आपको ऑफिस जाने के लिए यात्रा नहीं करनी होगी, नए कपड़े खरीदने की जरूरत नहीं होगी, आदि। लेकिन इसके बावजूद आपको बेपरवाह नहीं होना चाहिए और आपको हिसाब रखना चाहिए कि कहां पैसे खर्च हो रहे हैं और बजट बनाना न भूलें ताकि आपको पता रहे कि किस चीज पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, बचत कभी भी पर्याप्त नहीं होती है, इसलिए निवेश जरूर करें। निवेश की शुरुआत करने में ये लेख पेंशन प्लान के प्रकार और उनके टैक्स फायदे मदद करेगा।

स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल के लिए योजना

इसमें दो राय नहीं है कि जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे आपको गंभीर बीमारी होने या चोट लगने की संभावना भी बढ़ती है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम भी बढ़ता है और इस वजह से पर्याप्त कवर वाला किफायती स्वास्थ्य बीमा प्लान ढूंढ़ना भी मुश्किल होता है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतों में महंगाई दर से भी ज्यादा तेज बढ़ोतरी हो रही है।

अपने रिटायरमेंट पर आंच न आने दें

इस स्थिति में अगर आपने कम उम्र में व्यापक स्वास्थ्य बीमा नहीं खरीदा है, तो रिटायरमेंट की पूंजी का बड़ा हिस्सा इलाज में खर्च हो जाएगा और आपके पास काफी कम पैसे बचेंगे। सुनिश्चित होने के लिए कि आप उन 64 फीसदी भारतीयों में से नहीं हैं जिन्हें रिटायरमेंट पूंजी लक्ष्य को न हासिल करने का डर है, आप इस रिटायरमेंट कैलकुलेट की मदद से पता लगा सकते हैं कि रिटायरमेंट के बाद सुखद जिंदगी बिताने के लिए आपको कितनी पूंजी की जरूरत है। इस पूंजी को इकट्ठा करने के लिए आपको निवेश करना शुरू करना होगा।

संवादपत्र

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