- Date : 13/02/2019
- Read: 3 mins
- Read in English: Aadhaar linking with PAN now mandatory for filing Income Tax Return
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय देकर आईटी रिटर्न दाखिल करने के लिए पैन और आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। यह लिंकिंग कैसे की जाती है और यह आवश्यक क्यों है, साथ ही इसके प्रभाव एवं इससे संबंधित कानून के प्रावधान।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) को यूनिक नेशनल आईडी (आधार) के साथ जोड़ना अब उन सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जो अपना इनकम टैक्स (आईटी) रिटर्न फाइल करना चाहते है। जस्टिस एके सीकरी और एस अब्दुल नजीर की पीठ ने आईटी अधिनियम की धारा 139 एए को प्रभावी ढंग से बरकरार रखा है, जिसमें इस लिंकिंग को पहले अनिवार्य कर दिया गया था।
अदालत का यह फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ केंद्र द्वारा दायर एक अपील के जवाब में आया, जिसमें दो व्यक्तियों को अपने आधार और पैन को लिंक किए बिना आईटी रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी गई थी। इन दोनों एसेसी ने उच्च न्यायालय को बताया था कि आईटी ई-फाइलिंग वेबसाइट में आधार लिंकिंग से बाहर निकलने का विकल्प नहीं है, जो उनकी टैक्स फाइल करने की कवायद में बाधा बन रहा था। इस याचिका के जवाब में ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने लिंकिंग के बिना रिटर्न दाखिल करने की अनुमति प्रदान की थी।
पीठ ने यह बताया कि असेस्मेंट वर्ष 2018-19 के लिए उन दोनों लोगों का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो चुका था और फिर, यह स्पष्ट किया गया कि मूल्यांकन वर्ष 2019-20 से, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार ही आईटी रिटर्न फाइल किया जाएगा। सितंबर 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने आधार को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया था, लेकिन साथ ही यह भी माना कि बैंक खाते, मोबाइल फोन कनेक्शन, और स्कूल प्रवेश के लिए इसे खोलना/बनाए रखना अनिवार्य नहीं है।
आयकर अधिनियम की धारा 139 एए क्या कहती है?
धारा 139 एए कहती है कि जो लोग आधार संख्या के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं, वे पैन के आवेदन और आईटी रिटर्न दाखिल करते समय आवेदन पत्र में आधार संख्या को लिखेंगे। यह कानून कहता है कि यदि व्यक्ति के पास आधार नंबर नहीं है, तो जारी किए गए आधार आवेदन फॉर्म की नामांकन आईडी को पैन के आवेदन या आयकर रिटर्न, दोनों ही मामलों में लिखा जाना चाहिए।
कोई भी व्यक्ति अपने पैन को आधार से कैसे लिंक कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति उपयुक्त वेबसाइट पर लॉग-इन करके या बिना लॉगइन किए भी पैन को आधार के साथ लिंक कर सकता है। यदि कोई लॉग इन नहीं करना चाहता है, तो उन्हें ‘लिंक आधार’ बटन को क्लिक करना होगा और इसमें अपना पैन नंबर, आधार नंबर और अपना वह नाम दर्ज करें जो आधार कार्ड पर अंकित है। वहीं लॉगइन करने पर, प्रोफाइल सैटिंग पर जाना होगा और ‘लिंक आधार’ पर क्लिक करना होगा। पैन से जुड़ी जानकारी सामने दिखाई देंगी। अब इस जानकारी को आधार के विवरण से मिलान करना होगा। यदि सभी जानकारी मेल खाती हैं, तो फिर ‘लिंक नाउ’ विकल्प पर क्लिक करें।
इस फैसले से कौन प्रभावित हुआ है?
यह निर्णय उन सभी लोगों को प्रभावित करेगा जो भारत में आईटी रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं। ऐसे व्यक्तियों के लिए, आधार होना स्वतः ही अनिवार्य हो जाता है। किसी भी उम्र एवं लिंग के व्यक्ति द्वारा आधार के लिए आवेदन किया जा सकता है, बशर्ते वह व्यक्ति भारत का निवासी हो और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो। एनआरआई और पीआईओ के अलावा, भारत में रहने वाले विदेशी भी आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पैन और आधार को क्यों लिंक किया जाना चाहिए?
लिंकिंग से सरकार को जाली पैन कार्डों को हटाने और कर चोरी या अन्य धोखाधड़ी वाली गतिविधियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी। वास्तव में, यह कर चोरों की पहचान करने में भी सहायक हो सकता है। पैन को आधार के साथ लिंक करने के बाद काले धन की लूट पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।