- Date : 23/08/2019
- Read: 3 mins
- Read in English: Pre-filled Income Tax Returns to be a reality soon
अभी तक के ITR भरने की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव प्रतीक्षित हैं। अब ये ज़माना पहले से भरे हुए ITR का है।

बजट की घोषणा
२०१९ के केंद्रीय बजट में कई घोषणाएं थी जिनका उद्द्देश्य टैक्स नियमों और प्रशासन को सरल बनाना था। वित्त मंत्री ने इस तथ्य की तरफ ध्यान आकर्षित किया की भारत की 'Ease of Doing Business' के टैक्स भरने की श्रेणी में काफी सुधार आया है। इसके लिए उन्होंने प्रौद्योगिक लाभ को महत्त्व देते हुए इस प्रक्रिया को टैक्स भरने वाली जनता के लिए आसान कर दिया है। इस उद्द्देश्य से कार्यसूची में कुछ घोषणाएं की गयीं- जैसे pan की जगह आधार का प्रयोग, faceless e-assessment और ITR की पूर्व filing घोषित की गई।
वित्त मंत्री ने अपने बजट में ये सुनिश्चित किया कि ITR की पूर्व filing की सुविधा, दाताओं को मिल सके। इसमें कर दाताओं का सारा ब्योरा जैसे कि करदाता की आय, प्रतिभूतियों से पंजीकृत आय, बैंक का ब्याज, लाभांश आय, टैक्स की कटौती आदि इन सबके बारे में जानकारी होगी । इन श्रेणियों से सम्बंधित जानकारी राज्य पंजीयन विभाग, भविष्य निधि अभिलेख, म्यूच्यूअल फंड्स, शेयर बाज़ार जैसे सूत्रों से प्राप्त की जाएगी।
स्वचालित ITR की तैयारी
return भरने में न सिर्फ समय कम लगेगा बल्कि स्वचालन से डाटा की सटीकता भी सुनिश्चित होगी। वित्तीय लेन देन pan से जुड़े होने के कारन, इनकम टैक्स सर्वर को विभिन्न सूत्रों से डाटा प्राप्त करने में आसानी होती है। आधार के वित्तीय लेन देन से जुड़े होने के कारण, अधिक interlinking हो गई है। जो कर डाटा ITR-1 के अंतर्गत ITR भरते हैं, उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा पहले से ITR भरने का प्रस्ताव रखा जायेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने form 16 और form 24Q के प्रारूप में बदलाव किये हैं ताकि इनकम टैक्स विभाग द्वारा सूचनाएं होना और भी सुविधाजनक हो सके। इनकम टैक्स विभाग ने कर दाताओं को सलाह दी है कि ITR को जमा करने से पहले फॉर्म में दी गई जानकारी की अच्छी तरह से जांच कर लें, विशेषकर पहले से भरे हुए फॉर्म की। वेतन भोगी कर दाताओं के form 16 पर निर्भरता को देखते हुए CBDT ने कर्मचारियों को फॉर्म जारी करने की अंतिम तिथि को बढ़ा कर १० जुलाई कर दिया गया है।
आने वाले परिवर्तन
कर दाता को ध्यान देना होगा की पहले से भरी हुई जानकारी तभी प्राप्त होगी जब वो विभाग के e-filing पोर्टल पर जाकर ITR-1 या ITR-4 ऑनलाइन जमा करता हो। बेशक अगर फॉर्म excel या java स्वरुप में भर कर फिर अपलोड किया जाता है तो इसमें पहले से भरी कोई जानकारी नहीं होगी। वह निवासी जिनकी कुल आय ५० लाख से अधिक न हो, वह ITR-1 जमा करते हैं। यहाँ आपकी आय के कुछ ही सूत्र अनुमित हैं जैसे कि वेतन, एक घर के रूप में जायदाद, अन्य सूत्र तथा Rs ५००० तक की कृषि आय। दूसरी तरफ, व्यक्ति विशेष निवासी, हिन्दू अविभाजित परिवार और ऐसी संस्थाएं जिनकी कुल आय ५० लाख तक की हो और वह PTS के अंतर्गत ITR भरना चुना हो, वह ITR-4 जमा करते हैं।
पहले से भरे हुए ITR को व्यापक रूप से स्वीकारा जा रहा है और ये बहुत लोकप्रिय भी है। OTA और TDS सिस्टम लागू करने की CBDT की पहल को स्वचालित tax return की राह में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। ITR की e-filing इनकम टैक्स विभाग के e-filing पोर्टल पर की जा सकती है - www.incometaxindiaefiling.gov.in
केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं के महत्त्व को समझने के लिए और ये जानने के लिए की वह कर दाताओं के लिए क्या बदलाव लाएंगी, पढ़िए Union Budget 2019 – Key Highlights.
बजट की घोषणा
२०१९ के केंद्रीय बजट में कई घोषणाएं थी जिनका उद्द्देश्य टैक्स नियमों और प्रशासन को सरल बनाना था। वित्त मंत्री ने इस तथ्य की तरफ ध्यान आकर्षित किया की भारत की 'Ease of Doing Business' के टैक्स भरने की श्रेणी में काफी सुधार आया है। इसके लिए उन्होंने प्रौद्योगिक लाभ को महत्त्व देते हुए इस प्रक्रिया को टैक्स भरने वाली जनता के लिए आसान कर दिया है। इस उद्द्देश्य से कार्यसूची में कुछ घोषणाएं की गयीं- जैसे pan की जगह आधार का प्रयोग, faceless e-assessment और ITR की पूर्व filing घोषित की गई।
वित्त मंत्री ने अपने बजट में ये सुनिश्चित किया कि ITR की पूर्व filing की सुविधा, दाताओं को मिल सके। इसमें कर दाताओं का सारा ब्योरा जैसे कि करदाता की आय, प्रतिभूतियों से पंजीकृत आय, बैंक का ब्याज, लाभांश आय, टैक्स की कटौती आदि इन सबके बारे में जानकारी होगी । इन श्रेणियों से सम्बंधित जानकारी राज्य पंजीयन विभाग, भविष्य निधि अभिलेख, म्यूच्यूअल फंड्स, शेयर बाज़ार जैसे सूत्रों से प्राप्त की जाएगी।
स्वचालित ITR की तैयारी
return भरने में न सिर्फ समय कम लगेगा बल्कि स्वचालन से डाटा की सटीकता भी सुनिश्चित होगी। वित्तीय लेन देन pan से जुड़े होने के कारन, इनकम टैक्स सर्वर को विभिन्न सूत्रों से डाटा प्राप्त करने में आसानी होती है। आधार के वित्तीय लेन देन से जुड़े होने के कारण, अधिक interlinking हो गई है। जो कर डाटा ITR-1 के अंतर्गत ITR भरते हैं, उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा पहले से ITR भरने का प्रस्ताव रखा जायेगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने form 16 और form 24Q के प्रारूप में बदलाव किये हैं ताकि इनकम टैक्स विभाग द्वारा सूचनाएं होना और भी सुविधाजनक हो सके। इनकम टैक्स विभाग ने कर दाताओं को सलाह दी है कि ITR को जमा करने से पहले फॉर्म में दी गई जानकारी की अच्छी तरह से जांच कर लें, विशेषकर पहले से भरे हुए फॉर्म की। वेतन भोगी कर दाताओं के form 16 पर निर्भरता को देखते हुए CBDT ने कर्मचारियों को फॉर्म जारी करने की अंतिम तिथि को बढ़ा कर १० जुलाई कर दिया गया है।
आने वाले परिवर्तन
कर दाता को ध्यान देना होगा की पहले से भरी हुई जानकारी तभी प्राप्त होगी जब वो विभाग के e-filing पोर्टल पर जाकर ITR-1 या ITR-4 ऑनलाइन जमा करता हो। बेशक अगर फॉर्म excel या java स्वरुप में भर कर फिर अपलोड किया जाता है तो इसमें पहले से भरी कोई जानकारी नहीं होगी। वह निवासी जिनकी कुल आय ५० लाख से अधिक न हो, वह ITR-1 जमा करते हैं। यहाँ आपकी आय के कुछ ही सूत्र अनुमित हैं जैसे कि वेतन, एक घर के रूप में जायदाद, अन्य सूत्र तथा Rs ५००० तक की कृषि आय। दूसरी तरफ, व्यक्ति विशेष निवासी, हिन्दू अविभाजित परिवार और ऐसी संस्थाएं जिनकी कुल आय ५० लाख तक की हो और वह PTS के अंतर्गत ITR भरना चुना हो, वह ITR-4 जमा करते हैं।
पहले से भरे हुए ITR को व्यापक रूप से स्वीकारा जा रहा है और ये बहुत लोकप्रिय भी है। OTA और TDS सिस्टम लागू करने की CBDT की पहल को स्वचालित tax return की राह में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। ITR की e-filing इनकम टैक्स विभाग के e-filing पोर्टल पर की जा सकती है - www.incometaxindiaefiling.gov.in
केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं के महत्त्व को समझने के लिए और ये जानने के लिए की वह कर दाताओं के लिए क्या बदलाव लाएंगी, पढ़िए Union Budget 2019 – Key Highlights.