Tax saving investments : पिछले तीन वर्षों के सबसे अच्‍छे टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट

अपनी वित्तीय स्थिति की बेहतरी और निवेश के रिटर्न के लिए कुछ लोकप्रिय टैक्‍स सेविंग प्रोडक्‍ट्स के बारे में और अधिक जानें।

टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट

नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ, निवेशक टैक्स सेविंग करने के मूड में हैं। आप भी ऐसे टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट के विकल्पों की तलाश में होंगे जो अधिकतम आय दे सकें। आप वित्त वर्ष 2022-23 में निम्नलिखित सूची से अपने टैक्‍स सेविंग प्रोडक्‍ट्स को चुन सकते हैं और अपनी इनकम टैक्‍स देयता को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

1. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

यह टैक्स सेविंग के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। इसमें 3 वर्ष की अनिवार्य लॉक-इन अवधि होती है। म्यूचुअल फंड स्कीम होने के नाते, आपके द्वारा चुने गए फंड के आधार पर रिटर्न व्यापक रूप से घटता बढ़ता है। सेक्‍शन 80C के अनुसार कुछ शर्तें हैं जिन्‍हें अधिकतम कर कटौती के लिए पूरा करना होगा। यदि ELSS में निवेश की गई मूल राशि 1.5 लाख रुपए से कम है, तो इसे टैक्‍सेशन से छूट दी गई है। इसके अलावा, यदि कैपिटल गेन 1 लाख रुपए से कम है, तो आपसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं लिया जाता है।

1 और 3 साल के रिटर्न के आधार पर टॉप तीन ELSS फंड

1 और 3 साल के रिटर्न के आधार पर टॉप तीन ELSS फंड

2.  पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF सेक्शन 80C के तहत एक और लोकप्रिय टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट है जिसकी लॉक-इन अवधि 15 वर्ष की है। सरकार हर तिमाही PPF के लिए ब्याज दर की घोषणा करती है और यह उस अवधि के लिए निश्चित होती है। आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं और कुल राशि पर कर से छूट मिलती है। वित्त वर्ष 2019-20 में, इसकी रेंज 7.9% से 8% थी। वित्त वर्ष 2020-21 में, इसे 7.1% फिक्‍स किया गया था और वित्त वर्ष 2021-22 में इसे बनाए रखने की उम्मीद है। लंबी अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज की दर से मिलने वाले रिटर्न के कारण PPF एक फायदेमंद निवेश हो सकता है।

3. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)

सेक्‍शन 80C के तहत, निवेशक 1.5 लाख रुपए तक की कर कटौती का आनंद ले सकते हैं, यदि आप निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो यह आपके लिए टैक्‍स सेविंग प्रोडक्‍ट्स में सबसे अच्छे निवेशों में से एक है:

60 या उससे अधिक उम्र के निवेशक

55 से अधिक उम्र के निवेशक जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है

50 से अधिक उम्र के निवेशक जो भारत के डिफेंस सेक्‍टर से हैं

SCSS की रिटर्न की दर 2019-20 में 8.6% से गिरकर 2020-21 में 7.4% हो गई है। यह दर वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक बनी हुई है।

4.फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट एक लोकप्रिय टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट है क्योंकि यह एक निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न देता है। सेक्शन 80C के तहत, 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि वाली FD पर टैक्स से छूट प्राप्‍त है। इस योजना के तहत अर्जित ब्याज टैक्‍सेबल है और अलग अलग बैंकों की ब्याज दर अलग-अलग होती है। वित्त वर्ष 2019-20 में, FD की औसत ब्याज दर लगभग 6.5% थी, लेकिन महामारी के बाद से इसमें 1.5% -2% तक की गिरावट आई है।

5. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)

NPS सेवानिवृत्ति पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। सेक्शन 80C के तहत, मूल राशि पर 1.5 लाख रुपए तक कर कटौती का दावा किया जा सकता है। सेक्‍शन 80CCD(1) कर्मचारियों को उनके वेतन के 10% तक टैक्‍स-फ्री इन्‍वेस्‍टमेंट की अनुमति देता है। सेक्‍शन 80CCD (1B) सेल्‍फ-इम्‍प्‍लॉइड निवेशकों को 50,000 रुपए की अतिरिक्त राशि का दावा करने की अनुमति देता है। NPS में टियर-1 और टियर-2 की कई योजनाएं हैं, और उनका रिटर्न उसी के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है। अधिकांश टॉप पेंशन फंड मैनेजर्स के तीन वर्षों का रिटर्न 9% से 12% के बीच था। NPS के लिए लॉक-इन अवधि 10 वर्ष है, लेकिन बिना कर्मचारी-नियोक्ता संबंध वाले निवेशकों के लिए इसे घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।    

6. जीवन बीमा

जीवन बीमा योजना के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम सेक्‍शन 80C के अनुसार टैक्स स्लैब के तहत कटौती योग्य होता है। हालांकि, लाभ का आनंद लेने के लिए प्रीमियम 1.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी में, पूरा ध्‍यान लाइफ कवर पर न कि इसमें दी जा रही रिटर्न की दर पर होता है। रिटर्न-ओरिएंटेड लाइफ कवर के लिए, एंडॉमेंट और मनी-बैक पॉलिसी बेहतर निवेश हैं। लॉक-इन अवधि भिन्न हो सकती है।

उदाहरण के लिए, LIC की 20 वर्ष की मनीबैक पॉलिसी में, प्रीमियम का भुगतान 15 वर्षों तक किया जाता है लेकिन पॉलिसी 20 साल के बाद मैच्‍योर होती है। हालांकि, 5वें, 10वें और 15वें वर्ष के अंत में सर्वाइवल बेनिफिट मिलता है। दूसरी ओर, एंडॉमेंट पॉलिसी में 2-3 साल की लॉक-इन अवधि होती है।

7.  यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूलिप को सबसे अच्छे टैक्स सेविंग प्रोडक्‍ट्स में से एक माना जाता है क्योंकि निवेश और देय प्रीमियम दोनों पर छूट की मिलती है। सेक्‍शन 80C के तहत, निवेश राशि में कटौती योग्य प्रीमियम राशि के रूप में कुल बीमा राशि के 10% के कैप के साथ 1.5 लाख रुपए की कर कटौती की अनुमति है। प्रमुख यूलिप पॉलिसी के रिटर्न पर एक नज़र डालें, तो तीन साल के रिटर्न रेंज 7% से 20% के बीच दिखती है। इन पॉलिसीज़ में औसत तीन साल का रिटर्न 11% था, और उनकी लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है।

ऊपर बताए गए विकल्प आपका टैक्स बचाने के तरीकों के बारे में मार्गदर्शन करेंगे। सही विकल्प चुनें और अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न प्राप्त करें!

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नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ, निवेशक टैक्स सेविंग करने के मूड में हैं। आप भी ऐसे टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट के विकल्पों की तलाश में होंगे जो अधिकतम आय दे सकें। आप वित्त वर्ष 2022-23 में निम्नलिखित सूची से अपने टैक्‍स सेविंग प्रोडक्‍ट्स को चुन सकते हैं और अपनी इनकम टैक्‍स देयता को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

1. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)

यह टैक्स सेविंग के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। इसमें 3 वर्ष की अनिवार्य लॉक-इन अवधि होती है। म्यूचुअल फंड स्कीम होने के नाते, आपके द्वारा चुने गए फंड के आधार पर रिटर्न व्यापक रूप से घटता बढ़ता है। सेक्‍शन 80C के अनुसार कुछ शर्तें हैं जिन्‍हें अधिकतम कर कटौती के लिए पूरा करना होगा। यदि ELSS में निवेश की गई मूल राशि 1.5 लाख रुपए से कम है, तो इसे टैक्‍सेशन से छूट दी गई है। इसके अलावा, यदि कैपिटल गेन 1 लाख रुपए से कम है, तो आपसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं लिया जाता है।

1 और 3 साल के रिटर्न के आधार पर टॉप तीन ELSS फंड

1 और 3 साल के रिटर्न के आधार पर टॉप तीन ELSS फंड

2.  पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF सेक्शन 80C के तहत एक और लोकप्रिय टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट है जिसकी लॉक-इन अवधि 15 वर्ष की है। सरकार हर तिमाही PPF के लिए ब्याज दर की घोषणा करती है और यह उस अवधि के लिए निश्चित होती है। आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं और कुल राशि पर कर से छूट मिलती है। वित्त वर्ष 2019-20 में, इसकी रेंज 7.9% से 8% थी। वित्त वर्ष 2020-21 में, इसे 7.1% फिक्‍स किया गया था और वित्त वर्ष 2021-22 में इसे बनाए रखने की उम्मीद है। लंबी अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज की दर से मिलने वाले रिटर्न के कारण PPF एक फायदेमंद निवेश हो सकता है।

3. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)

सेक्‍शन 80C के तहत, निवेशक 1.5 लाख रुपए तक की कर कटौती का आनंद ले सकते हैं, यदि आप निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो यह आपके लिए टैक्‍स सेविंग प्रोडक्‍ट्स में सबसे अच्छे निवेशों में से एक है:

60 या उससे अधिक उम्र के निवेशक

55 से अधिक उम्र के निवेशक जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है

50 से अधिक उम्र के निवेशक जो भारत के डिफेंस सेक्‍टर से हैं

SCSS की रिटर्न की दर 2019-20 में 8.6% से गिरकर 2020-21 में 7.4% हो गई है। यह दर वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक बनी हुई है।

4.फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट एक लोकप्रिय टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट है क्योंकि यह एक निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न देता है। सेक्शन 80C के तहत, 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि वाली FD पर टैक्स से छूट प्राप्‍त है। इस योजना के तहत अर्जित ब्याज टैक्‍सेबल है और अलग अलग बैंकों की ब्याज दर अलग-अलग होती है। वित्त वर्ष 2019-20 में, FD की औसत ब्याज दर लगभग 6.5% थी, लेकिन महामारी के बाद से इसमें 1.5% -2% तक की गिरावट आई है।

5. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)

NPS सेवानिवृत्ति पर वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। सेक्शन 80C के तहत, मूल राशि पर 1.5 लाख रुपए तक कर कटौती का दावा किया जा सकता है। सेक्‍शन 80CCD(1) कर्मचारियों को उनके वेतन के 10% तक टैक्‍स-फ्री इन्‍वेस्‍टमेंट की अनुमति देता है। सेक्‍शन 80CCD (1B) सेल्‍फ-इम्‍प्‍लॉइड निवेशकों को 50,000 रुपए की अतिरिक्त राशि का दावा करने की अनुमति देता है। NPS में टियर-1 और टियर-2 की कई योजनाएं हैं, और उनका रिटर्न उसी के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है। अधिकांश टॉप पेंशन फंड मैनेजर्स के तीन वर्षों का रिटर्न 9% से 12% के बीच था। NPS के लिए लॉक-इन अवधि 10 वर्ष है, लेकिन बिना कर्मचारी-नियोक्ता संबंध वाले निवेशकों के लिए इसे घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।    

6. जीवन बीमा

जीवन बीमा योजना के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम सेक्‍शन 80C के अनुसार टैक्स स्लैब के तहत कटौती योग्य होता है। हालांकि, लाभ का आनंद लेने के लिए प्रीमियम 1.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी में, पूरा ध्‍यान लाइफ कवर पर न कि इसमें दी जा रही रिटर्न की दर पर होता है। रिटर्न-ओरिएंटेड लाइफ कवर के लिए, एंडॉमेंट और मनी-बैक पॉलिसी बेहतर निवेश हैं। लॉक-इन अवधि भिन्न हो सकती है।

उदाहरण के लिए, LIC की 20 वर्ष की मनीबैक पॉलिसी में, प्रीमियम का भुगतान 15 वर्षों तक किया जाता है लेकिन पॉलिसी 20 साल के बाद मैच्‍योर होती है। हालांकि, 5वें, 10वें और 15वें वर्ष के अंत में सर्वाइवल बेनिफिट मिलता है। दूसरी ओर, एंडॉमेंट पॉलिसी में 2-3 साल की लॉक-इन अवधि होती है।

7.  यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूलिप को सबसे अच्छे टैक्स सेविंग प्रोडक्‍ट्स में से एक माना जाता है क्योंकि निवेश और देय प्रीमियम दोनों पर छूट की मिलती है। सेक्‍शन 80C के तहत, निवेश राशि में कटौती योग्य प्रीमियम राशि के रूप में कुल बीमा राशि के 10% के कैप के साथ 1.5 लाख रुपए की कर कटौती की अनुमति है। प्रमुख यूलिप पॉलिसी के रिटर्न पर एक नज़र डालें, तो तीन साल के रिटर्न रेंज 7% से 20% के बीच दिखती है। इन पॉलिसीज़ में औसत तीन साल का रिटर्न 11% था, और उनकी लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है।

ऊपर बताए गए विकल्प आपका टैक्स बचाने के तरीकों के बारे में मार्गदर्शन करेंगे। सही विकल्प चुनें और अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न प्राप्त करें!

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