- Date : 14/04/2020
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किसी प्रियजन से उपहार मिलना या विरासत में पाना बहुत ही फ़ायदेमंद हो सकता है। लेकिन इससे पहले आपके लिए यह जान लेना अच्छा है कि क्या उन उपहारों पर आपको टैक्स देना पड़ सकता है?

मिस्टर शर्मा को अपने दादा की वसीयत के अनुसार विरासत में एक बड़ी राशि मिली। इस राशि में से कुछ पैसा घर ख़र्च में इस्तेमाल करने के बाद उन्होंने बची हुई रकम को बैंक के फ़िक्सड डिपोज़िट खाते में निवेश करने का निश्चय किया। दूसरी ओर, उनकी पत्नी ने इस बात पर अपनी चिंता ज़ाहिर की कि क्या मिली हुई उपहार राशि पर टैक्स लगेगा। वह हाल ही में हुए विमुद्रीकरण और उच्च मूल्य लेनदेन से जुड़ी टैक्स जांच की कार्रवाई में हुई वृद्धि को लेकर ख़ास तौर पर चिंतित थी। यहाँ तक कि वसीयत में मिली हुई रकम भी उनकी चिंता का विषय बन गयी थी।
अगर आप ख़ुद को इस तरह के तनाव से बचाना चाहते हैं, तो पढ़िए उन विभिन्न प्रकार के उपहारों के बारे में जिन पर भारत में टैक्स लगता है।
सम्बंधित: वे बातें जो आप टैक्स बचाने के बारे में नही जानते
उपहार किसे कहते हैं ?
आयकर की परिभाषा के अनुसार, निम्नलिखित उपहार की श्रेणी में आते हैं:
चेक, डिमांड ड्राफ़्ट या नक़द में ली गयी राशि
अचल सम्पत्ति जैसे मकान, ज़मीन या इमारत का हिस्सा, मतलब जिसे हटाया या नष्ट न किया जा सके, और जो बिना किसी प्रतिफल के मिली हो।
चल संपत्ति जैसे गहने, सोना, कलाकृतियाँ आदि।
*प्रतिफल का अर्थ है संपत्ति के एवज में किया गया पैसों का भुगतान या कोई अन्य वस्तु।
क्या यह उपहार टैक्स की श्रेणी में आते हैं?

अगर आपको ऊपर उल्लिखित किसी प्रकार के उपहार मिलते हैं, तो आपको उन्हें कर की नज़र से भी देखना चाहिए। उपहार कर योग्य होगा या कर मुक्त, यह उपहार की प्रकृति पर निर्भर करता है। एक उपहार सम्बंधी हलफ़नामा, जो अनिवार्य नहीं है, कर संबंधी जटिलताओं से बचा सकता है। इसलिए, आपको मिलने वाले किसी भी उपहार को आदर्श रूप से हलफनामे द्वारा समर्थित होना चाहिए।
सबसे आम प्रकार के उपहार जो कर के दायरे में आते हैं
ग़ैर-रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप ली गयी राशि
रिश्तेदारों के अलावा किसी और से ली गयी राशि, जैसे आपके मित्र या सहकर्मी, तभी कर योग्य होगी अगर वह 50000 रुपए वार्षिक से अधिक है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि इस स्थिति में केवल 50000 रुपए से ऊपर की राशि पर ही नहीं बल्कि पूरी उपहार राशि पर टैक्स लगेगा। आप जिस टैक्स भुगतान करेंगे वह आपकी आयकर-स्लैब पर आधारित होगा। हालाँकि इस नियम में एक अपवाद है। शादी के उपहार, विरासत या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों के साथ-साथ गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त नक़द उपहार की कोई भी राशि प्राप्तकर्ता के लिए कर से मुक्त है।
रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप ली गयी राशि
रिश्तेदारों से मिलने वाले नक़द उपहारों के कर भुगतान के विषय में आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आपको मिलने वाली किसी भी मूल्य की पूरी राशि कर मुक्त है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, रिश्तेदारों का अर्थ है:
आपके पति/पत्नी
आपके सगे भाई/बहन
आपके सगे भाई/बहन के पत्नी/पति
आपके माता पिता के सगे भाई/बहन और आपके सास/ससुर के सगे भाई/बहन
आपके और आपके पति/पत्नी का नज़दीकी ख़ानदान और वंशज
उपहार स्वरूप मिलने वाली अचल सम्पत्ति
अगर शादी, विरासत या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप मिले घर या भूभाग पर लगने वाली स्टैम्प ड्यूटी का मूल्य 50,000 रुपए से अधिक है तो वह कर योग्य होगा। इसलिए अगर स्टैम्प ड्यटी का मूल्य 50,000 रुपए से ऊपर जाता है तो यह आपकी कर योग्य आय में जुड़ेगा और आपकी आयकर-स्लैब के अनुसार इस पर टैक्स लगेगा। अगर यह रकम 50,000 रुपए से कम है तो ऐसा नहीं होगा। अक्सर संपत्ति के मूल्य के प्रतिशत के अनुसार स्टैम्प ड्यूटी की राशि निर्धारित की जाती है। ऐसे में संपत्ति किस राज्य में है यह उस पर निर्भर करता है।
अगर आपको प्रतिफल स्वरूप कोई सम्पत्ति मिलती है और स्टैम्प ड्यूटी की राशि 50,000 रुपए से अधिक है, तब भुगतान की गयी स्टैम्प ड्यूटी और प्रतिफल मूल्य के बीच का अंतर कर योग्य होगा। यह अंतर ‘अन्य स्रोतों से आय’ में शामिल किया जाएगा और आपकी कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा। साथ ही इस पर आपकी आयकर-स्लैब दर के हिसाब से कर लगाया जाएगा।

उपहार स्वरूप मिलने वाली चल सम्पत्ति
अगर शादी में, विरासत, या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप मिलने वाली चल सम्पत्ति की रकम 50,000 रुपए से अधिक है तो उसका सम्पूर्ण उचित बाजार मूल्य (एफ.एम.वी) कर योग्य होगा। एफ.एम.वी से कम कुछ भी प्राप्तकर्ता के लिए कर मुक्त होगा। अगर उपहार प्रतिफल के लिए लिया गया है, तो उपहार के कर योग्य बनने के लिए एफएमवी और प्रतिफल के बीच का अंतर 50,000 रुपए से अधिक होना चाहिए। यह अंतर ‘अन्य स्रोतों से आय’ में शामिल किया जाएगा और आपकी कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा। फिर इस पर आपकी आयकर-स्लैब दर के हिसाब से कर लगाया जाएगा।
रिश्तेदारों से मिलने वाली राशि कर-मुक्त है
उपहार स्वरूप मिलने वाली राशि अगर 5,000 रुपए से कम है तो वह कर मुक्त है
उपहार के रूप में मिलने वाली चल सम्पत्ति उचित बाजार मूल्य के आधार पर कर योग्य है
विरासत में मिलने वाली रकम कर-मुक्त है
क्या देने वाले को किसी कर लाभ का आनंद मिलता है?
भारतीय मानकों के अनुसार, उपहारों पर लगने वाला कर कुछ परिस्थितियों में हिस्सेदारों द्वारा दिया जाता है, परंतु देने वाले या दानकर्ता द्वारा कभी नही। हालांकि उन्हें किसी भी कर का भुगतान नहीं करना होता, लेकिन उपहार देने पर उपहार देने वाला व्यक्ति किसी भी प्रकार की कर छूट के हकदार नहीं हैं।
जिस वक्त मिस्टर शर्मा ने अपनी पत्नी को उपहार सम्बंधी नियमों के बारे में शिक्षित किया, उनकी चिंता ख़ुशी में बदल गयी। वे विरासत में मिली हुई राशि से अपने पति द्वारा प्लान की गयी यूरोप यात्रा को लेकर उत्साहित थीं।
जब उच्च मूल्य वाले उपहारों के लेन-देन की बात आती है, तो सुनिश्चित कर लेंकि आपने उस पर लागू होने वाले करों के बारे में जानकारी जुटा ली हो। उपहार प्राप्त करते समय आपको कर के लिए कुछ रकम अलग करने की आवश्यकता है या नहीं, इस बारे में तस्वीर साफ़ रखने में यह लंबे समय तक आपकी सहायता करेगा।
मिस्टर शर्मा को अपने दादा की वसीयत के अनुसार विरासत में एक बड़ी राशि मिली। इस राशि में से कुछ पैसा घर ख़र्च में इस्तेमाल करने के बाद उन्होंने बची हुई रकम को बैंक के फ़िक्सड डिपोज़िट खाते में निवेश करने का निश्चय किया। दूसरी ओर, उनकी पत्नी ने इस बात पर अपनी चिंता ज़ाहिर की कि क्या मिली हुई उपहार राशि पर टैक्स लगेगा। वह हाल ही में हुए विमुद्रीकरण और उच्च मूल्य लेनदेन से जुड़ी टैक्स जांच की कार्रवाई में हुई वृद्धि को लेकर ख़ास तौर पर चिंतित थी। यहाँ तक कि वसीयत में मिली हुई रकम भी उनकी चिंता का विषय बन गयी थी।
अगर आप ख़ुद को इस तरह के तनाव से बचाना चाहते हैं, तो पढ़िए उन विभिन्न प्रकार के उपहारों के बारे में जिन पर भारत में टैक्स लगता है।
सम्बंधित: वे बातें जो आप टैक्स बचाने के बारे में नही जानते
उपहार किसे कहते हैं ?
आयकर की परिभाषा के अनुसार, निम्नलिखित उपहार की श्रेणी में आते हैं:
चेक, डिमांड ड्राफ़्ट या नक़द में ली गयी राशि
अचल सम्पत्ति जैसे मकान, ज़मीन या इमारत का हिस्सा, मतलब जिसे हटाया या नष्ट न किया जा सके, और जो बिना किसी प्रतिफल के मिली हो।
चल संपत्ति जैसे गहने, सोना, कलाकृतियाँ आदि।
*प्रतिफल का अर्थ है संपत्ति के एवज में किया गया पैसों का भुगतान या कोई अन्य वस्तु।
क्या यह उपहार टैक्स की श्रेणी में आते हैं?

अगर आपको ऊपर उल्लिखित किसी प्रकार के उपहार मिलते हैं, तो आपको उन्हें कर की नज़र से भी देखना चाहिए। उपहार कर योग्य होगा या कर मुक्त, यह उपहार की प्रकृति पर निर्भर करता है। एक उपहार सम्बंधी हलफ़नामा, जो अनिवार्य नहीं है, कर संबंधी जटिलताओं से बचा सकता है। इसलिए, आपको मिलने वाले किसी भी उपहार को आदर्श रूप से हलफनामे द्वारा समर्थित होना चाहिए।
सबसे आम प्रकार के उपहार जो कर के दायरे में आते हैं
ग़ैर-रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप ली गयी राशि
रिश्तेदारों के अलावा किसी और से ली गयी राशि, जैसे आपके मित्र या सहकर्मी, तभी कर योग्य होगी अगर वह 50000 रुपए वार्षिक से अधिक है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि इस स्थिति में केवल 50000 रुपए से ऊपर की राशि पर ही नहीं बल्कि पूरी उपहार राशि पर टैक्स लगेगा। आप जिस टैक्स भुगतान करेंगे वह आपकी आयकर-स्लैब पर आधारित होगा। हालाँकि इस नियम में एक अपवाद है। शादी के उपहार, विरासत या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों के साथ-साथ गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त नक़द उपहार की कोई भी राशि प्राप्तकर्ता के लिए कर से मुक्त है।
रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप ली गयी राशि
रिश्तेदारों से मिलने वाले नक़द उपहारों के कर भुगतान के विषय में आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आपको मिलने वाली किसी भी मूल्य की पूरी राशि कर मुक्त है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, रिश्तेदारों का अर्थ है:
आपके पति/पत्नी
आपके सगे भाई/बहन
आपके सगे भाई/बहन के पत्नी/पति
आपके माता पिता के सगे भाई/बहन और आपके सास/ससुर के सगे भाई/बहन
आपके और आपके पति/पत्नी का नज़दीकी ख़ानदान और वंशज
उपहार स्वरूप मिलने वाली अचल सम्पत्ति
अगर शादी, विरासत या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप मिले घर या भूभाग पर लगने वाली स्टैम्प ड्यूटी का मूल्य 50,000 रुपए से अधिक है तो वह कर योग्य होगा। इसलिए अगर स्टैम्प ड्यटी का मूल्य 50,000 रुपए से ऊपर जाता है तो यह आपकी कर योग्य आय में जुड़ेगा और आपकी आयकर-स्लैब के अनुसार इस पर टैक्स लगेगा। अगर यह रकम 50,000 रुपए से कम है तो ऐसा नहीं होगा। अक्सर संपत्ति के मूल्य के प्रतिशत के अनुसार स्टैम्प ड्यूटी की राशि निर्धारित की जाती है। ऐसे में संपत्ति किस राज्य में है यह उस पर निर्भर करता है।
अगर आपको प्रतिफल स्वरूप कोई सम्पत्ति मिलती है और स्टैम्प ड्यूटी की राशि 50,000 रुपए से अधिक है, तब भुगतान की गयी स्टैम्प ड्यूटी और प्रतिफल मूल्य के बीच का अंतर कर योग्य होगा। यह अंतर ‘अन्य स्रोतों से आय’ में शामिल किया जाएगा और आपकी कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा। साथ ही इस पर आपकी आयकर-स्लैब दर के हिसाब से कर लगाया जाएगा।

उपहार स्वरूप मिलने वाली चल सम्पत्ति
अगर शादी में, विरासत, या वसीयत के रूप में रिश्तेदारों से उपहार स्वरूप मिलने वाली चल सम्पत्ति की रकम 50,000 रुपए से अधिक है तो उसका सम्पूर्ण उचित बाजार मूल्य (एफ.एम.वी) कर योग्य होगा। एफ.एम.वी से कम कुछ भी प्राप्तकर्ता के लिए कर मुक्त होगा। अगर उपहार प्रतिफल के लिए लिया गया है, तो उपहार के कर योग्य बनने के लिए एफएमवी और प्रतिफल के बीच का अंतर 50,000 रुपए से अधिक होना चाहिए। यह अंतर ‘अन्य स्रोतों से आय’ में शामिल किया जाएगा और आपकी कर योग्य आय में जोड़ा जाएगा। फिर इस पर आपकी आयकर-स्लैब दर के हिसाब से कर लगाया जाएगा।
रिश्तेदारों से मिलने वाली राशि कर-मुक्त है
उपहार स्वरूप मिलने वाली राशि अगर 5,000 रुपए से कम है तो वह कर मुक्त है
उपहार के रूप में मिलने वाली चल सम्पत्ति उचित बाजार मूल्य के आधार पर कर योग्य है
विरासत में मिलने वाली रकम कर-मुक्त है
क्या देने वाले को किसी कर लाभ का आनंद मिलता है?
भारतीय मानकों के अनुसार, उपहारों पर लगने वाला कर कुछ परिस्थितियों में हिस्सेदारों द्वारा दिया जाता है, परंतु देने वाले या दानकर्ता द्वारा कभी नही। हालांकि उन्हें किसी भी कर का भुगतान नहीं करना होता, लेकिन उपहार देने पर उपहार देने वाला व्यक्ति किसी भी प्रकार की कर छूट के हकदार नहीं हैं।
जिस वक्त मिस्टर शर्मा ने अपनी पत्नी को उपहार सम्बंधी नियमों के बारे में शिक्षित किया, उनकी चिंता ख़ुशी में बदल गयी। वे विरासत में मिली हुई राशि से अपने पति द्वारा प्लान की गयी यूरोप यात्रा को लेकर उत्साहित थीं।
जब उच्च मूल्य वाले उपहारों के लेन-देन की बात आती है, तो सुनिश्चित कर लेंकि आपने उस पर लागू होने वाले करों के बारे में जानकारी जुटा ली हो। उपहार प्राप्त करते समय आपको कर के लिए कुछ रकम अलग करने की आवश्यकता है या नहीं, इस बारे में तस्वीर साफ़ रखने में यह लंबे समय तक आपकी सहायता करेगा।