- Date : 26/04/2023
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Home Loans: होम लोन लेने वालों में 25-35 उम्र के लगभग 27 प्रतिशत होमबॉयर्स हैं। कोविड से पहले इस उम्र वर्ग के 20 फीसदी से भी कम लोग थे, जो लोन लेकर घर खरीदते थे।

Home Loans: घर खरीदना हर किसी का सपना होता है और खास तौर पर बड़े शहरों में घर खरीदने के लिए लोग काफी ज्यादा ब्याज दरों को भी सह लेते हैं। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही की तुलना में इस साल जनवरी और मार्च के बीच होम लोन लेने वालों की संख्या में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बिना ब्रोकरेज के घर किराये पर दिलाने और खरीदने जैसे विकल्प उपलब्ध कराने वाले प्लैटफॉर्म नोब्रोकर के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
सर्वेक्षण में बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर के 2,000 होम-लोन ग्राहकों को शामिल किया गया था। इसमें पता चला कि होम लोन की मांग पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 120 फीसदी बढ़ी है। सर्वेक्षण ने होम लोन लेने वाले मिलेनियल्स की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। 25-35 साल की उम्र के लगभग 27 प्रतिशत होमबॉयर्स ने होम लोन का विकल्प चुना, जो कि 17 कोविड से पहले की अवधि के 18 पर्सेंट से ज्यादा था। सर्वे में शामिल करीब 78 फीसदी लोगों को लगता है कि होम लोन की दरें अभी बहुत महंगी नहीं हैं और न ही बहुत सस्ती हैं।
सर्वेक्षण में पता चल रहा है कि जो युवा अब तक एक संपत्ति खरीदने पर विचार नहीं करते थे और सोचते थे कि उन्हें शहर बांध देगा, वे अब अचल संपत्ति को एक असफल-सुरक्षित और आकर्षक निवेश अवसर के रूप में मान रहे हैं। कई युवा होमबॉयर्स डाउनपेमेंट करने के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं, और कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से होम लोन बाजार में अपने ब्रैड का निर्माण करने के प्रस्तावों का लाभ उठाते हुए डाउन पेमेंट के रूप में कम से कम 10 फीसदी का भुगतान करने का विकल्प चुन रहे हैं। नोब्रोकर का कहना है कि आरबीआई ने पिछले साल की तुलना में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी करने के बावजूद जनवरी-मार्च 2023 में होम लोन की सबसे ज्यादा मांग देखी, जिसके कारण बैंकों को भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करनी पड़ी।
Home Loans: घर खरीदना हर किसी का सपना होता है और खास तौर पर बड़े शहरों में घर खरीदने के लिए लोग काफी ज्यादा ब्याज दरों को भी सह लेते हैं। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही की तुलना में इस साल जनवरी और मार्च के बीच होम लोन लेने वालों की संख्या में 42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बिना ब्रोकरेज के घर किराये पर दिलाने और खरीदने जैसे विकल्प उपलब्ध कराने वाले प्लैटफॉर्म नोब्रोकर के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
सर्वेक्षण में बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर के 2,000 होम-लोन ग्राहकों को शामिल किया गया था। इसमें पता चला कि होम लोन की मांग पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 120 फीसदी बढ़ी है। सर्वेक्षण ने होम लोन लेने वाले मिलेनियल्स की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। 25-35 साल की उम्र के लगभग 27 प्रतिशत होमबॉयर्स ने होम लोन का विकल्प चुना, जो कि 17 कोविड से पहले की अवधि के 18 पर्सेंट से ज्यादा था। सर्वे में शामिल करीब 78 फीसदी लोगों को लगता है कि होम लोन की दरें अभी बहुत महंगी नहीं हैं और न ही बहुत सस्ती हैं।
सर्वेक्षण में पता चल रहा है कि जो युवा अब तक एक संपत्ति खरीदने पर विचार नहीं करते थे और सोचते थे कि उन्हें शहर बांध देगा, वे अब अचल संपत्ति को एक असफल-सुरक्षित और आकर्षक निवेश अवसर के रूप में मान रहे हैं। कई युवा होमबॉयर्स डाउनपेमेंट करने के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं, और कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से होम लोन बाजार में अपने ब्रैड का निर्माण करने के प्रस्तावों का लाभ उठाते हुए डाउन पेमेंट के रूप में कम से कम 10 फीसदी का भुगतान करने का विकल्प चुन रहे हैं। नोब्रोकर का कहना है कि आरबीआई ने पिछले साल की तुलना में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी करने के बावजूद जनवरी-मार्च 2023 में होम लोन की सबसे ज्यादा मांग देखी, जिसके कारण बैंकों को भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि करनी पड़ी।