- Date : 16/03/2023
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अगर आप अगले साल टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको जल्द से जल्द ये काम कर लेना चाहिए।

ncome Tax Savings: वित्तीय वर्ष 2022-23 खत्म होने में अब बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। इस साल जो टैक्स आपने देना या नहीं देना था वो तो चल गया। मसला अगले साल का है कि अगले साल आपको कितना टैक्स देना पड़ेगा और उसे बचाने के लिए आपके पास कौन-कौन से विकल्प हैं। सबसे पहले ये समझ लीजिए कि इस साल बजट में वित्त मंत्री ने अगले वित्त वर्ष के लिए नई और पुराना टैक्स व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया है। इसलिए आपको प्लानिंग करनी होगी कि आप नई टैक्स व्यवस्था के साथ जाना चाहते हैं या पुरानी के साथ ही रहना चाहते हैं।
जैसे-जैसे फाइनेंशियल ईयर (FY 2022-23) खत्म होने हो रहा है वैसे वैसे, टैक्सपेयर्स को टैक्स डिडक्शन का लाभ लेने का समय भी खत्म हो रहा है। निवेश जैसे कुछ सरल उपायों का पालन करके बहुत सारा पैसा भी बचाया जा सकता है। जानिए आपके पास टैक्स बचाने के कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं?
1. सबसे पहले, टैक्सपेयर्स सेक्शन 80सी के तहत ईएलएसएस, पीपीएफ, एनपीएस, ईपीएफ कर-बचत सावधि जमा करके 1,50,000 रुपये तक तक टैक्स बचा सकते हैं।
2. राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में निवेश करके भी टैक्स बचाया जा सकता है। टैक्सपेयर्स धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की ओवरऑल लिमिट के अलावा 50,000 रुपये की एडिशनल टैक्स डिडक्शन भी दिखा सकते हैं।
3. टैक्सपेयर्स अपनी पत्नी और अपने बच्चों के लिए मेडिकल इंशोरेंस की प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं। इसके अलावा टैक्सपेयर्स अपने माता-पिता के लिए भी 25,000 रुपये तक मेडिकल इंशोरेंस दिखा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिक भी दोनों श्रेणियों के लिए 50,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं।
4. यदि टैक्सपेयर्स इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर विचार कर रहे हैं, तो वे ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर 1,50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
5. टैक्स पेयर्स अपने टैक्स को कम करने के लिए होम लोन पर भी टैक्स का लाभ उठा सकते हैं। आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत होम लोन पर टैक्स का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। जैसे- धारा 80C- 1,50,000 रुपये तक, धारा 24B- 2,00,000 रुपये तक, धारा 80 EE- 50,000 रुपये तक, धारा 80EEA- 1,50,000 रुपये तक, ज्वाइंट होम लोन के लिए- 24बी के तहत 2,00,000 रुपये तक और 80सी के तहत 1,50,000 रुपये तक लाभ लिया जा सकता है।
6. अंत में, टैक्सपेयर्स को अपने टैक्स का भुगतान एडवांस में करना चाहिए। यदि टैक्स देनदारी कुल टीडीएस का 10,000 रुपये से अधिक है, तो वे इंटरेस्ट पेनल्टी से बचने के लिए एडवांस में टैक्स का भुगतान करें।