- Date : 10/03/2021
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- Read in English: All you need to know about the LTC Cash Voucher Scheme
केंद्रीय बजट ने रीइम्बर्समेंट और टैक्स में छूट के संयोजन की पेशकश करके एक शानदार स्कीम शुरू की है जिससे जनता को खुलकर खर्च करने के लिए बढ़ावा मिले. ज़्यादा जानने के लिए पढ़ें.

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, कंज़्यूमर स्पेंडिंग (उपभोक्ता खर्च) को बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सैलरी पा रहे कर्मचारियों में 24% भारतीय कंज़्यूमर शामिल थे. हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मांग बढ़ाने के लिए इस सेगमेंट को टैप करने की इच्छुक हैं.
हाल ही में आए केंद्रीय बजट 2021 में, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए, एक शानदार स्कीम की शुरुआत हुई. इससे, वे इस्तेमाल नहीं हुई लीव के लिए ट्रेवल कन्सेशन (LTC) पर टैक्स में लाभ को क्लेम कर सकते हैं, हालांकि यह कुछ नियमों और शर्तों के अधीन होगा.
इस प्रस्ताव से, जो पिछले साल के अंत से चर्चा में था, भारत में लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिन्हें अन्यथा LTC पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता. साथ ही, इससे 28,000 करोड़ रुपये की मांग भी पैदा होती है.
LTC कैश वाउचर स्कीम क्या है?
लेटेस्ट LTC नियमों के अनुसार, सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी कैश वाउचर क्लेम कर सकते हैं, अगर 2018 और 2021 के बीच 4 साल की अवधि के दौरान उन्होंने LTC का लाभ नहीं उठाया हो. हालांकि, क्वालीफ़ाई करने के लिए, उन्हें इन शर्तों को पूरा करना होगा:
- खरीदा गया सामान, LTC किराए और लीव एनकैशमेंट लिमिट के तीन गुना के बराबर होना चाहिए.
- सामान, 12 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच खरीदा जाना चाहिए.
- सामान के खरीद मूल्य पर न्यूनतम 12% GST लगना चाहिए.
- वेंडर का वैध जीएसटी पंजीकरण होना ज़रूरी है और पेमेंट, डिजिटल मोड जैसे क्रेडिट कार्ड, नेटबैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से किया जाना चाहिए.
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स्कीम का लाभ उठाते समय कौन सी महत्वपूर्ण बातें याद रखें?
- इस स्कीम के तहत LTC कैश वाउचर बेनिफिट क्लेम करने के लिए आपको यात्रा करने की आवश्यकता नहीं है. यह उन कर्मचारियों को लाभ पहुँचाने के लिए है जो लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने में असमर्थ रहे हैं. इस लाभ से अर्थव्यवस्था में पैसे के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलता है.
- जब आप 4 साल की अवधि के दौरान दो यात्राओं के लिए एलटीसी के लिए योग्य हों, तो केवल एक यात्रा के लिए कैश वाउचर को क्लेम किया जा सकता है.
- लाभ पाने के लिए, आपको LTC किराए और लीव एनकैशमेंट दोनों का लाभ उठाना चाहिए. हालांकि, आपके पास न्यूनतम राशि से कम खर्च करने और फिर भी रीइम्बर्समेंट क्लेम करने का विकल्प है, यह प्रो-रेटा बेसिस पर होगा.
- अगर आप कुल एलटीसी राशि का एक हिस्सा खर्च करना चुनते हैं, तो एक अनुपात या प्रोपोरशन के आधार पर लाभ कैलकुलेट किया जाएगा. उदाहरण के लिए, अगर आपको एलटीसी के तौर पर 2.1 लाख रुपये की लिमिट है, लेकिन आप केवल 2 लाख रुपये खर्च करते हैं, तो आप केवल खर्च की गई वास्तविक राशि के आधार पर लाभ पा सकेंगे.
- अब भी, लीव एनकैशमेंट पर टीडीएस लगेगा, जो आईटी रिटर्न फॉर्म के ‘Income from Salary’ हेड में दिखेगा. हालांकि, अगर आप सेवानिवृत्ति पर या नौकरी छोड़ने के बाद क्लेम करते हैं, तो लीव एनकैशमेंट पर टैक्स नहीं देना होगा.
- आप लीव एनकैशमेंट पर 100% तक का कैश एडवांस और ट्रेवल के किराए की अनुमानित राशि के 50% तक कैश एडवांस क्लेम कर सकते हैं, इसके साथ आपको खरीद का सबूत (बिल) देना होगा, जो यह पुष्टि करता हो कि क्लेम की गई राशि के बराबर सामान खरीदा गया था.
- अगर कैश एडवांस का इस्तेमाल बिलकुल नहीं या आंशिक रूप से नहीं किया जाता है, तो पेमेंट की गई राशि को पूरा या इस्तेमाल न हुई राशि की सीमा तक वसूल किया जाना चाहिए, जैसी भी परिस्थिति हो. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार, आपको पेनल्टी के माध्यम से ब्याज भी भरना होगा.
- अगर आप लाभ के लिए योग्य होना चाहते हैं तो वर्तमान वित्तीय वर्ष के भीतर क्लेम को निपटाएं.
- आप किसी भी प्रकार का सामान या सेवा खरीद सकते हैं जब तक कि GST 12% या अधिक हो.
- वित्तीय वर्ष के अंत तक अलग-अलग दिनों पर खरीदारी की जा सकती है. रीइम्बर्समेंट के लाभ के लिए कई इनवॉइस लगाए जा सकते हैं.
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निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इस स्कीम का क्या मतलब है?
दिलचस्प बात यह है कि LTC कैश वाउचर स्कीम मूल रूप से केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाई गई थी. बाद में इसका विस्तार, निजी क्षेत्र के उद्यमों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी शामिल करने के लिए किया गया. यहाँ बताया गया है कि प्रस्ताव में कुछ ऐसी अलग बातें क्यों हैं जो केवल निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर लागू होते हैं. उदाहरण के लिए, LTC का कैश बेनिफिट, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के विशिष्ट वेतन ग्रेड पर आधारित है. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए, अधिकतम राशि 36,000 रुपये प्रति व्यक्ति रखी गई है. ऐसे में, चार लोगों का एक परिवार कुल 1,44,000 (36,000x4) रुपये पर छूट पा सकेगा.
यदि कोई निजी क्षेत्र का कर्मचारी पूरी LTC राशि का उपयोग नहीं कर पाटा है, तो वे केवल कुल सीमा के 75% तक पर रीइम्बर्समेंट मिलेगा. उदाहरण के लिए, अगर आपको 80,000 रुपये तक का LTC मिलना है, तो आपको पूरी छूट पाने के लिए 2.4 लाख रुपये (80,000 x 3) खर्च करने होंगे. मान लें कि आप 1.8 लाख रुपये का सामान खरीदते हैं, तो आपको केवल 60,000 रुपये पर ही छूट मिलेगी - यानी, आपके द्वारा खर्च की जाने वाली राशि के एक-तिहाई हिस्से पर.
हालांकि, इस प्रस्ताव में कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जिन पर सरकार से और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए, निजी क्षेत्र के एमप्लोयर, आमतौर पर LTC को कर्मचारी की CTC (कुल तनख्वाह) के एक अलग कॉम्पोनेन्ट के रूप में शामिल नहीं करते हैं; बल्कि, यह एक फिक्स्ड प्रतिशत है जो कुल वेतन में शामिल होता है. मौजूदा प्रस्ताव में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस मामले में एलटीसी के कैश में लाभ को कैसे कैलकुलेट किया जाता है. इसके अलावा, अगर आप एक निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं और LTC आपके CTC का हिस्सा नहीं है, तो आपको इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा.
क्या टैक्स बचाने के लिए पैसा खर्च करना सही है?
महामारी के चलते, कई कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी है या रोज़ी-रोटी के लिए वेतन में कटौती करानी पड़ी है. अगर आप किसी सुरक्षित नौकरी में हैं और आपके पास कम-से-मध्यम अवधि में अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भरपूर पैसा है, तो टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए अधिक खर्च करना कोई मुश्किल नहीं होगा. उदाहरण के लिए, सरकारी नौकरियों में उन लोगों को वेतन कटौती या नौकरी के नुकसान की ज़्यादा फ़िक्र नहीं करनी पड़ती और निश्चित रूप से इस स्कीम से लाभ भी मिलता है.
अगर आपने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है तो क्या होगा?
अगर आप नई कर व्यवस्था चुनते हैं, तो आप LTC कैश वाउचर स्कीम के तहत छूट नहीं पा सकेंगे. हालाँकि, यदि आप चाहें तो टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय पुरानी स्कीम का विकल्प इस्तेमाल कर सकते है. क्या आपको पुरानी कर व्यवस्था पर बने रहना चाहिए या नई वाली इस्तेमाल करनी चाहिए? अपने सभी प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए इस ख़ास हिस्से को पढ़ें?