- Date : 14/02/2023
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नई टैक्स रिजीम को लेकर कई लोग असमंजस में हैं। वे जानना चाहते हैं कि नई टैक्स रिजीम को अपना लें या फिर पुरानी टैक्स रिजीम ही बेहतर है, जानिए नियम क्या कहता है-

New Tax Regime vs Old Tax Regime: नई टैक्स रिजीम पर सरकार ज्यादा फोकस कर रही है। आम बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को आकर्षक बनाने के लिए कई तरह के ऐलान किए। ऐसे में अब कई लोग कंफ्यूज हो गए हैं। ये लोग सोच रहे हैं कि नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएं या पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) ही बेहतर है। कुछ लोग यह भी जानना चाहते हैं कि क्या नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट होने के बाद पुरानी में वापसी संभव है?
दरअसल, जब भी आप इनकम टैक्स भरने जाते हैं तो आपको दो तरह की कर प्रणालियों के विकल्प मिलते हैं। पुरानी टैक्स रिजीम या फिर नई टैक्स रिजीम। यही वजह है कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या नई में शिफ्ट हो जाएं या पुरानी में ही रहें।
देखिए, अगर आप इनकम टैक्स ऐक्ट के अलग-अलग टैक्स सेविंग टूल्स का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो फिर आपके लिए पुरानी टैक्स रिजीम ही सही है और आपको उसके साथ ही आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन अगर आप अपनी सैलरी से टैक्स सेविंग स्कीम्स के लिए अधिक बचत नहीं कर पाते हैं तो फिर नई टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर है। सरकार भी इस पर फोकस कर रही है और इसमें आपके लिए कई तरह के फायदे भी हैं।
हालांकि सबसे बेहतर तो यही होगा कि आप दोनों ही टैक्स रिजीम को समझ लें और फिर एक्सपर्ट की सलाह लेने के बाद जो आपके लिए बेहतर हो, उसे चुनें।
नियमों की बात करें तो अगर आपकी आय का सोर्स कोई बिजनेस या किसी भी तरह का प्रोफेशन नहीं है तो फिर आप हर साल अपने लिए अलग टैक्स रिजीम चुन सकते हैं। मतलब इस स्थिति में आप जब चाहें नई से पुरानी और पुरानी से नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो सकते हैं।
लेकिन अगर आपकी आय का सोर्स बिजनेस और प्रोफेशन है तो फिर आपको टैक्स रिजीम चुनने का मौका एक बार ही मिलेगा।
जहां तक नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम में अंतर की बात है तो यह जान लीजिए कि नई टैक्स रिजीम में आपको 80C के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलेगी। इस रिजीम में 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर ही आपसे टैक्स लिया जाएगा।
लेकिन अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम के जरिए जाते हैं तो फिर 5 लाख रुपये की आय के बाद से ही इनकम टैक्स लगेगा। पर, यहां एक फायदा है और वह यह कि यहां आपको 80C के तहत जो लाभ करदाताओं को मिलता है, वह आपको मिलेगा।