रिटर्न दाखिल करने के बारे में जीएसटी के लिए रजिस्टर किए गए बिज़नेस वालों को क्या जानना चाहिए?

आयकर विभाग किसी भी बिज़नेस को कितना टैक्स भरना है इसके लिए जीएसटी रिटर्न पर निर्भर होते हैं.

रिटर्न दाखिल करने के बारे में जीएसटी के लिए रजिस्टर किए गए बिज़नेस वालों को क्या जानना चाहिए?

आर आप भारत के केंद्रीय माल और सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के दायरे में आने वाली वस्तुएं या सेवाएं देने वाला बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अपने व्यापार के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, आपको इस आधार पर मासिक, त्रैमासिक और/या वार्षिक जीएसटी रिटर्न जमा करना होगा कि आपका बिज़नेस किस तरह का है. 

लेकिन आखिर जीएसटी रिटर्न होता क्या है? पता लगाने के लिए पढ़ें.

जीएसटी रिटर्न किसी भी व्यापारी की आय की जानकारी देने वाला स्टेटमेंट है, जिसे उस बिज़नेस की टैक्स देनदारी की गणना के उद्देश्य से सरकार को बताया जाना ज़रूरी है. अगर आप जीएसटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हैं, तो आपके जीएसटी रिटर्न में ये जानकारी शामिल होनी चाहिए:

  • परचेज़ (खरीद)
  • सेल्स (बिक्री)
  • आउटपुट जीएसटी (सेल्स पर)
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (परचेज़ पर दिया गया जीएसटी)

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको जीएसटी-कंप्लायंट सेल्स और इनवॉइस बनाना होगा.

अलग-अलग तरह के जीएसटी रिटर्न

एक जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर) कई तरह के हो सकते हैं. उन्हें 1 से 11 तक की संख्या जैसे - जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2, आदि से दर्शाया जाता है जो जीएसटीआर-11 तक जाती है.

हालांकि, अप्रैल 2019 में, फॉर्म सीएमपी-08 नामक एक नई रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया ने 'कंपोजीशन स्कीम' का विकल्प चुनने वाले छोटे बिज़नेस के लिए जीएसटीआर-4 को बदल दिया, जिसमें टर्नओवर की एक निश्चित दर पर जीएसटी भुगतान शामिल है. इससे पूरी प्रक्रिया बहुत सरल हो जाएगी. यह स्कीम उन बिज़नेस के लिए है, जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से कम है, और इसे चुनने वालों को 'कंपोजिशन डीलर' के रूप में जाना जाता है.

इसके अलावा, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 को सितंबर 2017 से निलंबित कर दिया गया है; जीएसटीआर-2 में कर योग्य वस्तुओं और/या सेवाओं की इनवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती थी, जबकि जीएसटीआर-3 में टैक्स पेमेंट की जानकारी के साथ आउटवर्ड और इनवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती थी.

जीएसटी रिटर्न कब-कब दाखिल करना होगा

जीएसटी-रजिस्टर्ड बिज़नेस को मासिक रिटर्न और वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा. जीएसटीआर-1 बिज़नेस को दो विकल्प प्रदान करता है: त्रैमासिक और मासिक. बाकी के लिए, यह दोनों में से एक है. कौनसा रिटर्न कब-कब दाखिल करना होगा इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

जीएसटीआर-1: इसमें कर योग्य वस्तुओं और/या सेवाओं के आउटवर्ड सप्लाई का विवरण देना होता है.

  • कब दाखिल करना होगा (i): 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले बिज़नेस के लिए तिमाही
  • अगला तारीख (i): 13 जनवरी 2021 (अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए)
  • कब दाखिल करना होगा (ii): 1.5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले बिज़नेस के लिए मासिक 
  • अंतिम तिथि (ii): 11 वीं दिसंबर (नवंबर के लिए यह हमेशा अगले महीने की 11वीं तारीख होगी)

जीएसटीआर-3बी: इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट और भुगतान किए गए टैक्स के साथ आउटवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती है और यह पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनियों के लिए है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक: 
  • अगली तारीख: (I) 22 जनवरी 2021 और (ii) 24 जनवरी 2021 (महामारी से पहले, तय तारीख हर महीने का 20वां दिन थी, लेकिन अब तारीख राज्यों के बीच अलग-अलग है)
    • महीने का 22वां दिन: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश; और दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू
    • महीने का 24वां दिन: हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, और जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश, लद्दाख, चंडीगढ़ और नई दिल्ली के लिए लागू

सीएमपी-08: कंपोजिशन डीलरों द्वारा कर भुगतान करने के लिए स्टेटमेंट-एवं-चालान (पहले समझाया गया है).

  • कब दाखिल करना होगा: त्रैमासिक
  • अगली तारीख: 18 जनवरी 2021 (तिमाही के बाद के महीने का 18वां दिन)

जीएसटीआर-5: यह नॉन-रेज़िडेंट फॉरेन टैक्सेबल व्यक्ति के लिए है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 20 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 20वां दिन होगी)

जीएसटीआर-6: यह इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए उनके डिस्ट्रिब्यूटेड इनपुट टैक्स क्रेडिट और इनवर्ड सप्लाइज़ की जानकारी देने के लिए एक मासिक रिटर्न है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 13 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 13वां दिन होगी)

जीएसटीआर-7: यह टीडीएस कटवाने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए रिटर्न है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 10 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 10वां दिन होगी)

जीएसटीआर-8: ई-कॉमर्स ऑपरेटरों से मिले सप्लाई और उनके द्वारा कलेक्ट किए टीडीएस की जानकारी.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 10 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 10वां दिन होगी)

जीएसटीआर-9: यह एक नियमित करदाता के लिए रिटर्न है.

जीएसटीआर-9ए: साल भर में कभी भी रजिस्टर हुए कंपोज़िशन डीलरों के लिए.

जीएसटीआर-9सी: यह एक सर्टिफ़ाइड रेकंसिलीएशन स्टेटमेंट है

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक (सभी तीनों के लिए).
  • अगली तारीख: 31 दिसम्बर (सभी तीनों के लिए).

जीएसटीआर-10: उन लोगों के लिए फाइनल रिटर्न जिनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है.

  • कब दाखिल करना होगा: एक बार
  • अगली तारीख: कैंसिल करने की तारीख के या कैंसिल करने के आदेश की तारीख से तीन महीने के भीतर, जो भी बाद में हो.

जीएसटीआर-11: इसमें उन लोगों द्वारा इनवर्ड सप्लाई की जानकारी शामिल है जिनके पास यूआईएन है और वो रिफंड क्लेम कर रहे हैं.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: जिस महीने के लिए स्टेटमेंट फ़ाइल किया गया है उसके अगले महीने का 28वां दिन.

लेट फ़ीस

लेट फ़ीस के साथ पेनल्टी भी लगती है, और अगर आपको अपना जीएसटी बकाया चुकाने में देर लग जाती है, और साल के दौरान समय पर फ़ाइल की गई जीएसटीआर, लेट फ़ीस चार्ज और ब्याज लगेगा. यह निल रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए भी लागू होता है - यानी, चाहे कोई बिक्री या खरीद न हुई हो, और जीएसटीआर -3बी में कोई जीएसटी भी न देना हो यह तब भी लागू होगा.

हर दिन के लिए हुई देरी के लिए, लेट फ़ीस को देय तिथि के बाद जीएसटी अधिनियम के तहत तय किया जाएगा. इसे अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर्स में सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी के लिए अलग से नकद भुगतान करना होगा. आप लेट फीस भुगतान के लिए, इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का उपयोग नहीं कर सकते.  

कृपया यह भी ध्यान दें कि आप बिना लेट फ़ीस चुकाए के जीएसटी दाखिल नहीं कर सकते. वर्तमान में, जीएसटी पोर्टल सिर्फ़ जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-8, जीएसटीआर-7, और जीएसटीआर-9 रिटर्न पर लेट फ़ीस चुकाने की सुविधा है.

पेनल्टी एमाउंट

कानून के तहत, केंद्रीय माल और सेवा अधिनियम, 2017 (सीजीएसटी अधिनियम) और राज्य माल और सेवा अधिनियम, 2017 (एसजीएसटी अधिनियम) / केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा अधिनियम दोनों के तहत लेट फ़ीस का भुगतान किया जाना है. इसके अलावा, एकीकृत माल और सेवा अधिनियम, 2017 (आईजीएसटी अधिनियम) कहता है कि अंतर-राज्य आपूर्ति से संबंधित लेट फ़ीस सीजीएसटी अधिनियम और एसजीएसटी अधिनियम दोनों के तहत तय शुल्क की राशि के बराबर होती है.

मासिक और त्रैमासिक फ़ाइलिंग के लिए, अधिनियमों के तहत अलग-अलग लेट फ़ीस नीचे दी जा रही है (यानी, सालाना फ़ाइलिंग को छोड़कर)

  • सीजीएसटी के तहत: प्रति दिन 25 रुपए
  • एसजीएसटी के तहत: प्रति दिन 25 रुपए
  • आईजीएसटी के तहत: प्रति दिन 50 रुपए

दी जा सकने वाली अधिकतम लेट फ़ीस 5000 रुपये है, जबकि 'कुछ भी नहीं’ फ़ाइल करने वालों के लिए यह सीजीएसटी और एसजीएसटी के तहत प्रत्येक दिन की देरी के लिए 10 रुपये और आईजीएसटी के तहत 20 रुपये है.

ऊपर बताई गई लेट फीस नई घटी हुई दरों को दर्शाती हैं, जिसका उद्देश्य जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में कठिनाइयों का सामना कर रहे करदाताओं को राहत प्रदान करना है; पहले सीजीएसटी एक्ट और एसजीएसटी एक्ट के तहत 100 रुपये (रिटर्न 'कुछ भी नहीं’ फाइल करने वालों के लिए 25 रुपये) और आईजीएसटी एक्ट के तहत 200 रुपये (रिटर्न 'कुछ भी नहीं’ फाइल करने वालों के लिए 50 रुपये) प्रतिदिन थे.

वार्षिक रिटर्न उल्लंघनों (जीएसटीआर-9) के लिए, सीजीएसटी अधिनियम और एसजीएसटी अधिनियम हरेक अधिनियम के लिए अलग से प्रतिदिन 100 रुपये की लेट फ़ीस तय करते हैं; इसलिए, कुल लेट फीस पेनल्टी 200 रुपये प्रतिदिन है. इसके अलावा, कानून ने एसेसमेंट चालू वाले वित्तीय वर्ष के लिए अधिकतम लेट फीस टर्नओवर का 0.25% तय की है.

ब्याज के रूप में जुर्माना

जीएसटी फाइलिंग में हुए उल्लंघन के लिए भी नीचे दिए गए ब्याज के रूप में लिए जाने वाले जुर्माने लग सकते हैं:

  • तय तारीख के बाद टैक्स भरने पर 18% प्रति वर्ष
  • ज़्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने पर 24% प्रति वर्ष
  • अतिरिक्त आउटपुट टैक्स लायबिलिटी को कम करने पर 24% प्रति वर्ष  

 

आर आप भारत के केंद्रीय माल और सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के दायरे में आने वाली वस्तुएं या सेवाएं देने वाला बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अपने व्यापार के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, आपको इस आधार पर मासिक, त्रैमासिक और/या वार्षिक जीएसटी रिटर्न जमा करना होगा कि आपका बिज़नेस किस तरह का है. 

लेकिन आखिर जीएसटी रिटर्न होता क्या है? पता लगाने के लिए पढ़ें.

जीएसटी रिटर्न किसी भी व्यापारी की आय की जानकारी देने वाला स्टेटमेंट है, जिसे उस बिज़नेस की टैक्स देनदारी की गणना के उद्देश्य से सरकार को बताया जाना ज़रूरी है. अगर आप जीएसटी अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड हैं, तो आपके जीएसटी रिटर्न में ये जानकारी शामिल होनी चाहिए:

  • परचेज़ (खरीद)
  • सेल्स (बिक्री)
  • आउटपुट जीएसटी (सेल्स पर)
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (परचेज़ पर दिया गया जीएसटी)

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए आपको जीएसटी-कंप्लायंट सेल्स और इनवॉइस बनाना होगा.

अलग-अलग तरह के जीएसटी रिटर्न

एक जीएसटी रिटर्न (जीएसटीआर) कई तरह के हो सकते हैं. उन्हें 1 से 11 तक की संख्या जैसे - जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2, आदि से दर्शाया जाता है जो जीएसटीआर-11 तक जाती है.

हालांकि, अप्रैल 2019 में, फॉर्म सीएमपी-08 नामक एक नई रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया ने 'कंपोजीशन स्कीम' का विकल्प चुनने वाले छोटे बिज़नेस के लिए जीएसटीआर-4 को बदल दिया, जिसमें टर्नओवर की एक निश्चित दर पर जीएसटी भुगतान शामिल है. इससे पूरी प्रक्रिया बहुत सरल हो जाएगी. यह स्कीम उन बिज़नेस के लिए है, जिनका सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से कम है, और इसे चुनने वालों को 'कंपोजिशन डीलर' के रूप में जाना जाता है.

इसके अलावा, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 को सितंबर 2017 से निलंबित कर दिया गया है; जीएसटीआर-2 में कर योग्य वस्तुओं और/या सेवाओं की इनवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती थी, जबकि जीएसटीआर-3 में टैक्स पेमेंट की जानकारी के साथ आउटवर्ड और इनवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती थी.

जीएसटी रिटर्न कब-कब दाखिल करना होगा

जीएसटी-रजिस्टर्ड बिज़नेस को मासिक रिटर्न और वार्षिक रिटर्न दाखिल करना होगा. जीएसटीआर-1 बिज़नेस को दो विकल्प प्रदान करता है: त्रैमासिक और मासिक. बाकी के लिए, यह दोनों में से एक है. कौनसा रिटर्न कब-कब दाखिल करना होगा इसकी जानकारी नीचे दी गई है:

जीएसटीआर-1: इसमें कर योग्य वस्तुओं और/या सेवाओं के आउटवर्ड सप्लाई का विवरण देना होता है.

  • कब दाखिल करना होगा (i): 1.5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले बिज़नेस के लिए तिमाही
  • अगला तारीख (i): 13 जनवरी 2021 (अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए)
  • कब दाखिल करना होगा (ii): 1.5 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले बिज़नेस के लिए मासिक 
  • अंतिम तिथि (ii): 11 वीं दिसंबर (नवंबर के लिए यह हमेशा अगले महीने की 11वीं तारीख होगी)

जीएसटीआर-3बी: इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट और भुगतान किए गए टैक्स के साथ आउटवर्ड सप्लाई की जानकारी देनी होती है और यह पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनियों के लिए है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक: 
  • अगली तारीख: (I) 22 जनवरी 2021 और (ii) 24 जनवरी 2021 (महामारी से पहले, तय तारीख हर महीने का 20वां दिन थी, लेकिन अब तारीख राज्यों के बीच अलग-अलग है)
    • महीने का 22वां दिन: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश; और दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू
    • महीने का 24वां दिन: हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, और जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश, लद्दाख, चंडीगढ़ और नई दिल्ली के लिए लागू

सीएमपी-08: कंपोजिशन डीलरों द्वारा कर भुगतान करने के लिए स्टेटमेंट-एवं-चालान (पहले समझाया गया है).

  • कब दाखिल करना होगा: त्रैमासिक
  • अगली तारीख: 18 जनवरी 2021 (तिमाही के बाद के महीने का 18वां दिन)

जीएसटीआर-5: यह नॉन-रेज़िडेंट फॉरेन टैक्सेबल व्यक्ति के लिए है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 20 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 20वां दिन होगी)

जीएसटीआर-6: यह इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए उनके डिस्ट्रिब्यूटेड इनपुट टैक्स क्रेडिट और इनवर्ड सप्लाइज़ की जानकारी देने के लिए एक मासिक रिटर्न है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 13 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 13वां दिन होगी)

जीएसटीआर-7: यह टीडीएस कटवाने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए रिटर्न है.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 10 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 10वां दिन होगी)

जीएसटीआर-8: ई-कॉमर्स ऑपरेटरों से मिले सप्लाई और उनके द्वारा कलेक्ट किए टीडीएस की जानकारी.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: 10 जनवरी 2021 (तय तारीख हर महीने का 10वां दिन होगी)

जीएसटीआर-9: यह एक नियमित करदाता के लिए रिटर्न है.

जीएसटीआर-9ए: साल भर में कभी भी रजिस्टर हुए कंपोज़िशन डीलरों के लिए.

जीएसटीआर-9सी: यह एक सर्टिफ़ाइड रेकंसिलीएशन स्टेटमेंट है

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक (सभी तीनों के लिए).
  • अगली तारीख: 31 दिसम्बर (सभी तीनों के लिए).

जीएसटीआर-10: उन लोगों के लिए फाइनल रिटर्न जिनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है.

  • कब दाखिल करना होगा: एक बार
  • अगली तारीख: कैंसिल करने की तारीख के या कैंसिल करने के आदेश की तारीख से तीन महीने के भीतर, जो भी बाद में हो.

जीएसटीआर-11: इसमें उन लोगों द्वारा इनवर्ड सप्लाई की जानकारी शामिल है जिनके पास यूआईएन है और वो रिफंड क्लेम कर रहे हैं.

  • कब दाखिल करना होगा: मासिक
  • अगली तारीख: जिस महीने के लिए स्टेटमेंट फ़ाइल किया गया है उसके अगले महीने का 28वां दिन.

लेट फ़ीस

लेट फ़ीस के साथ पेनल्टी भी लगती है, और अगर आपको अपना जीएसटी बकाया चुकाने में देर लग जाती है, और साल के दौरान समय पर फ़ाइल की गई जीएसटीआर, लेट फ़ीस चार्ज और ब्याज लगेगा. यह निल रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए भी लागू होता है - यानी, चाहे कोई बिक्री या खरीद न हुई हो, और जीएसटीआर -3बी में कोई जीएसटी भी न देना हो यह तब भी लागू होगा.

हर दिन के लिए हुई देरी के लिए, लेट फ़ीस को देय तिथि के बाद जीएसटी अधिनियम के तहत तय किया जाएगा. इसे अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर्स में सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी के लिए अलग से नकद भुगतान करना होगा. आप लेट फीस भुगतान के लिए, इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर में उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा का उपयोग नहीं कर सकते.  

कृपया यह भी ध्यान दें कि आप बिना लेट फ़ीस चुकाए के जीएसटी दाखिल नहीं कर सकते. वर्तमान में, जीएसटी पोर्टल सिर्फ़ जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-8, जीएसटीआर-7, और जीएसटीआर-9 रिटर्न पर लेट फ़ीस चुकाने की सुविधा है.

पेनल्टी एमाउंट

कानून के तहत, केंद्रीय माल और सेवा अधिनियम, 2017 (सीजीएसटी अधिनियम) और राज्य माल और सेवा अधिनियम, 2017 (एसजीएसटी अधिनियम) / केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा अधिनियम दोनों के तहत लेट फ़ीस का भुगतान किया जाना है. इसके अलावा, एकीकृत माल और सेवा अधिनियम, 2017 (आईजीएसटी अधिनियम) कहता है कि अंतर-राज्य आपूर्ति से संबंधित लेट फ़ीस सीजीएसटी अधिनियम और एसजीएसटी अधिनियम दोनों के तहत तय शुल्क की राशि के बराबर होती है.

मासिक और त्रैमासिक फ़ाइलिंग के लिए, अधिनियमों के तहत अलग-अलग लेट फ़ीस नीचे दी जा रही है (यानी, सालाना फ़ाइलिंग को छोड़कर)

  • सीजीएसटी के तहत: प्रति दिन 25 रुपए
  • एसजीएसटी के तहत: प्रति दिन 25 रुपए
  • आईजीएसटी के तहत: प्रति दिन 50 रुपए

दी जा सकने वाली अधिकतम लेट फ़ीस 5000 रुपये है, जबकि 'कुछ भी नहीं’ फ़ाइल करने वालों के लिए यह सीजीएसटी और एसजीएसटी के तहत प्रत्येक दिन की देरी के लिए 10 रुपये और आईजीएसटी के तहत 20 रुपये है.

ऊपर बताई गई लेट फीस नई घटी हुई दरों को दर्शाती हैं, जिसका उद्देश्य जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में कठिनाइयों का सामना कर रहे करदाताओं को राहत प्रदान करना है; पहले सीजीएसटी एक्ट और एसजीएसटी एक्ट के तहत 100 रुपये (रिटर्न 'कुछ भी नहीं’ फाइल करने वालों के लिए 25 रुपये) और आईजीएसटी एक्ट के तहत 200 रुपये (रिटर्न 'कुछ भी नहीं’ फाइल करने वालों के लिए 50 रुपये) प्रतिदिन थे.

वार्षिक रिटर्न उल्लंघनों (जीएसटीआर-9) के लिए, सीजीएसटी अधिनियम और एसजीएसटी अधिनियम हरेक अधिनियम के लिए अलग से प्रतिदिन 100 रुपये की लेट फ़ीस तय करते हैं; इसलिए, कुल लेट फीस पेनल्टी 200 रुपये प्रतिदिन है. इसके अलावा, कानून ने एसेसमेंट चालू वाले वित्तीय वर्ष के लिए अधिकतम लेट फीस टर्नओवर का 0.25% तय की है.

ब्याज के रूप में जुर्माना

जीएसटी फाइलिंग में हुए उल्लंघन के लिए भी नीचे दिए गए ब्याज के रूप में लिए जाने वाले जुर्माने लग सकते हैं:

  • तय तारीख के बाद टैक्स भरने पर 18% प्रति वर्ष
  • ज़्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने पर 24% प्रति वर्ष
  • अतिरिक्त आउटपुट टैक्स लायबिलिटी को कम करने पर 24% प्रति वर्ष  

 

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