- Date : 27/05/2023
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गिफ्ट टैक्स एक्ट के खत्म होने के बाद गिफ्ट टैक्स उसपर लगता है जिसे गिफ्ट मिला होता है। गिफ्ट देने वाले पर उस गिफ्ट के एवज में कोई टैक्स नहीं बनता है। हालांकि इसमे कुछ अपवाद भी हैं।

Tax on Gift: एक बेटी अपनी मां को अपने मेच्योर हो चुके पीपीएफ अकाउंट से 15 लाख रुपये निकालकर अपनी मां को गिफ्ट करना चाहती है। क्या इससे बेटी या मां पर कोई टैक्स बनेगा? क्या वो बुजुर्ग महिला उस रकम को सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में डाल सकती है क्योंकि वो सीनियर सिटिजन हैं। क्या बेटी के द्वारा गिफ्ट के तौर पर मां को दी गई इस रकम को ट्रांसफर करने से पहले स्टांप पेपर पर गिफ्ट समझौता बनवाना पड़ेगा और उसे नोटरी से अटेस्टेड कराना होगा?
गिफ्ट टैक्स एक्ट के खत्म होने के बाद गिफ्ट टैक्स उसपर लगता है जिसे गिफ्ट मिला होता है। गिफ्ट देने वाले पर उस गिफ्ट के एवज में कोई टैक्स नहीं बनता है। वित्तीय वर्ष के दौरान मिले गिफ्ट का वेल्यू 50 हजार से ज्यादा है तो गिफ्ट लेने वाले को उसपर टैक्स देना होगा। इसलिए एक वित्तीय वर्ष में 50 हजार रुपये तक के गिफ्ट को प्राप्तकर्ता की आय के रूप में नहीं माना जाता है। लेकिन 50 हजार से ज्यादा की वेल्यू का गिफ्ट है तो उस पूरी वेल्यू के गिफ्ट पर टैक्स लगेगा।
गिफ्ट टैक्स के इस नियम में कुछ अपवाद भी हैं। जैसे आपके बच्चों को रिश्तेदारों से उपहार के तौर पर कोई चीज मिलती है जिसकी वेल्यू 50 हजार से ज्यादा है तो भी उसे आपकी आय के तौर पर नहीं गिना जाता।
इसलिए जैसा की ऊपर मां-बेटी के गिफ्ट का उदाहरण दिया गया है उस स्थिति में मां या बेटी दोनों पर किसी तरह के टैक्स की देनदारी नहीं होगी। आपकी पत्नी पैसे का उपयोग या निवेश कर सकती है जैसे वह चाहती है। इसलिए वह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में पैसा निवेश कर सकती है क्योंकि योजना में निवेश के लिए धन के स्रोत के बारे में कोई शर्त नहीं है।
आपकी बेटी और उसकी मां को स्टांप पेपर पर गिफ्ट डीड बनवाने की भी कोई आवश्यकता नहीं है। आपकी बेटी गिफ्त के तौर पर दिए गए चेक के साथ अपनी मां को मैसेज भेज सकती है। जरूरत इस बात की है कि पैसे देने की बेटी की मंशा स्पष्ट होनी चाहिए और उसे मां उपहार के तौर पर स्वीकार करे। प्राप्तकर्ता द्वारा उपहार की स्वीकृति के बिना उपहार का लेन-देन अधूरा है।