- Date : 08/10/2021
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- Read in English: How much tax do you pay on dividend income from shares?
निवासी और अनिवासी शेयरधारकों के लिए लाभांश आय पर अलग-अलग कर लगाया जाता है।

एक निवेशक के रूप में आप निश्चित रूप से समय-समय पर अपने शेयरों पर लाभांश आय प्राप्त कर रहे होंगे। वित्त अधिनियम 2020 के तहत कर व्यवस्था में बदलाव के कारण 1 अप्रैल 2020 से शेयरधारक के हाथों में इस लाभांश आय को कर योग्य बनाया गया है।
पहले, लाभांश जारी करने वाली कंपनी द्वारा लाभांश पर कर का भुगतान लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के रूप में 20.56% की दर से किया जाता था, जबकि शेयरधारकों के लिए लाभांश आय करमुक्त थी।
संशोधन ने लाभांश कराधान की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू किया है, जिसमें शेयरधारकों द्वारा करदेयता को पूरा किया जाना है जबकि कंपनी को लाभांश घोषित करने के लिए उसकी करदेयता को रोकना है।
घरेलू शेयरधारकों के लिए लाभांश पर कर दायित्व
निवासी शेयरधारक अगर निवेशित शेयरों से लाभांश आय प्राप्त करते हैं तो उनको उनपर लागू आयकर स्लैब के हिसाब से 'अन्य आय' के तहत कर देना होता है, भले ही उनकी लाभांश आय कितनी भी क्यों ना हो। इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 194 के तहत, एक वित्त वर्ष में लाभांश आय 5000 रुपये से अधिक होने पर स्रोत पर कर (टीडीएस) 10% पर काटा जाता है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हुई तबाही को देखते हुए 14.05.2020 और 31.03.2021 के बीच भुगतान किए गए लाभांश के लिए टीडीएस की दर 10% के बजाय 7.5% की गई है।
यदि स्टॉक को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए रखा जाता है, तो लाभांश को 'व्यावसायिक आय' के रूप में माना जाता है और उसके हिसाब से कर लगाया जाता है। ऐसे मामलों में, निर्धारिती लाभांश आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्चों के एवज में कटौती का दावा भी कर सकता है, जैसे कि ऋण पर ब्याज, संग्रह शुल्क आदि। हालांकि, दावा कुल लाभांश आय के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।
संबंधित: म्युचुअल फंड पर कर प्रावधान और इसके बारे में आपको क्या जानना चाहिए?
अनिवासी भारतीयों के लिए लाभांश पर कर के मायने
गैर-निवासियों के रूप में वर्गीकृत निवेशकों से आईटी अधिनियम की धारा 195 के अनुसार 20% से अधिक अधिभार और 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की दर से कर नहीं लिया जाएगा। 50 लाख रुपये तक की लाभांश आय के लिए अधिभार शून्य है और 5 करोड़ रुपये से अधिक लाभांश आय के लिए अधिक से अधिक 15% तक अधिभार लिया जा सकता है।
इसलिए लागू कर की दर कुल आय और अधिभार की लागू दर के आधार पर गैर-निवासियों के लिए 20.8 प्रतिशत और 28.5% के बीच होगी। अगर निवेशक को डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) का लाभ मिलता है तो टैक्स की कम दर लागू हो सकती है।
इस तरह के लाभों का दावा करने के लिए अनिवासी शेयरधारकों को टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट, उस देश की सरकार द्वारा सत्यापित फॉर्म 10 एफ जैसे दस्तावेज देने पड़ सकते हैं जहां निर्धारिती निवासी है। साथ ही ऐसे शेयरधारकों को एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। कर की लागू दर डीटीएए में उल्लिखित है और भारत में कर रिटर्न दाखिल करके निर्धारिती द्वारा दावा करना होगा।
आईटी अधिनियम की धारा 196सी/196डी के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डीटीएए लाभ उपलब्ध नहीं है और उनसे प्राप्त लाभांश पर 20% की दर से कर नहीं लिया जाएगा।
संबंधित: शेयर बाजार की अस्थिरता को निवेश के अवसर में कैसे बदलें?
ध्यान देने लायक अन्य बातें
लेखांकन: ध्यान रहे कि अंतरिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जब शेयरधारक उसे प्राप्त करता है जबकि अंतिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जिस वर्ष इसे घोषित, वितरित या भुगतान किया जाता है और उसमें से जो भी पहले हो।
पैन प्रस्तुत करना: सुनिश्चित करें कि आपका पैन विवरण लाभांश जारी करने वाली कंपनी के साथ पंजीकृत है। पैन नहीं देने पर टीडीएस की लागू दर दोगुनी होकर 20% हो जाती है।
टीडीएस: यदि कोई कर रोक दिया गया है (5,000 रुपये से अधिक के लाभांश के लिए), तो उसका विवरण आपके वार्षिक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट यानी फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा।
निष्कर्ष
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स रिटर्न दिसंबर 2021 के अंत तक दाखिल किया जाना है और स्टॉक या म्युचुअल फंड से आप सभी को लाभांश आय का हिसाब देना होगा। अनुपालन में आसानी के लिए आप अपने आयकर फॉर्म में पूर्व-भरे हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त सभी लाभांश आय का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। इसे आईटी पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।
एक निवेशक के रूप में आप निश्चित रूप से समय-समय पर अपने शेयरों पर लाभांश आय प्राप्त कर रहे होंगे। वित्त अधिनियम 2020 के तहत कर व्यवस्था में बदलाव के कारण 1 अप्रैल 2020 से शेयरधारक के हाथों में इस लाभांश आय को कर योग्य बनाया गया है।
पहले, लाभांश जारी करने वाली कंपनी द्वारा लाभांश पर कर का भुगतान लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के रूप में 20.56% की दर से किया जाता था, जबकि शेयरधारकों के लिए लाभांश आय करमुक्त थी।
संशोधन ने लाभांश कराधान की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू किया है, जिसमें शेयरधारकों द्वारा करदेयता को पूरा किया जाना है जबकि कंपनी को लाभांश घोषित करने के लिए उसकी करदेयता को रोकना है।
घरेलू शेयरधारकों के लिए लाभांश पर कर दायित्व
निवासी शेयरधारक अगर निवेशित शेयरों से लाभांश आय प्राप्त करते हैं तो उनको उनपर लागू आयकर स्लैब के हिसाब से 'अन्य आय' के तहत कर देना होता है, भले ही उनकी लाभांश आय कितनी भी क्यों ना हो। इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 194 के तहत, एक वित्त वर्ष में लाभांश आय 5000 रुपये से अधिक होने पर स्रोत पर कर (टीडीएस) 10% पर काटा जाता है।
हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को हुई तबाही को देखते हुए 14.05.2020 और 31.03.2021 के बीच भुगतान किए गए लाभांश के लिए टीडीएस की दर 10% के बजाय 7.5% की गई है।
यदि स्टॉक को व्यापारिक उद्देश्यों के लिए रखा जाता है, तो लाभांश को 'व्यावसायिक आय' के रूप में माना जाता है और उसके हिसाब से कर लगाया जाता है। ऐसे मामलों में, निर्धारिती लाभांश आय अर्जित करने के लिए किए गए खर्चों के एवज में कटौती का दावा भी कर सकता है, जैसे कि ऋण पर ब्याज, संग्रह शुल्क आदि। हालांकि, दावा कुल लाभांश आय के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।
संबंधित: म्युचुअल फंड पर कर प्रावधान और इसके बारे में आपको क्या जानना चाहिए?
अनिवासी भारतीयों के लिए लाभांश पर कर के मायने
गैर-निवासियों के रूप में वर्गीकृत निवेशकों से आईटी अधिनियम की धारा 195 के अनुसार 20% से अधिक अधिभार और 4% स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की दर से कर नहीं लिया जाएगा। 50 लाख रुपये तक की लाभांश आय के लिए अधिभार शून्य है और 5 करोड़ रुपये से अधिक लाभांश आय के लिए अधिक से अधिक 15% तक अधिभार लिया जा सकता है।
इसलिए लागू कर की दर कुल आय और अधिभार की लागू दर के आधार पर गैर-निवासियों के लिए 20.8 प्रतिशत और 28.5% के बीच होगी। अगर निवेशक को डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) का लाभ मिलता है तो टैक्स की कम दर लागू हो सकती है।
इस तरह के लाभों का दावा करने के लिए अनिवासी शेयरधारकों को टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट, उस देश की सरकार द्वारा सत्यापित फॉर्म 10 एफ जैसे दस्तावेज देने पड़ सकते हैं जहां निर्धारिती निवासी है। साथ ही ऐसे शेयरधारकों को एक स्व-घोषणा प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। कर की लागू दर डीटीएए में उल्लिखित है और भारत में कर रिटर्न दाखिल करके निर्धारिती द्वारा दावा करना होगा।
आईटी अधिनियम की धारा 196सी/196डी के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डीटीएए लाभ उपलब्ध नहीं है और उनसे प्राप्त लाभांश पर 20% की दर से कर नहीं लिया जाएगा।
संबंधित: शेयर बाजार की अस्थिरता को निवेश के अवसर में कैसे बदलें?
ध्यान देने लायक अन्य बातें
लेखांकन: ध्यान रहे कि अंतरिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जब शेयरधारक उसे प्राप्त करता है जबकि अंतिम लाभांश उस वर्ष में कर योग्य होता है जिस वर्ष इसे घोषित, वितरित या भुगतान किया जाता है और उसमें से जो भी पहले हो।
पैन प्रस्तुत करना: सुनिश्चित करें कि आपका पैन विवरण लाभांश जारी करने वाली कंपनी के साथ पंजीकृत है। पैन नहीं देने पर टीडीएस की लागू दर दोगुनी होकर 20% हो जाती है।
टीडीएस: यदि कोई कर रोक दिया गया है (5,000 रुपये से अधिक के लाभांश के लिए), तो उसका विवरण आपके वार्षिक टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट यानी फॉर्म 26एएस में दिखाई देगा।
निष्कर्ष
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स रिटर्न दिसंबर 2021 के अंत तक दाखिल किया जाना है और स्टॉक या म्युचुअल फंड से आप सभी को लाभांश आय का हिसाब देना होगा। अनुपालन में आसानी के लिए आप अपने आयकर फॉर्म में पूर्व-भरे हुए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त सभी लाभांश आय का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। इसे आईटी पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।