- Date : 14/09/2022
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देश के बाहर पैसे भेजने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के बारे में जानिए।

Tax charges: बाहर पैसे भेजने के लिए आरबीआई की उदारीकृत प्रेषण योजना (लिबरलाइस्ड रेमिटेंस स्कीम) बहुत उपयोगी हो सकती है। जानिए उसके बारे में पूरी जानकारी।
8 प्रेषण (रेमिटेंस) के विकल्प
1. यदि आप अपने बच्चों की उच्च शिक्षा या फिर किसी रिश्तेदार के इलाज के लिए विदेश पैसे भेजना चाहते हैं तो आरबीआई की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) का प्रयोग कर सकते हैं जो विदेशी विनिमय प्रबंधन एक्ट 1999 के तहत आती है।
2. राशि की सीमा
इस एक्ट के अनुसार भारत का निवासी एक वित्तीय वर्ष में $2.5 लाख तक का धन का प्रेषण (Remit) कर सकता है। वह एक से अधिक बार रेमिट कर सकता है। एनआरओ खाताधारक प्रवासी भारतीय एक वित्तीय वर्ष में $10 लाख तक की राशि विदेश भेज सकते हैं। वहीं एनआरई एफसीएनआर खाताधारकों के लिए राशि की कोई सीमा नहीं है।
3. कारण
इस एक्ट द्वारा अपनी निजी यात्रा (नेपाल और भूटान शामिल नहीं), उपहार या दान स्वरूप, व्यवसाय, इमिग्रेशन के लिए, करीबी रिश्तेदारों को खर्च, व्यवसाय के लिए यात्रा, संगोष्ठी में शिरकत, इलाज या चेकअप, इलाज के लिए मरीज के साथ यात्रा, शिक्षा प्राप्त करने या फेमा 1999 में परिभाषित न होने वाले अन्य चालू खाते के लेनदेन के तहत पैसा भेजा जा सकता है।
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4. कर
1 अक्टूबर, 2020 से भारत के बाहर भेजे जाने वाले पैसे पर टैक्स क्लियरड ऐट सोर्स (टीसीएस) देय है। यदि आप ₹7 लाख भेज रहे हों तो उस पर 5% का टीसीएस देय होगा। यदि आप उच्च शिक्षा का लोन चुका रहे हों तो ₹7 लाख से अधिक की राशि पर 0.5% की दर से टीसीएस देय होगा। यदि आप पैन कार्ड प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं तो आपको 10% और 5% कर उपरोक्त दोनों श्रेणियों में देना होगा। प्रवासी भारतीयों को अधिभार और शिक्षा और स्वास्थ्य उपकर भी देना होगा।
5. लागत
ग्राहक द्वारा पैसे बाहर भेजने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, बैंक या मनी ट्रांसफर कंपनी जो विकल्प चुना हो उसके आधार पर लागत आएगी। लागत शुल्क में लेनदेन शुल्क, करस्पॉन्डेंट बैंक शुल्क, मुद्रा प्रसार विनिमय शुल्क, कुरियर शुल्क और जीएसटी शामिल हैं। ऑनलाइन लेनदेन के लिए दोनों बैंकों और ट्रांसफर एजेंट द्वारा फ़्लैट रेट और भेजी गई राशि का निश्चित प्रतिशत टैक्स के साथ लिया जाता है।
6. ज़रूरी कागजात
पैसे भेजने के लिए परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन), पहचान और पते का प्रमाण पत्र, A2 और LRS का डिक्लेरेशन फॉर्म भी देना होगा। रेमिटेंस के कारण के आधार पर आवश्यक दस्तावेज देने होंगे जैसे पासपोर्ट, वीज़ा, हवाई जहाज के टिकट, ट्रैवल एजेंसी के बिल या फिर बैंक या एक्स्चेंज एजेंसी द्वारा मांगे गए विशेष दस्तावेज़। यदि आप प्रवासी भारतीय को या किसी विदेशी कंपनी को पैसा भेज रहे हों तो 15CA फॉर्म और कुछ मामलों में चार्टर्ड अकाउंट द्वारा प्रमाणित 15CB भी देना होगा।
7. आवश्यक समय
विदेश में पैसे भेजने के लिए 24 घंटे से लेकर 30 दिन के बीच समय लग सकता है। प्रेषण का समय पैसे भेजने के कारण पर निर्भर करता है।
8. प्रेषण (रेमिटेंस)
ग्राहक ऑनलाइन या ऑफलाइन (डिमांड ड्राफ्ट) द्वारा पैसा भेज सकते हैं। दोनों ही सेवाएँ बैंक और निजी मनी ट्रांसफर एक्सचेंज कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। मनी ट्रांसफर या एक्सचेंज कंपनी के जरिए ऑनलाइन वायर ट्रांसफर सबसे तेज और बैंक की तुलना में सस्ता विकल्प है। कंपनियाँ आमतौर पर अपने बैंको के नेटवर्क के मार्फत पैसा भेजती हैं। ग्राहक उनकी वेबसाइट या ऐप से डिजिटली सारा पैसा भेज सकते हैं। कुछ कंपनियाँ BookMyForex, Wise, Western Union, ExTravelMoney आदि का प्रयोग करती हैं। यदि आप $1000 अमेरिका भेजना चाहते हैं तो आमतौर पर ₹750 से ₹2500 तक का शुल्क देते हैं। बैंक के जरिए ऑनलाइन वायर ट्रांसफर में बहुत अधिक लागत आती है। हालांकि यह सबसे भरोसेमंद विकल्प होता है। बैंक की नेटबैंकिंग सुविधा द्वारा या फिर बैंक की शाखा में जाकर पैसे बाहर भेज सकते हैं। $1000 अमेरिका भेजने के लिए लागत ₹2000 से लेकर ₹4000 तक आती है। बैंक द्वारा जारी डिमांड ड्राफ्ट सीधे सीधे पोस्ट या कुरियर द्वारा गंतव्य तक भेजा जाता है। कम लागत और भरोसेमंद होने के बाद भी अधिक समय लगाने के कारण यह प्रचलित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मनीऑर्डर अब एक पुरानी सेवा हो चुकी है जो सिर्फ भारतीय पोस्ट और कुछ गिने-चुने बैंको द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इनकी लागत निश्चित नहीं होती।
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