- Date : 29/08/2022
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क्या अपनी टैक्सबल इनकम को 1.5 लाख रुपये तक कम करना चाहते हैं? IT एक्ट की सेक्शन 80C के तहत इन निवेशों पर विचार करें।

वित्तीय वर्ष 2021-22 के समाप्त होने और नए वित्तीय वर्ष के शुरू होने के साथ, निवेशक यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि नए वित्तीय वर्ष में कर बचाने के लिए कहां निवेश करें। आयकर अधिनियम की सेक्शन 80C के तहत लंबे समय के लिए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करके आप आयकर में कमी करने के साथ साथ ज्यादा रिटर्न भी पा सकते हैं। अगर आप भारत में सबसे अच्छा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्लान चुनना चाहते हैं, तो यहां ऐसे टॉप 5 टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट हैं जो सेक्शन 80C के तहत राहत प्रदान करते हैं।
मार्केट-लिंक्ड प्रोडक्ट्स:
1. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ELSS एक तरह का म्यूच्यूअल फंड है। सबसे अच्छे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक होने के नाते, इसमें 3 साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि होती है। सेक्शन 80C के अनुसार, ELSS के तहत फंड पर अधिकतम कर कटौती का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। कृपया ध्यान दें कि यदि ELSS में निवेश की गई मूल राशि 1.5 लाख रुपए से कम है, तो इसे टैक्सेशन से छूट दी गई है। और अगर कैपिटल गेन की राशि 1 लाख रुपए से कम है, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगाया जाता है। विभिन्न ELSS फंड्स पर पांच वर्ष का रिटर्न आम तौर पर 12-18% के बीच होता है।
2. यूलिप (ULIP)
यूलिप इक्विटी में निवेश करने के साथ बीमा का लाभ भी प्रदान करता है। यूलिप की लॉक-इन अवधि 5 साल है। 80C के तहत निवेश में टैक्स कटौती का लाभ मिलता है साथ ही आयकर अधिनियम की सेक्शन 10(10D) के तहत मैच्योरिटी पर भी छूट प्राप्त है। वर्तमान में विभिन्न यूलिप पॉलिसीज़ पर पांच वर्ष का रिटर्न 7% से 27% तक है। क्योंकि हर फंड का पोर्टफोलियो अलग-अलग होता है इसीलिए उनका वित्तीय प्रदर्शन भी अलग-अलग होता है।
3. राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
सरकार ने समाज के बुजुर्गों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए दोहरी लाभ योजना, यानी पेंशन एवं इन्वेस्टमेंट स्कीम के रूप में NPS की शुरुआत की। NPS में योगदान पर पर 1.5 लाख रुपए तक की कर कटौती का दावा किया जा सकता है। सेक्शन 80CCD (1) कर्मचारियों को उनके वेतन के 10% तक टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट की अनुमति देता है, और सेक्शन 80CCD (1B) सेल्फ-इम्प्लॉइड निवेशकों को 50,000 रुपए की अतिरिक्त राशि का दावा करने की अनुमति देता है। सेक्शन 80 CCD(1) सेक्शन 80C के दायरे में आती है। अग्रणी NPS फंड्स ने लगभग 9% प्रति वर्ष की दर से 5 साल का रिटर्न दिया है।
कुल मिलाकर, सेक्शन 80 CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए की कटौती और सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती प्राप्त होती है।
फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स:
4. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
NSC एक टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट है जो भारत सरकार द्वारा समर्थित है। इसे डाकघर की किसी भी शाखा में खोला जा सकता है। NSC 5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है और अच्छा रिटर्न देता है। यदि आप मैच्योर्ड NSC पर प्राप्त ब्याज के साथ पुनर्निवेश करते हैं, तो आप सेक्शन 80C के तहत कटौती के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं। अन्यथा, ब्याज 'अन्य स्रोतों से आय' मद के तहत कर योग्य होता है। यह योजना 5 वर्ष और 10 वर्ष का प्रमाण पत्र प्रदान करती है और वर्तमान में प्रति वर्ष 6.8% की ब्याज दर प्रदान करती है।
5. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
PPF एक अन्य लोकप्रिय टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट है और इसकी न्यूनतम अवधि 15 वर्ष है। सेल्फ कंट्रीब्यूशन वाले हिस्से पर सेक्शन 80CCD(1) के तहत कर लाभ मिलता है, जो कि 80C के तहत आता है। सरकार हर तिमाही (वर्तमान में 7.1%) PPF के लिए ब्याज दर की घोषणा करती है, और यह उस अवधि के लिए निश्चित होती है। आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं और कुल राशि पर कर से छूट मिलती है। शुरुआत करने के लिए, आप न्यूनतम 500 रुपए से भी खाता खोल सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट एक लोकप्रिय टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट है क्योंकि यह एक निश्चित ब्याज दर के साथ रिटर्न देता है। सेक्शन 80C के तहत, 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि वाली FD पर टैक्स से छूट प्राप्त है। इस योजना के तहत अर्जित ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल है, और वर्तमान में अग्रणी बैंकों में यह 5.25% और 6.25% के बीच है। टैक्स सेविंग FD उन लोगों के लिए भी एक आसान उपाय है, जिन्हें अपने कर नियोजन में देर हो गई और इनकम टैक्स बचाने के लिए निवेश की तलाश कर रहे हैं।
ऊपर बताई गई योजनाओं से आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे अच्छे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का चयन करने में मदद मिलेगी और आपके कर के बोझ को भी कम करेगी। इन टैक्स-फ्रेंडली निवेशों में से चुनें और हर साल टैक्स पर पैसे बचाएं!