- Date : 12/11/2022
- Read: 3 mins
वीपीएफ से अन्य निवेश विकल्पों से अधिक ब्याज पाने के साथ, कर में भी बचत।

Save tax under Section 80C with VPF : क्या आप एक ऐसी बचत योजना के बारे में जानने के इच्छुक हैं, जो अन्य बचत विकल्पों से अधिक ब्याज देने के साथ कर भी बचाती है। वीपीएफ यानी वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड ऐसा निवेश विकल्प है जो सेक्शन 80C के अंतर्गत कर में छूट दिलाता है और इसमें पीपीएफ और 5 साल की सावधि जमा से अधिक ब्याज भी मिलता है।
पीपीएफ में निवेश करने पर, आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है। हर महीने मात्र 500 रुपए निवेश कर पीपीएफ में खाता खोला जा सकता है। इसके अलावा, कर बचत सावधि जमा या टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने के द्वारा भी कर में छूट पा सकते हैं। इन दो विकल्पों के जरिए, धारा 80C के अंतर्गत कर में छूट पाने का एक और विकल्प है- वीपीएफ यानी वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड, जो कि इन दोनों से बेहतर है।
यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम
वीपीएफ और अन्य निवेश विकल्पों की तुलना
वेतन पानेवाले सभी कर्मचारी अनिवार्य एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) लाभ पाने के हकदार हैं। पर वीपीएफ, ईपीएफ से अलग है। जैसा कि नाम से ही समझा जा सकता है, वीपीएफ, वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड वेतन पानेवाले कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक स्वैच्छिक योगदान सुविधा है। इसमें ईपीएफ जैसी अनिवार्यता की शर्त नहीं है, बल्कि यह कर्मचारी की इच्छा पर निर्भर है।
वीपीएफ और पीपीएफ
पीपीएफ या पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में 15 साल का अनिवार्य लॉक-इन समय होता है। इस योजना में इस समय 7.1% की दर से ब्याज मिलता है। दूसरी तरफ वीपीएफ में, लॉक-इन अवधि मात्र 5 वर्ष की है और मौजूदा ब्याज दर 8.1% है। पीपीएफ जमा पर अर्जित किया गया ब्याज कर मुक्त है, जबकि वीपीएफ के मामले में, कंबाइंड डिपॉजिट यानी वीपीएफ + ईपीएफ पर 2.5 लाख रुपये तक के अर्जित ब्याज पर कोई कर नहीं लगता है। वीपीएफ से आवश्यकता पड़ने पर किसी भी समय पैसे निकालने की अनुमति है। जबकि, पीपीएफ से 5 साल पूरे होने के बाद ही पैसे निकाले जा सकते हैं।
वीपीएफ बनाम कर बचाने वाली सावधि जमा
अधिकतर बैंक द्वारा कर बचाने वाली सावधि जमा पर करीब 6% की दर से ब्याज देते हैं, जिसमें 5 साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि है। इसकी तुलना में वीपीएफ बहुत अधिक ब्याज दर दे रहा है। निवेशकों के टैक्स स्लैब के अनुसार कर बचाने वाली सावधि जमा से अर्जित ब्याज कर योग्य है। इसके अलावा कर बचाने वाली सावधि जमा से आवश्यकता पड़ने पर निकासी की अनुमति नहीं है, जबकि अचानक आवश्यकता होने पर वीपीएफ से पैसे निकाले जा सकते हैं।
वीपीएफ योजना, पीपीएफ या 5 साल की सावधि जमा की अपेक्षा बेहतर कर बचाने वाली स्कीम है। पर इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि ईपीएफ + वीपीएफ से 2.5 लाख रुपये से अधिक ब्याज मिलने पर वह ब्याज कर योग्य होता है। इसलिए, अगर आपका वार्षिक योगदान 2.5 लाख रुपये से कम हो, तो आप पीपीएफ और सावधि जमा की जगह वीपीएफ को चुन सकते हैं। वीपीएफ स्कीम में निवेश करने से पहले आपको अपनी कंपनी के मानव संसाधन प्रतिनिधि की सलाह लेनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?