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इनकम टैक्स का नोटिस मिलते ही लोग घबरा जाते हैं। लेकिन, नोटिस मिलने से परेशान होने की बजाय समाधान पर गौर करना चाहिए।

इनकम टैक्स का नोटिस क्यों मिलता है

हर नागरिक को चाहिए कि जब उसकी इनकम शुरू हो जाए और वो टैक्स देयता के दायरे में आ जाए, तो नियम के मुताबिक अपना इनकम टैक्स समय से चुका दे। टैक्स चुकाने को लेकर टैक्सपेयर्स की गलती, चालाकी, या लापरवाही पर इनकम टैक्स विभाग बारीकी से नजर रखता है। अगर विभाग को थोड़ी भी गड़बड़ी का पता चलता है, तो वह इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 143(1) के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजता है। कानूनी भाषा में यह इंटिमेशन नोटिस कहलाता है। टैक्स विभाग यह नोटिस टैक्सपेयर्स की रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर भेजता है। टैक्सपेयर्स के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी एसएमएस भेजकर यह सूचना दी जाती है कि रजिस्टर्ड मेल आईडी पर इंटिमेशन नोटिस भेजा गया है।

आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिरकार इनकम टैक्स विभाग किसी को नोटिस क्यों भेजता है, और अगर ऐसा कोई नोटिस आपको मिले तो आप कौन से कदम उठा सकते हैं। इन 7 कारणों से किसी टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा जा सकता है:

  • हो सकता है आईटी रिटर्न फाइल क्यों नहीं किया गया हो।
  • अधिक वैल्यू के लेन-देन करने पर पैन कार्ड नंबर की जानकारी नहीं दी गई हो।
  • सेविंग्स बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपए या उससे अधिक की नकदी जमा करने पर भी नोटिस मिल सकता है।
  • इनकम के स्रोत के बारे में सही जानकारी नहीं देने या आपके द्वारा दी गई इनकम स्रोत के बारे में दी गई जानकारी से इनकम टैक्स विभाग के संतुष्ट नहीं होने पर।
  • इन्वेस्टमेंट या डिपॉजिट किए गए पैसे के स्रोत के बारे में जानकारी लेने के लिए।
  • टीडीएस और इनकम की डीटेल्स में मेल नहीं होने पर नोटिस मिल सकता है।
  • इनकम में तेज गिरावट और ज्यादा रिफंड मांगने की वजह से भी नोटिस भेजा जा सकता है।

>नोटिस मिल जाए तो क्या करना चाहिए।

1. केवल नोटिस मिलने मात्र से परेशान मत होइए, जरूरी नहीं कि नोटिस किसी गड़बड़ी के सिलसिले में ही आया हो। कई बार रूटीन पूछताछ या किसी अन्य तरह की जानकारी लेने के लिए भी असेसिंग ऑफिसर (एओ) नोटिस भेजते हैं।

2. नोटिस से घबराइए मत और ना ही उसे नजरअंदाज कीजिए। पहले नोटिस को ध्यान से पढ़िए कि वो किस सिलसिले में जारी किया गया है।

3. नोटिस आने पर यह देखें कि क्या वो आपके पैन कार्ड नंबर के लिए जारी किया गया है या नहीं? आपको बता दें कि आयकर विभाग पैन कार्ड नंबर के आधार पर नोटिस जारी करता है ना कि नाम के आधार पर। ऐसे में कई बार गलती से किसी व्यक्ति का नोटिस दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है। हो सकता है कि नोटिस ऐसे ही किसी दूसरे व्यक्ति का हो, जिसका नाम और जन्म तिथि आपसे मेल खाती हो। नोटिस में दिए गए पैन नंबर का मिलान जरूर कर लें।

4. सभी दस्तावेज व्यवस्थित कर लें। यह भी संभव है कि नोटिस भेजने के लिए आपके रिटर्न को रैंडम जांच के लिए चुन लिया गया हो। इसलिए नोटिस मिलने पर डरने के बजाय आयकर विभाग द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेजों और बाकी सूचनाओं को इकट्ठा करें। इन दस्तावेजों में आपके लेन-देन से संबंधित कागजात हो सकते हैं, आईटी रिटर्न की रसीद हो सकती है, प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन लिया हो तो उससे संबंधित कागजात हो सकते हैं। इनके अलावा, आयकर स्रोत जानने के लिए बैंक अकाउंट दिखाना पड़ सकता है या फिर भुगतान के बारे में बताने के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड स्टेटमेंट भी देना पड़ सकता है।

5. नोटिस का गुम हो जाना आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है। ऐसे में इसकी फोटो कॉपी या स्कैनिंग करवा कर रख लेना चाहिए। नोटिस ई-मेल से मिलने पर इसे कंप्यूटर पर डाउनलोड करना बेहतर होगा।

6. कई बार गलत आईटी रिटर्न फाइल करने पर टैक्स चोरी के संदेह में भी आयकर विभाग नोटिस भेजता है। ऐसे में अपने सीए से बात करें और इसका समाधान निकालें।

7. नोटिस में उसे जारी करने वाले अधिकारी का नाम और पद जरूर दिया होता है। अधिकारी के हस्ताक्षर, मुहर, दफ्तर का पता और इनकम टैक्स वॉर्ड और सर्कल का जिक्र भी नोटिस में अवश्य होता है। नोटिस ई-मेल से मिलने पर उसका डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (डीआईएन) जरूर देखें।

8. अगर सिर्फ ज्यादा टैक्स के लिए नोटिस भेजा गया है, तो इससे खुद भी निपटा जा सकता है। अगर मामला थोड़ा उलझाने वाला है, तो किसी टैक्स सलाहकार की मदद लेना बेहतर रहेगा। प्रोफेशनल व्यक्ति आपको रिटर्न के मामले में हुई गड़बड़ी के बारे में सटीक ढंग से बता सकेगा और नोटिस का बेहतर जवाब तैयार करने में आपकी मदद करेगा।

तो, अब आप समझ गए होंगे कि आयकर विभाग जब नोटिस भेजे तो, ना तो घबरायें और ना हीं उसे नजरअंदाज करें। बल्कि जरूरत के हिसाब से उसका समाधान निकालें।

 

संवादपत्र

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