- Date : 02/02/2023
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निर्मला सीतारमण ने बजट में कई सेक्टर को साधने की कोशिश है। लेकिन उनकी इस कोशिश में कुछ सेक्टर को फायदा हुआ, जबकि कुछ को नुकसान हुआ।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश कर दिया है। ऐसी उम्मीद थी कि यह बजट लोकलुभावना होगा। क्योंकि एक्सपर्ट मान रहे थे कि इस बजट के वादों के जरिए मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मोदी सरकार बुनियादी ढ़ांचे में सुधार को आगे रखते हुए साल 2023 का बजट पेश किया है। इस बजट में मिडिल क्लास, किसान और महिला को कुछ हद तक साधने की कोशिश हुई है। आइए जानते हैं कि बजट से किस सेक्टर को फायदा और किसे उठाना पड़ा नुकसान:-
किसे हुआ फायदा
खेती-बाड़ी
बजट में खेती किसान पर ज्यादा खर्च करने का ऐलान किया गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 19 फीसद है। सरकार ने कृषि के लिए 22 बिलियन रुपये के बजट का ऐलान किया है। इसमें हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर फॉर्म स्टार्टअप को फंड दिया जाएगा।
पर्यटन
बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने का ऐलान किया गया है। सरकार ने 50 लोकेशन को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार एक ऐप बनाएगी, जो पर्यटकों को फूड स्ट्रीट्स के जानकारी देने के साथ सेफ्टी, फिजिकल और वर्चुअल कनेक्टिविटी की जानकारी उपलब्ध कराएगा।
इंफ्रॉस्ट्रक्चर
बजट में 50 नए एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और एयरोड्रोम बनाने का ऐलान किया गया है। सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढ़ांचे में सुधार के लिए 2.4 ट्रिलियन रुपये के रिकॉर्ड बजट का ऐलान किया है।
टैक्सपेयर
बजट में 7 लाख रुपये तक सालाना आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि इसके लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स का भुगतान करना होगा। ऐसा माना जा रहा है कि जब लोगों को कम टैक्स देना पड़ेगा, तो खर्च में इजाफा होगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल
लीथियम-आयन सेल के निर्माण के लिए जरुरी पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी गई है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में कटौती हो सकती है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रीन एनर्जी
बजट में सरकार ने 4,000 मेगावाट घंटे वाली बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम के निर्माण के लिए सरकार वित्तीय मदद देगी। साथ कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 350 बिलियन रुपये खर्च करेगी।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश कर दिया है। ऐसी उम्मीद थी कि यह बजट लोकलुभावना होगा। क्योंकि एक्सपर्ट मान रहे थे कि इस बजट के वादों के जरिए मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मोदी सरकार बुनियादी ढ़ांचे में सुधार को आगे रखते हुए साल 2023 का बजट पेश किया है। इस बजट में मिडिल क्लास, किसान और महिला को कुछ हद तक साधने की कोशिश हुई है। आइए जानते हैं कि बजट से किस सेक्टर को फायदा और किसे उठाना पड़ा नुकसान:-
किसे हुआ फायदा
खेती-बाड़ी
बजट में खेती किसान पर ज्यादा खर्च करने का ऐलान किया गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 19 फीसद है। सरकार ने कृषि के लिए 22 बिलियन रुपये के बजट का ऐलान किया है। इसमें हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर फॉर्म स्टार्टअप को फंड दिया जाएगा।
पर्यटन
बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने का ऐलान किया गया है। सरकार ने 50 लोकेशन को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार एक ऐप बनाएगी, जो पर्यटकों को फूड स्ट्रीट्स के जानकारी देने के साथ सेफ्टी, फिजिकल और वर्चुअल कनेक्टिविटी की जानकारी उपलब्ध कराएगा।
इंफ्रॉस्ट्रक्चर
बजट में 50 नए एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और एयरोड्रोम बनाने का ऐलान किया गया है। सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढ़ांचे में सुधार के लिए 2.4 ट्रिलियन रुपये के रिकॉर्ड बजट का ऐलान किया है।
टैक्सपेयर
बजट में 7 लाख रुपये तक सालाना आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि इसके लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स का भुगतान करना होगा। ऐसा माना जा रहा है कि जब लोगों को कम टैक्स देना पड़ेगा, तो खर्च में इजाफा होगा।
इलेक्ट्रिक व्हीकल
लीथियम-आयन सेल के निर्माण के लिए जरुरी पूंजीगत वस्तुओं के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी गई है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में कटौती हो सकती है। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रीन एनर्जी
बजट में सरकार ने 4,000 मेगावाट घंटे वाली बैटरी पावर स्टोरेज सिस्टम के निर्माण के लिए सरकार वित्तीय मदद देगी। साथ कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 350 बिलियन रुपये खर्च करेगी।