- Date : 01/02/2023
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वित्त मंत्री के नए और पुराने टैक्स सिस्टम को लेकर कई सारे लोग कंफ्यूज हैं कि आखिर कौन सा सिस्टम उनके लिए फायदेमंद है? इसे आसान भाषा में समझा जा सकता है.

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को टैक्स छूट की राहत दी है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि 7 लाख रुपये सालाना आमदनी पर को टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन यह जितना साफ सुथरा दिख रहा है ऐसा है नहीं. आम आमदी के नजरिए के मुताबिक जब 7 लाख रुपये की आमदनी टैक्स से बाहर है। फिर 7 लाख रुपये से नीचे टैक्स स्लैब का क्या मतलब है? साथ ही नए और पुराने टैक्स स्लैब क्या हैं? आइए जानते हैं विस्तार से..
मोदी सरकार दो तरीके से टैक्स लेती है। एक पुराना तरीका है, जिसमें मेडिकल, हाउस रेंट समेत कई तरह की छूट दिखा सकते थे। लेकिन नए टैक्स स्लैब में सरकार को आपके खर्च और निवेश से कोई मतलब नहीं होता है। इसमें आप सीधे कमाई पर टैक्स देना होता है। बता दें कि सरकार ने नए टैक्स रीजीम में टैक्स को बढ़ाकर 5 से 7 लाख रुपये कर दिया गया है। जबकि पुराना टैक्स रीजीम पहले की तरह ही है। आप दोनों में से किसी एक टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं।
नया टैक्स सिस्टम
आय टैक्स (फीसदी में)
0 से तीन लाख 0 फीसदी
3 से 6 लाख 5 फीसदी
6 से 9 लाख 10 फीसदी
9 से 12 लाख 15 फीसदी
12 से 15 लाख 20 फीसदी
15 लाख से ज्यादा 30 फीसदी
नए टैक्स सिस्टम उन लोगों के लिए बेस्ट हैं, जो अपनी आमदनी पर सेविंग नहीं करते हैं। इसमें आपकी 7 लाख रुपये की छूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। जबकि 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह आप 7.50 लाख रुपये की आमदनी को टैक्स फ्री कर सकते हैं। लेकिन इससे ज्यादा आमदनी पर टैक्स देना होगा। लेकिन अगर आपकी आमदनी 7.50 लाख रुपये से ज्यादा है और आप टैक्स के दायरे में आते हैं, तो आपके लिए नया टैक्स सिस्टम अच्छ होगा। नए टैक्स सिस्टम में पुराने के मुकाबले 6 से 9 लाख रुपये की आय पर 45,000 रुपये कम टैक्स देना होगा। इसी तरह 9 से 12 लाख रुपये की आज पर 25 हजार रुपये कम टैक्स लगेगा। जबकि 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 37,000 रुपये कम टैक्स देना होगा।
पुराना टैक्स सिस्टम
2.5 लाख तक- 0 फीसदी टैक्स
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5 फीसदी टैक्स
5 लाख से 10 लाख तक- 20 फीसदी टैक्स
10 लाख से ऊपर- 30 फीसदी टैक्स
मोटे तौर पर पुराने टैक्स सिस्टम में आप 4 लाख 75 हजार रुपये की बचत दिखा सकते हैं। इस तरह पुराने टैक्स सिस्टम में भी आपकी 7 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसमें आप बचत के तौर पर 80C के तहत पीएफ, पीपीएफ, हाउस रेंट, एलआईसी जैसी स्कीम के तहत अधिकतम 1.50 लाख की छूट हासिल कर सकते हैं। जबकि होम लोन के 2 लाख ब्याज पर छूट मिलेगी। इसके अलावा 50 हजार की स्टैंडर्ड छूट मिलेगी। जबकि परिवार के इंश्योरेंस में 75 हजार की छूट दिखा सकते हैं। साथ ही कई अन्य तरह की छूट मिलती है। ऐसे में 7.50 लाख तक की आमदनी पर छूट मिल सकती है।
दोनों सिस्टम में क्या अंतर है
नए टैक्स सिस्टम में आपको पेपर वर्क कम करना होगा, क्योंकि आप किसी तरह की छूट का क्लेम ही नहीं कर रहे हैं। इसमें आईटीआर भरना बेहद आसान होता है। जबकि पुराने टैक्स सिस्टम काफी कंफ्यूज करता है। इसमें आपको ढ़ेर सारा पेपर वर्क करना होगा।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को टैक्स छूट की राहत दी है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि 7 लाख रुपये सालाना आमदनी पर को टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन यह जितना साफ सुथरा दिख रहा है ऐसा है नहीं. आम आमदी के नजरिए के मुताबिक जब 7 लाख रुपये की आमदनी टैक्स से बाहर है। फिर 7 लाख रुपये से नीचे टैक्स स्लैब का क्या मतलब है? साथ ही नए और पुराने टैक्स स्लैब क्या हैं? आइए जानते हैं विस्तार से..
मोदी सरकार दो तरीके से टैक्स लेती है। एक पुराना तरीका है, जिसमें मेडिकल, हाउस रेंट समेत कई तरह की छूट दिखा सकते थे। लेकिन नए टैक्स स्लैब में सरकार को आपके खर्च और निवेश से कोई मतलब नहीं होता है। इसमें आप सीधे कमाई पर टैक्स देना होता है। बता दें कि सरकार ने नए टैक्स रीजीम में टैक्स को बढ़ाकर 5 से 7 लाख रुपये कर दिया गया है। जबकि पुराना टैक्स रीजीम पहले की तरह ही है। आप दोनों में से किसी एक टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं।
नया टैक्स सिस्टम
आय टैक्स (फीसदी में)
0 से तीन लाख 0 फीसदी
3 से 6 लाख 5 फीसदी
6 से 9 लाख 10 फीसदी
9 से 12 लाख 15 फीसदी
12 से 15 लाख 20 फीसदी
15 लाख से ज्यादा 30 फीसदी
नए टैक्स सिस्टम उन लोगों के लिए बेस्ट हैं, जो अपनी आमदनी पर सेविंग नहीं करते हैं। इसमें आपकी 7 लाख रुपये की छूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। जबकि 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह आप 7.50 लाख रुपये की आमदनी को टैक्स फ्री कर सकते हैं। लेकिन इससे ज्यादा आमदनी पर टैक्स देना होगा। लेकिन अगर आपकी आमदनी 7.50 लाख रुपये से ज्यादा है और आप टैक्स के दायरे में आते हैं, तो आपके लिए नया टैक्स सिस्टम अच्छ होगा। नए टैक्स सिस्टम में पुराने के मुकाबले 6 से 9 लाख रुपये की आय पर 45,000 रुपये कम टैक्स देना होगा। इसी तरह 9 से 12 लाख रुपये की आज पर 25 हजार रुपये कम टैक्स लगेगा। जबकि 12 से 15 लाख रुपये की आय पर 37,000 रुपये कम टैक्स देना होगा।
पुराना टैक्स सिस्टम
2.5 लाख तक- 0 फीसदी टैक्स
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5 फीसदी टैक्स
5 लाख से 10 लाख तक- 20 फीसदी टैक्स
10 लाख से ऊपर- 30 फीसदी टैक्स
मोटे तौर पर पुराने टैक्स सिस्टम में आप 4 लाख 75 हजार रुपये की बचत दिखा सकते हैं। इस तरह पुराने टैक्स सिस्टम में भी आपकी 7 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसमें आप बचत के तौर पर 80C के तहत पीएफ, पीपीएफ, हाउस रेंट, एलआईसी जैसी स्कीम के तहत अधिकतम 1.50 लाख की छूट हासिल कर सकते हैं। जबकि होम लोन के 2 लाख ब्याज पर छूट मिलेगी। इसके अलावा 50 हजार की स्टैंडर्ड छूट मिलेगी। जबकि परिवार के इंश्योरेंस में 75 हजार की छूट दिखा सकते हैं। साथ ही कई अन्य तरह की छूट मिलती है। ऐसे में 7.50 लाख तक की आमदनी पर छूट मिल सकती है।
दोनों सिस्टम में क्या अंतर है
नए टैक्स सिस्टम में आपको पेपर वर्क कम करना होगा, क्योंकि आप किसी तरह की छूट का क्लेम ही नहीं कर रहे हैं। इसमें आईटीआर भरना बेहद आसान होता है। जबकि पुराने टैक्स सिस्टम काफी कंफ्यूज करता है। इसमें आपको ढ़ेर सारा पेपर वर्क करना होगा।