CBDT notifies ITR form for : 2022-23 अधिसूचित किया। आपको निम्नलिखित बातों की जानकारी होनी चाहिए

SITR फॉर्म 1 (सहज) और ITR फॉर्म 4 (सुगम) भारत में बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं को सुविधाएं देता है

CBDT notifies ITR form for 2022-23

आयकर विभाग ने 2022-23 के लिए नए ITR फॉर्म अधिसूचित किए हैं। ये करदाताओं से ओवरसीज रिटायर्मेंट बेनिफिट खातों के बारे में अतिरिक्त जानकारी भी मांगते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेस (CBDT) ने ITR फॉर्म 1 से ITR फॉर्म 5 में अधिसूचित किया है। कॉरपोरेट्स और ट्रस्ट के लिए ITR फॉर्म (ITR 6 और 7) बाद में अधिसूचित किए जाएंगे।

करदाताओं के लिए इनमें से प्रत्येक फॉर्म का क्या अर्थ है आइए इस बारे में एक नजर डालते हैं:

  • ITR Form 1 (Sahaj): ITR फॉर्म 1 एक सरल रूप है जो भारत में बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं को सुविधाएं देता है। इसे 50 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को भरना होगा। यह शुद्ध वेतन की गणना करने के लिए ओवरसीज रिटायरमेंट फंड्स से आय के बारे में भी जानकारी मांगता है। इस फॉर्म को करीब-करीब पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। विदेश में मेंटेन किए गए सेवानिवृत्ति लाभ खाते से आय एकमात्र नया एडिशन है। यह इस बारे में विवरण भी मांगता है कि क्या I-T अधिनियम की सेक्‍शन 89A के तहत अधिसूचित देश में रिटायरमेंट बेनिफिट अकाउंट को बनाए रखा गया है। करदाता इस आय पर सेक्‍शन 89A के तहत टैक्‍सेशन से राहत का दावा भी कर सकते हैं। 
     
  • ITR Form 2: यह फॉर्म 50 लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के लिए है। यह बिजनेस या प्रोफेशन से लाभ के अलावा अन्य आय को भी शामिल करता है। इसमें निवेश से शॉर्ट टर्म (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), हाउस प्रॉपर्टी से आय आदि शामिल हैं। IT विभाग ने इम्‍प्‍लॉइज़ प्रॉविडेंट फंड (EPF) में हाई वैल्‍यू डिपॉजिट को सूची में जोड़ा है। प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से अधिक जमा पर अर्जित ब्याज को ITR फॉर्म 2 के तहत विनिर्दिष्ट करना होगा, जिसे बदलाव को शामिल करने के लिए संशोधित किया गया है।
     
  • ITR Form 3:यह फॉर्म उन लोगों को भरना होता है जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से आय होती है।
     
  • ITR Form 4 (Sugam): यह फॉर्म उन व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों के लिए है जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से कुल आय 50 लाख रुपए तक है।
     
  • ITR Form 5: यह उन करदाताओं के लिए है जो एक पार्टनरशिप फर्म से कमाते हैं। इसे अनिवार्य रूप से कॉर्पोरेट बॉडी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs) के लिए डिज़ाइन किया गया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, AMRG एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि ITR फॉर्म की अधिसूचना सरकारी प्रौद्योगिकी टीम के लिए समय पर एक्सेल यूटिलिटी को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे करदाताओं को जल्दी फाइलिंग करने में मदद मिलेगी।

आयकर विभाग ने 2022-23 के लिए नए ITR फॉर्म अधिसूचित किए हैं। ये करदाताओं से ओवरसीज रिटायर्मेंट बेनिफिट खातों के बारे में अतिरिक्त जानकारी भी मांगते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेस (CBDT) ने ITR फॉर्म 1 से ITR फॉर्म 5 में अधिसूचित किया है। कॉरपोरेट्स और ट्रस्ट के लिए ITR फॉर्म (ITR 6 और 7) बाद में अधिसूचित किए जाएंगे।

करदाताओं के लिए इनमें से प्रत्येक फॉर्म का क्या अर्थ है आइए इस बारे में एक नजर डालते हैं:

  • ITR Form 1 (Sahaj): ITR फॉर्म 1 एक सरल रूप है जो भारत में बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं को सुविधाएं देता है। इसे 50 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले वेतनभोगी व्यक्तियों को भरना होगा। यह शुद्ध वेतन की गणना करने के लिए ओवरसीज रिटायरमेंट फंड्स से आय के बारे में भी जानकारी मांगता है। इस फॉर्म को करीब-करीब पिछले वर्ष की तरह ही रखा गया है। विदेश में मेंटेन किए गए सेवानिवृत्ति लाभ खाते से आय एकमात्र नया एडिशन है। यह इस बारे में विवरण भी मांगता है कि क्या I-T अधिनियम की सेक्‍शन 89A के तहत अधिसूचित देश में रिटायरमेंट बेनिफिट अकाउंट को बनाए रखा गया है। करदाता इस आय पर सेक्‍शन 89A के तहत टैक्‍सेशन से राहत का दावा भी कर सकते हैं। 
     
  • ITR Form 2: यह फॉर्म 50 लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के लिए है। यह बिजनेस या प्रोफेशन से लाभ के अलावा अन्य आय को भी शामिल करता है। इसमें निवेश से शॉर्ट टर्म (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG), हाउस प्रॉपर्टी से आय आदि शामिल हैं। IT विभाग ने इम्‍प्‍लॉइज़ प्रॉविडेंट फंड (EPF) में हाई वैल्‍यू डिपॉजिट को सूची में जोड़ा है। प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से अधिक जमा पर अर्जित ब्याज को ITR फॉर्म 2 के तहत विनिर्दिष्ट करना होगा, जिसे बदलाव को शामिल करने के लिए संशोधित किया गया है।
     
  • ITR Form 3:यह फॉर्म उन लोगों को भरना होता है जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से आय होती है।
     
  • ITR Form 4 (Sugam): यह फॉर्म उन व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) और फर्मों के लिए है जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से कुल आय 50 लाख रुपए तक है।
     
  • ITR Form 5: यह उन करदाताओं के लिए है जो एक पार्टनरशिप फर्म से कमाते हैं। इसे अनिवार्य रूप से कॉर्पोरेट बॉडी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs) के लिए डिज़ाइन किया गया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, AMRG एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि ITR फॉर्म की अधिसूचना सरकारी प्रौद्योगिकी टीम के लिए समय पर एक्सेल यूटिलिटी को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे करदाताओं को जल्दी फाइलिंग करने में मदद मिलेगी।

संवादपत्र

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