Income tax changes announced in the budget that you should know about

केंद्रीय बजट 2022 के बाद लागू होने वाले आयकर में सभी परिवर्तनों को देखें।

केंद्रीय बजट 2022 आयकर में सभी परिवर्तन जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना चौथा केंद्रीय बजट पेश किया। करदाताओं को हर केंद्रीय बजट का बेसब्री से इंतजार रहता है, ताकि इससे भविष्य में होने वाले कर प्रभाव का पता चल सके। हालांकि, इस साल आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा, इस साल के बजट में कर संबंधी कई प्रस्ताव और बदलाव किए गए हैं।

आइए, आयकर से जुड़े सभी महत्‍वपूर्ण बदलावों को देखते हैं:

  • आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और मानक कटौती में भी कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं किया गया है - जबकि उम्मीद थी कि महामारी के बाद और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए कुछ छूट दी जाएगी।
  • करदाताओं को उनके द्वारा फाइल किये गए आयकर रिटर्न (ITR) में गलतियों को सही करने के लिए वन-टाइम विंडो उपलब्ध कराई जाएगी। अपडेटेड ITR  प्रासंगिक निर्धारण वर्ष के अंत से दो साल के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। 
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  • कर प्रोत्साहन के उद्देश्य से स्टार्ट-अप के निगमन की अवधि को 13 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है। स्टार्ट-अप को उनके संचालन के पहले दस वर्षों के भीतर लगातार तीन वर्षों की अवधि के लिए अपने लाभ पर 100% कर छूट मिलेगी। इसका लाभ उन स्टार्ट-अप्स द्वारा लिया जा सकता है जिनका कुल वार्षिक टर्नओवर 25 करोड़ रुपये से कम है।
  • राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा NPS में योगदान पर कर कटौती 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई है। वित्‍त मंत्री ने बताया कि इसके साथ, राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे।
  • वित्‍त मंत्री ने दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ और AOPs पर अधिभार पर अधिकतम 15% की सीमा का प्रस्ताव दिया है। अघोषित आय के विरुद्ध हानियों पर किसी समायोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • कॉरपोरेट अधिभार मौजूदा दर 12% से 5% तक कम किया जाएगा। कॉर्पोरेट टैक्स की रियायती दर नई स्थापित निर्माण कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी और 2023-24 के अंत तक एक अतिरिक्त वर्ष के लिए मान्य होगी। 
  • सहकारी समितियों पर अधिकतम वैकल्पिक कर कॉर्पोरेट दरों के बराबर लाया गया है। वित्‍त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि इसे घटाकर 15% किया जाएगा।
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  • विकलांग आश्रित अब माता-पिता या अभिभावक के जीवनकाल के दौरान अपनी बीमा योजना से एकमुश्त या वार्षिकी राशि निकाल सकेंगे। हालांकि, माता-पिता या अभिभावक की आयु कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। वर्तमान में, यह केवल सब्‍सक्राइब करने वाले माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु पर उपलब्ध है।
  • डिजिटल एसेट्स की बिक्री से होने वाले लाभ को आयकर के दायरे में लाया गया है। इसमें नॉन-फन्जिबल टोकन्‍स (NFT) और क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं। बिना किसी कटौती के 30% कर लगाया जाएगा। दूसरे शब्दों में, लाभ की गणना के लिए केवल अधिग्रहण की मूल लागत को बिक्री मूल्य से घटाया जाएगा। डिजिटल संपत्तियों की बिक्री पर होने वाले किसी भी नुकसान को समायोजित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, प्राप्तकर्ता के पक्ष में डिजिटल उपहार कर योग्य होंगे। डिजिटल एसेट्स के स्‍थानांतरण के विरूद्ध किए गए भुगतान पर 1% का TDS काटा जाएगा।

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डिजिटल एसेट्स में निवेश करने वाले लोगों को यह सुनने में दिलचस्पी होगी कि वित्‍त मंत्री ने आरबीआई द्वारा 'डिजिटल रुपया' पेश करने का प्रस्ताव दिया है। यह मुद्रा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके जारी की जाएगी और इसकी शुरुआत 2022-23 में होने की उम्मीद है। 

संक्षेप में, ये केंद्रीय बजट 2022 में कराधान में किए गए बड़े बदलाव और प्रस्ताव हैं।

संवादपत्र

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