Changes in the new tax regime, Relief to those earning up to 7 lakhs: नई टैक्स रिजीम में हुए बदलाव, 7 लाख तक की आय वालों को मिली राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संशोधित आयकर स्लैब दरों में बदलाव की घोषणा की है। सीतारमण द्वारा दिए गए भाषण में व्यक्तिगत आयकर पर की गई 5 घोषणाएँ।

नई कर व्यवस्था

Income Tax: लोकसभा के पटल पर पाँचवी बार बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ बहुप्रतीक्षित घोषणाएँ की है। मध्यमवर्ग को सात लाख तक की आय होने पर टैक्स से छूट दी गई है, जो कि पिछले बजट में पाँच लाख तक की आय पर दी गई थी। 

नई टैक्स रिजीम में क्या बदलाव हुए हैं? 

वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2023 में ऐसे बहुत सारे बदलाव किए गए हैं, जो कि सालाना 7 लाख आय वाले लोगों से लेकर साल में 5 करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों को लाभान्वित करेंगे। 

यह गौर करने वाली बात है की आयकर की दरों में 2017-18 के बाद कोई भी बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन 7 लाख या सात लाख से कम कमाने वाले लोगों को अब टैक्स से छूट है जबकि 5 करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों को अब 37 फ़ीसदी सर चार्ज के बजाय केवल 25 फ़ीसदी सर चार्ज देना होगा। 

इस बजट में उन्होंने बताया है कि इससे पूर्व की टैक्स रेजीम को चालू रखा जाएगा अर्थात लोगों के पास नई टैक्स रेजीम के अनुसार टैक्स जमा कराने या पूर्व टैक्स रेजीम के अनुसार टैक्स जमा करने का विकल्प मौजूद रहेगा। नई टैक्स रेजीम में स्लैब्स निम्न प्रकार से हैं- 

  • 0 to ₹3 लाख: निल,
  • ₹3 लाख to ₹6 लाख: 5%, 
  • ₹6 लाख to ₹9 लाख: 10%, 
  • ₹9 लाख to ₹12 लाख: 15%, 
  • ₹12 लाख to ₹15 लाख: 20%, 
  • ₹15 लाख और उससे अधिक : 30% 

नई टैक्स व्यवस्था में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं इनमें से बेसिक जंक्शन लिमिट को ढाई लाख से 3 लाख कर देना, आयकर की अधिकतर सीमांत दर को 42.74% से घटाकर 39% कर देना आदि शामिल हैं। 

यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम

सरकार और विपक्षी दलों का इस विषय में क्या कहना है? 

इस बीच कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने इस टैक्स रेजीम की आलोचना यह कहकर की है कि यह आगे आने वाले लोकसभा चुनावों को नज़र में रखकर बनाया गया है और यह पूर्व में जारी किए गए बजट की तरह ही एक बयानबाजी आधारित बजट है। वहीँ दूसरी ओर वित्त मंत्री ने बताया कि इस आजादी के बाद के अमृत काल में यह एक प्रगतिशील बजट है जो कि विकास के मार्ग की ओर प्रशस्त होने के लिए देश के लिए अपना योगदान देने में मध्यम वर्ग को मजबूत बनाएगा। 

सरकार द्वारा नई टैक्स रिजीम को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है और सरकार का इरादा है कि मध्यम वर्ग के हाथ में समुचित मात्रा में धनराशि रहे ताकि देश के विकास में उनका योगदान और अधिक पुरजोर ढंग से उभर के आये। आइये जानते हैं कि विशेषज्ञों की नजर में यह बजट कैसा है- 

  • विशेषज्ञ इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए आकर्षक और राहत देने वाला बता रहे हैं. 
  • उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में यह बजट सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। 
  • निवेशकों के लिए भी इस बजट को नये अवसर खोलने वाले बजट के रूप में देखा जा रहा है. वर्तमान समय में चल रही मंदी से शेयर बाज़ार को उबारने के लिए यह एक अच्छा कदम बताया जा रहा है।  
  • श्री विशाल कंपानी- गैर-कार्यकारी उपाध्यक्ष, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड के अनुसार यह अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला दीर्घकालिक रोडमैप है। नई कर व्यवस्था कंज्यूमर आधारित वृद्धि के लिए भी एक शुभ संकेत के रूप में काम करेगी। इसे अपनाने पर ध्यान देने से देश के सतत विकास का एजेंडा मजबूत होगा।

यह भी पढ़ें: मार्केट में निफ़्टी ५० से रिटर्न कैसे पाए?

Union Budget 2023: New Tax Regime Explained

Income Tax: लोकसभा के पटल पर पाँचवी बार बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लिए कुछ बहुप्रतीक्षित घोषणाएँ की है। मध्यमवर्ग को सात लाख तक की आय होने पर टैक्स से छूट दी गई है, जो कि पिछले बजट में पाँच लाख तक की आय पर दी गई थी। 

नई टैक्स रिजीम में क्या बदलाव हुए हैं? 

वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट 2023 में ऐसे बहुत सारे बदलाव किए गए हैं, जो कि सालाना 7 लाख आय वाले लोगों से लेकर साल में 5 करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों को लाभान्वित करेंगे। 

यह गौर करने वाली बात है की आयकर की दरों में 2017-18 के बाद कोई भी बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन 7 लाख या सात लाख से कम कमाने वाले लोगों को अब टैक्स से छूट है जबकि 5 करोड़ से अधिक कमाने वाले लोगों को अब 37 फ़ीसदी सर चार्ज के बजाय केवल 25 फ़ीसदी सर चार्ज देना होगा। 

इस बजट में उन्होंने बताया है कि इससे पूर्व की टैक्स रेजीम को चालू रखा जाएगा अर्थात लोगों के पास नई टैक्स रेजीम के अनुसार टैक्स जमा कराने या पूर्व टैक्स रेजीम के अनुसार टैक्स जमा करने का विकल्प मौजूद रहेगा। नई टैक्स रेजीम में स्लैब्स निम्न प्रकार से हैं- 

  • 0 to ₹3 लाख: निल,
  • ₹3 लाख to ₹6 लाख: 5%, 
  • ₹6 लाख to ₹9 लाख: 10%, 
  • ₹9 लाख to ₹12 लाख: 15%, 
  • ₹12 लाख to ₹15 लाख: 20%, 
  • ₹15 लाख और उससे अधिक : 30% 

नई टैक्स व्यवस्था में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं इनमें से बेसिक जंक्शन लिमिट को ढाई लाख से 3 लाख कर देना, आयकर की अधिकतर सीमांत दर को 42.74% से घटाकर 39% कर देना आदि शामिल हैं। 

यह भी पढ़ें: ७ वित्तीय नियम

सरकार और विपक्षी दलों का इस विषय में क्या कहना है? 

इस बीच कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने इस टैक्स रेजीम की आलोचना यह कहकर की है कि यह आगे आने वाले लोकसभा चुनावों को नज़र में रखकर बनाया गया है और यह पूर्व में जारी किए गए बजट की तरह ही एक बयानबाजी आधारित बजट है। वहीँ दूसरी ओर वित्त मंत्री ने बताया कि इस आजादी के बाद के अमृत काल में यह एक प्रगतिशील बजट है जो कि विकास के मार्ग की ओर प्रशस्त होने के लिए देश के लिए अपना योगदान देने में मध्यम वर्ग को मजबूत बनाएगा। 

सरकार द्वारा नई टैक्स रिजीम को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है और सरकार का इरादा है कि मध्यम वर्ग के हाथ में समुचित मात्रा में धनराशि रहे ताकि देश के विकास में उनका योगदान और अधिक पुरजोर ढंग से उभर के आये। आइये जानते हैं कि विशेषज्ञों की नजर में यह बजट कैसा है- 

  • विशेषज्ञ इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए आकर्षक और राहत देने वाला बता रहे हैं. 
  • उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में यह बजट सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। 
  • निवेशकों के लिए भी इस बजट को नये अवसर खोलने वाले बजट के रूप में देखा जा रहा है. वर्तमान समय में चल रही मंदी से शेयर बाज़ार को उबारने के लिए यह एक अच्छा कदम बताया जा रहा है।  
  • श्री विशाल कंपानी- गैर-कार्यकारी उपाध्यक्ष, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड के अनुसार यह अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला दीर्घकालिक रोडमैप है। नई कर व्यवस्था कंज्यूमर आधारित वृद्धि के लिए भी एक शुभ संकेत के रूप में काम करेगी। इसे अपनाने पर ध्यान देने से देश के सतत विकास का एजेंडा मजबूत होगा।

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