5 things i did at the beginning of the year to turn my financial situation article

मोटापे की चिंता छोड़िए। इस साल, मैंने इरादा किया आर्थिक रूप से फिट होने का। तो, आप क्यूँ रुके हैं ?

5 क़दम जिन्होंने मेरी आर्थिक स्थिति की बेहतर

पिछले साल ने मुझे आर्थिक मामलों के बारे में बहुत से सबक सिखाए -  फ़िज़ूलख़र्ची ना करना, ज़्यादा बचत करना, सोच समझ के निवेश करना आदि। लेकिन यह साल अलग होने वाला है। हाँ, आप और मैं हर बार साल की शुरुआत में यही कहते हैं, लेकिन इस साल मैंने पहले ही कुछ ऐसे कदम उठा लिए हैं जिनसे यह सुनिश्चित हो कि मैं आर्थिक रूप से फ़िट हूँ। और आपने?


1. मैंने अपना ऋण चुकाना शुरू कर दिया
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल काफ़ी सुविधाजनक लगता है - सिर्फ़ एक स्वाइप और हो गयी आपकी ख़रीदारी। पर यह सुविधा डर में बदल जाती है जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का बिल देखते हैं। अभी कुछ ही दिन पहले जब मुझे एहसास हुआ कि जितना मैं अपने निवेश से कमाती हूँ उस से ज़्यादा रकम मैं अपने ऋण पर ब्याज़ के रूप में अदा करती हूँ, तब मैंने अपने ऋण की स्थिति को नियंत्रित करने का फ़ैसला किया।    


मैंने अपने सभी कर्ज़ों पर दिए जाने वाली ब्याज राशि की घटते क्रम में सूची बनायी - ज़्यादा से कम। जैसे ही एक कर्ज़ चुकता होता, मैं सूची में अगले स्थान पर चली जाती। ऐसा भी समय आता था जब गुज़ारा करना मुश्किल होता, लेकिन मैं अपने कर्ज़ चुकाने के इरादे पर डटी रही और कामयाब हुई। अब मैं काफ़ी निश्चिन्त महसूस करती हूँ, और अपने निवेश पर ध्यान दे सकती हूँ।

2. मैंने स्मार्ट ख़रीदारी शुरू की

दुकान के चमचमाते शीशों के पीछे सजा कर प्रदर्शित किए गए कपड़ों और सामान की ख़रीदारी से ख़ुद को रोक पाना हमेशा ही मुश्किल रहा है। मैंने अक्सर कसम खायी है कि मैं ख़ुद पर नियंत्रण रखूँगी और बेकार की चीज़ों पर पैसे ख़र्च नही करूँगी, लेकिन अगर आप ज़रा भी मेरी तरह हैं, तो आपको शायद एहसास हो कि यह कसम शायद ही कभी काम करती हो। तो इस बार मैंने इरादा किया है कुछ अलग करने का - स्मार्ट ख़रीदारी करने का।

अब किसी भी तरह की ख़रीदारी करने से पहले मैं उस चीज़ के बारे में जानकारी जमा कर उसकी तुलना करती हूँ, चाहे कपड़े हों, गैजेट्स यहाँ तक की राशन भी। अगर मुझे किसी मॉल में कोई सुंदर परिधान पसंद आता है, तो मैं उसी परिधान या उस से मिलती जुलती पोशाक को स्थानीय स्टोर से कम कीमत पर ख़रीदती हूँ। ख़रीदारी से होने वाली बचत ने मुझे धीरे-धीरे मेरी रकम को बजट करने की गुंजाइश दी है।


3. मैंने बजट बना कर उस पर कायम रहना शुरू किया

मैं जानती हूँ, यह जितना आसान लगता है उतना है नही, लेकिन अगर मैं यह कर सकती हूँ तो आप भी ज़रूर कर सकते हैं।

बजट बनाते समय सबसे पहली ग़लती जो मैं अक्सर करती थी, वह थी अवास्तविक सीमा निर्धारित करना - जिस पर टिके रहना बहुत मुश्किल था। इस बार मैंने न केवल एक संतुलित और वास्तविक बजट बनाया बल्कि छोटे मोटे ख़र्चे जिनका हिसाब रखना कठिन है, ऐसे ख़र्चों की गुंजाइश भी बजट में रखी। इसके अतिरिक्त, आज मेरे और आपके पास ऐसे कई “एप्स” हैं जिनकी मदद से हम अपने ख़र्चों का हिसाब रख सकते हैं, बिल अदा कर सकते हैं, बजट बना सकते हैं और उसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।

बेशक, एकाध बार ऐसा भी हुआ जब मैं बजट से बाहर चली गयी, लेकिन ज़्यादातर मैं बजट की सीमा के अंदर रहने में कामयाब रही।


4. मैंने आपातक़ालीन निधि की शुरुआत की

पिछले साल मैंने ख़ुद को एक ऐसी अनपेक्षित परिस्थिति में पाया जहाँ मुझे नकदी की तुरंत आवश्यकता थी। जैसा कि कहा जाता है कि अनुभव आपका सबसे बड़ा शिक्षक है। तो, मैंने अपने पाठ पढ़े और हर महीने कुछ रकम आपातक़ालीन निधि में जमा करना शुरू किया।

मैंने छोटी राशियों से शुरुआत करते हुए उन्हें धीरे धीरे बढ़ाया, जब भी मेरे ख़र्चो ने इसकी इजाज़त दी। अब मैं अपनी  आपातक़ालीन निधि की कुछ रकम अपने फ़िक्सड डिपॉज़िट, बचत खाते, सोने और म्यूचूअल फ़ंड में डालने की योजना बना रही हूँ। तो जहाँ एक ओर मैं इस रकम में इज़ाफ़ा करती रहूँगी, वहीं दूसरी ओर यह रकम मेरी आय में वृद्धि करेगी।


5. मैंने अपने लिए एक रिटायरमेंट प्लान शुरू किया

बाक़ी महिलाओं की तरह मैंने भी अपनी रिटायरमेंट की तरफ़ ना ही ज़्यादा ध्यान दिया और ना ही उसके लिए कुछ तैयारी की। लेकिन परिवार के कुछ सदस्यों और दोस्तों से बात करने के बाद मुझे रिटायरमेंट के लिए अभी से बचत करने की अहमियत समझ आयी। मुझे एहसास हुआ के अगर मैं रिटायरमेंट के बाद भी अपनी मौजूदा जीवन शैली का आनंद लेना चाहती हूँ, तो मुझे अभी से उसके लिए तैयारी करनी होगी।


वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाकघर मासिक आय योजना, म्यूचूअल फ़ंड्ज़ इत्यादि जैसे कुछ विकल्पों के बारे में मैंने अध्ययन किया। मैंने अभी अभी इसके लिए कुछ औपचारिकताएँ पूरी की हैं, और जल्द ही मैं अपने रिटायरमेंट प्लान में अपना पहला निवेश करूँगी।

 


निष्कर्ष:

तो, जैसा कि आप देख सकते हैं, मेरे नए साल की शुरुआत आर्थिक रूप से काफ़ी अच्छी रही। मुझे इसका फ़ायदा भी मिलना शुरू हो गया है। अगर आपने अभी तक ये आर्थिक कदम नही उठाए हैं, तो याद रखिए के अभी सिर्फ़ साल की शुरुआत है। आप आज से ही अपनी आर्थिक स्थिति में बदलाव कर एक सुखद वित्त वर्ष पा सकते हैं।

संवादपत्र

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