बचत खातों पर बैंक घटाएंगे ब्याज दर। क्या है इसका आप पर असर?

आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद देश भर के बैंकों ने बचत खातों पर भी ब्याज दरें घटाने का ऐलान किया है।

बचत खातों पर बैंक घटाएंगे ब्याज दर। क्या है इसका आप पर असर?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद निजी और सरकारी बैंकों ने बैंक बचत खातों पर ब्याज दरें घटा दी हैं। महंगाई में कमी, नए कर्ज बांटने में सुस्ती और विमुद्रीकरण की वजह से बैंकों के पास अतिरिक्त नकदी जैसी वजहों के चलते बैंकों ये फैसला किया है। 
11 अक्टूबर 2016 के बाद कुछ निजी बैंकों के अलावा ज्यादातर बैंक बचत खातों पर 4 फीसदी की ब्याज दर रहे थे, जो अब और भी कम कर दी गई है।

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बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तर्ज पर बचत खातों पर ब्याज दर और डिपॉजिट पर ब्याज दर घटाने पर विचार कर रहा है। बैंक ऑफ इंडिया के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर आर एस शंकरानारायणा ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया कि बचत खातों पर ब्याज दर तुरंत नहीं घटाई जाएंगी, लेकिन इसपर विचार जारी है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
31 जुलाई 2017 को एसबीआई देश का पहला बैंक बना जिसने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाई, यानि अब बैंक 1 करोड़ रुपये और उससे कम रकम वाले खातों पर 3.5 फीसदी ब्याज देगा। इस घोषणा के बाद और 11 बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दर घटाई।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक

  • 21 अगस्त 2017 को दोनों बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाने की घोषणा की।
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को 50 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खातों पर 3.5 फीसदी ब्याज देगा। वहीं, देना बैंक यही ब्याज दर 25 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खातों पर देगा। 
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को 50 लाख रुपये से ज्यादा रकम वाले बचत खातों पर 4 फीसदी ब्याज देगा।
  • देना बैंक के ग्राहक जिनके बचत खातों में 25 लाख रुपये से ज्यादा रकम है, उन्हें 4 फीसदी ब्याज मिलेगा।

संबंधित: अपने बचत खाते को समझिए

पंजाब नेशनल बैंक
सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाई है। बैंक ने 1 करोड़ रुपये से कम फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज दर 0.15-0.20 फीसदी घटाई है।
50 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खाते पर अब बैंक 3.5 फीसदी ब्याज देगा। 

बाकी बैंक
एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, यस बैंक और कर्नाटक बैंक उन बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने बचत खातों पर ब्याज दर घटाई हैं।

अब आप क्या करें?

  • आपके लिए जरूरी है कि आप अपने बैंक बचत खाते की न्यूनतम औसत रकम के बारे में जानें, ताकि आप जुर्माने और अतिरिक्त शुल्कों से बच सकेंगे। खाते की न्यूनतम औसत रकम 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है।
  • आदर्शरूप में आपको सिर्फ आपातकालीन पूंजी बचत खाते में रखनी चाहिए और बाकी राशि ज्यादा रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों में लगानी चाहिए।
  • आप अपनी की बचत की रकम को लिक्विड फंड, रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट, अल्ट्रा शॉर्ट डेट फंड जैसे विकल्पों में निवेश कर सकते हैं। इनमें किए निवेश को जल्द ही नकद में बदला जा सकता है और इसमें कुछ ही दिन का वक्त लगता है।

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बचत खातों पर कैसे ब्याज दर की गणना की जाती है?
आरबीआई के नियमों के मुताबिक बचत खातों पर रोजाना ब्याज की गणना की जाती है। 1 लाख रुपये तक की रकम पर एकसमान ब्याज दर लगती है, चाहे खाते में कितनी भी राशि क्यों न हो। 
बैंक 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये या 1 करोड़ रुपये के बीच की राशि पर अलग-अलग ब्याज दर तय कर सकते हैं।
खाते की रकम पर हर रोज ब्याज की गणना की जाती है और इसे तिमाही आधार पर ग्राहक के खाते में जोड़ा जाता है। बैंक इससे कम अवधि में भी ग्राहकों को ब्याज देने का फैसला कर सकते हैं।

 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद निजी और सरकारी बैंकों ने बैंक बचत खातों पर ब्याज दरें घटा दी हैं। महंगाई में कमी, नए कर्ज बांटने में सुस्ती और विमुद्रीकरण की वजह से बैंकों के पास अतिरिक्त नकदी जैसी वजहों के चलते बैंकों ये फैसला किया है। 
11 अक्टूबर 2016 के बाद कुछ निजी बैंकों के अलावा ज्यादातर बैंक बचत खातों पर 4 फीसदी की ब्याज दर रहे थे, जो अब और भी कम कर दी गई है।

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बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तर्ज पर बचत खातों पर ब्याज दर और डिपॉजिट पर ब्याज दर घटाने पर विचार कर रहा है। बैंक ऑफ इंडिया के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर आर एस शंकरानारायणा ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया को बताया कि बचत खातों पर ब्याज दर तुरंत नहीं घटाई जाएंगी, लेकिन इसपर विचार जारी है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
31 जुलाई 2017 को एसबीआई देश का पहला बैंक बना जिसने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाई, यानि अब बैंक 1 करोड़ रुपये और उससे कम रकम वाले खातों पर 3.5 फीसदी ब्याज देगा। इस घोषणा के बाद और 11 बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दर घटाई।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक

  • 21 अगस्त 2017 को दोनों बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाने की घोषणा की।
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को 50 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खातों पर 3.5 फीसदी ब्याज देगा। वहीं, देना बैंक यही ब्याज दर 25 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खातों पर देगा। 
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपने ग्राहकों को 50 लाख रुपये से ज्यादा रकम वाले बचत खातों पर 4 फीसदी ब्याज देगा।
  • देना बैंक के ग्राहक जिनके बचत खातों में 25 लाख रुपये से ज्यादा रकम है, उन्हें 4 फीसदी ब्याज मिलेगा।

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पंजाब नेशनल बैंक
सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने बचत खातों पर ब्याज दर 0.5 फीसदी घटाई है। बैंक ने 1 करोड़ रुपये से कम फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी ब्याज दर 0.15-0.20 फीसदी घटाई है।
50 लाख रुपये तक की रकम वाले बचत खाते पर अब बैंक 3.5 फीसदी ब्याज देगा। 

बाकी बैंक
एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, यस बैंक और कर्नाटक बैंक उन बैंकों में शामिल हैं, जिन्होंने बचत खातों पर ब्याज दर घटाई हैं।

अब आप क्या करें?

  • आपके लिए जरूरी है कि आप अपने बैंक बचत खाते की न्यूनतम औसत रकम के बारे में जानें, ताकि आप जुर्माने और अतिरिक्त शुल्कों से बच सकेंगे। खाते की न्यूनतम औसत रकम 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है।
  • आदर्शरूप में आपको सिर्फ आपातकालीन पूंजी बचत खाते में रखनी चाहिए और बाकी राशि ज्यादा रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों में लगानी चाहिए।
  • आप अपनी की बचत की रकम को लिक्विड फंड, रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट, अल्ट्रा शॉर्ट डेट फंड जैसे विकल्पों में निवेश कर सकते हैं। इनमें किए निवेश को जल्द ही नकद में बदला जा सकता है और इसमें कुछ ही दिन का वक्त लगता है।

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बचत खातों पर कैसे ब्याज दर की गणना की जाती है?
आरबीआई के नियमों के मुताबिक बचत खातों पर रोजाना ब्याज की गणना की जाती है। 1 लाख रुपये तक की रकम पर एकसमान ब्याज दर लगती है, चाहे खाते में कितनी भी राशि क्यों न हो। 
बैंक 1 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये या 1 करोड़ रुपये के बीच की राशि पर अलग-अलग ब्याज दर तय कर सकते हैं।
खाते की रकम पर हर रोज ब्याज की गणना की जाती है और इसे तिमाही आधार पर ग्राहक के खाते में जोड़ा जाता है। बैंक इससे कम अवधि में भी ग्राहकों को ब्याज देने का फैसला कर सकते हैं।

 

संवादपत्र

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