- Date : 19/01/2018
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क्या आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ स्मृतियां बनाने के मौके गंवा रही हैं? हम आपके लिए नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाने के कुछ टिप्स ले आए हैं।

नौकरी करने का चुनाव करने वाली भारतीय महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। चाहे महिलाएं दुनिया पर राज करने की कोशिश में जुटी हों, लेकिन परिवार और घर के देखभाल की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही है। जब कामकाजी महिलाओं पर पारिवारिक और गृहस्थी के काम का ज्यादा बोझ हो, तब उनके लिए नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाना मुश्किल का काम बन जाता है।
लेकिन, कुछ बदलाव करके कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाना नामुमकिन नहीं होगा। क्या आपको यकीन नहीं हो रहा है? हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताते हैं:
1. सुबह काम कम रखें
इससे आपकी हड़बड़ाहट भरी सुबह से बच सकती हैं। आपको सुबह भारी लगती है क्योंकि आप इसके लिए योजना नहीं बनाती हैं। अगर आप रात को कुछ वक्त निकाल कर सुबह के लिए थोड़ी योजना बना लें तो देखिए आपके पास सुबह खाली समय रहेगा।
इसलिए, रात को अगली सुबह के लिए ये तैयारियां कर लें:
- बैग में सामान रख लें (इसमें लैपटॉप, फाइलें, आदि जरूरी सामान शामिल हैं)
- अगले दिन पहने के लिए कपड़ों का चुनाव कर लें
- अगर आपके बच्चे हों तो सुनिश्चित कर लें कि उनके बैग पैक हो गए हों और यूनिफॉर्म को इस्त्री हो गई हो
- खाने की योजना बना लें – नाश्ता, दोपहर का खाना, रात का खाना और सब्जी काटने जैसे छोटे-मोटे काम निपटा लें
इस तरह आपके पास सुबह बच्चों के साथ नाश्ता करने के लिए या फिर पति के साथ चाय पीने के लिए थोड़ा समय बाकी रहेगा।
2. परिवार का कैलेंडर बनाएं
परिवार के कैलेंडर में सभी सदस्यों के रोज के काम और पारिवारिक गतिविधियां शामिल होती हैं। इस कैलेंडर की मदद से आप काम बांट सकती हैं, जैसे परिवार के जिस सदस्य के पास खाली वक्त हो उसे कपड़े धोने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस कैलेंडर की मदद से आप सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप परिवार के साथ वक्त बिता रही हैं – जैसे शतरंज खेलना, रात के खाने के बाद साथ टीवी पर कार्यक्रम देखना, पार्क में बच्चों के साथ घूमने जाना, आदि।
3. मदद मांगे
अगर आप मानती है कि आप सारा काम खुद नहीं कर सकती हैं और इसके लिए आपको मदद चाहिए, तो ये गलत नहीं है। आप अपने माता-पिता या बच्चों से रोजमर्रा के कामों में मदद ले सकती हैं, जैसे खाना बनाना, सफाई करना, आदि। जब बात घर के खर्चों की आती है तो आप पति को कुछ बिल चुकाने के लिए या फिर बजट पर नजर रखने के लिए कह सकती हैं। परिवार के सदस्यों में काम बांटे ताकि नौकरी से घर लौटते वक्त आपकी धड़कनें न बढ़ें।
4. नियोक्ता से चर्चा करें
अपने अधिकारियों और नियोक्ता के साथ बातचीत करते रहना आपके लिए बेहतर है। अगर आपको लगता है कि आप नौकरी और घर की जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पा रही हैं तो आपका नियोक्ता आपको काम के वक्त में ढील दे सकता है। इससे आप घर के सारे काम निपटाकर ऑफिस तनाव मुक्त पहुंचेगी। अगर आपके बच्चे हैं तो आप उन्हें स्कूल छोड़कर फिर ऑफिस जा सकती हैं।
5. परिवार के लिए वक्त निकालिए
परिवार के साथ वक्त बिताना बेहद अहम है। शुरुआत में रोजाना कम से कम एक बार का खाना एक साथ खाएं। सप्ताहांत में दोस्तों के साथ छोटी सैर पर जाएं। अगर आपके बच्चे हैं तो उनके साथ वक्त बिताएं– जैसे साथ कसरत करना, पिकनिक पर जाना, संग्रहालय देखने जाना, आदि।
6. शौक पालिए
आप नृत्य क्लास में जाएं, जिसे आप वक्त और शक्ति की कमी की वजह से अब तक टाल रही थीं। घंटों काम करने के बाद जरूरी है कि आप किताब पढ़कर, कसरत करके, चित्र बनाकर, आदि मन को तरोताजा करें। इन गतिविधियों से नौकरी में आपकी कार्यक्षमता भी बढ़ती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप हर हफ्ते अपने लिए वक्त जरूर निकाल रही हों।
निष्कर्ष:
चाहे आप अपनी दिनचर्या में कोई भी बदलाव कर रही हों, लेकिन शुरुआत छोटे स्तर पर करें। अगर आप एक साथ सब कुछ करेंगी तो बदलाव करने में लगे समय से कम ही वक्त में सुस्त पड़ जाएंगी। तो फिर नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाने के लिए कदम उठाइए और मनपसंद जिंदगी का मजा लीजिए।
नौकरी करने का चुनाव करने वाली भारतीय महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। चाहे महिलाएं दुनिया पर राज करने की कोशिश में जुटी हों, लेकिन परिवार और घर के देखभाल की जिम्मेदारी महिलाओं पर ही है। जब कामकाजी महिलाओं पर पारिवारिक और गृहस्थी के काम का ज्यादा बोझ हो, तब उनके लिए नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाना मुश्किल का काम बन जाता है।
लेकिन, कुछ बदलाव करके कामकाजी महिलाओं के लिए नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाना नामुमकिन नहीं होगा। क्या आपको यकीन नहीं हो रहा है? हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बताते हैं:
1. सुबह काम कम रखें
इससे आपकी हड़बड़ाहट भरी सुबह से बच सकती हैं। आपको सुबह भारी लगती है क्योंकि आप इसके लिए योजना नहीं बनाती हैं। अगर आप रात को कुछ वक्त निकाल कर सुबह के लिए थोड़ी योजना बना लें तो देखिए आपके पास सुबह खाली समय रहेगा।
इसलिए, रात को अगली सुबह के लिए ये तैयारियां कर लें:
- बैग में सामान रख लें (इसमें लैपटॉप, फाइलें, आदि जरूरी सामान शामिल हैं)
- अगले दिन पहने के लिए कपड़ों का चुनाव कर लें
- अगर आपके बच्चे हों तो सुनिश्चित कर लें कि उनके बैग पैक हो गए हों और यूनिफॉर्म को इस्त्री हो गई हो
- खाने की योजना बना लें – नाश्ता, दोपहर का खाना, रात का खाना और सब्जी काटने जैसे छोटे-मोटे काम निपटा लें
इस तरह आपके पास सुबह बच्चों के साथ नाश्ता करने के लिए या फिर पति के साथ चाय पीने के लिए थोड़ा समय बाकी रहेगा।
2. परिवार का कैलेंडर बनाएं
परिवार के कैलेंडर में सभी सदस्यों के रोज के काम और पारिवारिक गतिविधियां शामिल होती हैं। इस कैलेंडर की मदद से आप काम बांट सकती हैं, जैसे परिवार के जिस सदस्य के पास खाली वक्त हो उसे कपड़े धोने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस कैलेंडर की मदद से आप सुनिश्चित कर सकती हैं कि आप परिवार के साथ वक्त बिता रही हैं – जैसे शतरंज खेलना, रात के खाने के बाद साथ टीवी पर कार्यक्रम देखना, पार्क में बच्चों के साथ घूमने जाना, आदि।
3. मदद मांगे
अगर आप मानती है कि आप सारा काम खुद नहीं कर सकती हैं और इसके लिए आपको मदद चाहिए, तो ये गलत नहीं है। आप अपने माता-पिता या बच्चों से रोजमर्रा के कामों में मदद ले सकती हैं, जैसे खाना बनाना, सफाई करना, आदि। जब बात घर के खर्चों की आती है तो आप पति को कुछ बिल चुकाने के लिए या फिर बजट पर नजर रखने के लिए कह सकती हैं। परिवार के सदस्यों में काम बांटे ताकि नौकरी से घर लौटते वक्त आपकी धड़कनें न बढ़ें।
4. नियोक्ता से चर्चा करें
अपने अधिकारियों और नियोक्ता के साथ बातचीत करते रहना आपके लिए बेहतर है। अगर आपको लगता है कि आप नौकरी और घर की जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा पा रही हैं तो आपका नियोक्ता आपको काम के वक्त में ढील दे सकता है। इससे आप घर के सारे काम निपटाकर ऑफिस तनाव मुक्त पहुंचेगी। अगर आपके बच्चे हैं तो आप उन्हें स्कूल छोड़कर फिर ऑफिस जा सकती हैं।
5. परिवार के लिए वक्त निकालिए
परिवार के साथ वक्त बिताना बेहद अहम है। शुरुआत में रोजाना कम से कम एक बार का खाना एक साथ खाएं। सप्ताहांत में दोस्तों के साथ छोटी सैर पर जाएं। अगर आपके बच्चे हैं तो उनके साथ वक्त बिताएं– जैसे साथ कसरत करना, पिकनिक पर जाना, संग्रहालय देखने जाना, आदि।
6. शौक पालिए
आप नृत्य क्लास में जाएं, जिसे आप वक्त और शक्ति की कमी की वजह से अब तक टाल रही थीं। घंटों काम करने के बाद जरूरी है कि आप किताब पढ़कर, कसरत करके, चित्र बनाकर, आदि मन को तरोताजा करें। इन गतिविधियों से नौकरी में आपकी कार्यक्षमता भी बढ़ती है। इसलिए सुनिश्चित करें कि आप हर हफ्ते अपने लिए वक्त जरूर निकाल रही हों।
निष्कर्ष:
चाहे आप अपनी दिनचर्या में कोई भी बदलाव कर रही हों, लेकिन शुरुआत छोटे स्तर पर करें। अगर आप एक साथ सब कुछ करेंगी तो बदलाव करने में लगे समय से कम ही वक्त में सुस्त पड़ जाएंगी। तो फिर नौकरी और निजी जीवन में तालमेल बिठाने के लिए कदम उठाइए और मनपसंद जिंदगी का मजा लीजिए।