- Date : 15/09/2023
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Adani-Hindenburg case: अडानी-हिंडमबर्ग मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेबी ने दो मामलों को छोड़कर बाकी मामलों में जांच पूरी कर ली है।

Adani-Hindenburg case: अडानी-हिंडमबर्ग मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर तक टल गई है। सुप्रीम कोर्ट अगले महीने सेबी की रिपोर्ट पर सुनवाई करेगी। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक अदानी-हिंडनबर्ग विवाद में एक पीआईएल दाखिल हुई है जिसमें सेबी पर आरोप लगाया गया है कि उसने जांच के दौरान महत्वपूर्ण तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट से छिपयाा है। पीआईएल में आरोप है कि अडानी कंपनियों द्वारा कथित स्टॉक हेरफेर पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के पत्र को सुप्रीम कोर्ट से छिपाया जा रहा है। गौरतलब है कि 25 अगस्त को सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने अडानी ग्रुप के खिलाफ दो को छोड़कर बाकी सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली है। सेबी ने कहा था कि ग्रु समूह में निवेश करने वाली विदेशी संस्थाओं के वास्तविक मालिकों के बारे में अभी भी पांच टैक्स हेवन से जानकारी का इंतजार है।
याचिकाकर्ताओं में से एक अनामिका जायसवाल के मुताबिक जब अडानी समूह के खिलाफ ओवर-इनवॉइसिंग मामले में जांच चल रही थी तो राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2014 में तत्कालीन सेबी अध्यक्ष को एक पत्र भेजा था जिसमें उन्हें सचेत किया गया था। याचिकाकर्ता ने सेबी पर अदालत से महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाने और डीआरआई अलर्ट को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। हलफनामे में कहा गया है है कि श्री सिरिल श्रॉफ मैनेजिंग पार्टनर, सिरिल अमरचंद मंगलदास कॉर्पोरेट गवर्नेंस सेबी की समिति के सदस्य रहे हैं। ये यूनिट इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे मामलों की जांच करती है। हलफनामे में कहा गया है कि उनकी बेटी की शादी गौतम अडानी के बेटे से हुई है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सेबी की 24 जांच रिपोर्टों में से पांच अडानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ इनसाइडर ट्रे़डिंग के आरोप हैं।
इसके अलावा याचिकाकर्ता ने एक मीडिया रिपोर्ट का भी हवाला दिया है जिसमें कहा गया है कि मॉरीशस स्थित दो कंपनियों- इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड और ईएम रिसर्जेंट फंड ने 2013 और 2018 के बीच अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में बड़ी मात्रा में निवेश किया।