Ban on crackers: दिल्ली के बाद गुरुग्राम में भी पटाखों पर लगा बैन, सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखे जलाने की छूट

Ban on crackers: गुरुग्राम जिला प्रशासन ने तीन महीने के लिए पटाखों के प्रोडक्शन, बिक्री और स्टोरेज पर बैन लगा दिया गया है। हालांकि ग्रीन पटाखों को सीमित समय के लिए छूट होगी।

Ban on crackers


Ban on crackers: गुरुग्राम जिला प्रशासन ने सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया। 28 सितंबर को जारी आदेश के मुताबिक 1 नवंबर, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक पटाखा पर प्रतिबंध जारी रहेगा। इस आदेश में में ग्रीन पटाखे शामिल नहीं हैं। इन पटाखों को दिवाली, नए साल की पूर्व संध्या, क्रिसमस और गुरुपर्व जैसे उत्सव के अवसरों पर सीमित समय के लिए जलाने की अनुमति दी जाएगी। दिवाली और गुरुपर्व जैसे त्योहारों पर पटाखे फोड़ने की सीमा रात 8 बजे से 10 बजे तक सीमित रहेगी। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर ये विंडो रात 11.55 बजे से 12.30 बजे तक होगी।

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पुलिस उपायुक्त निशांत यादव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सीआरपीसी 1973 की धारा 144, विस्फोटक अधिनियम, 1884 और विस्फोटक नियम और अन्य शक्तियों के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट, गुरूग्राम के रूप में मैं गुरूग्राम जिले में हरे पटाखों को छोड़कर अन्य पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाता हूं। आदेश में आगे कहा गया है कि 1 नवंबर, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक आतिशबाजी में बेरियम सॉल्ट पर बैन होगा क्योंकि इससे वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है।

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गौरतलब है कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाया था, लेकिन लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से कम प्रदूषण वाले हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति दी थी। गुरुग्राम में हाल ही में लगाए गए प्रतिबंध में विशेष रूप से हरे पटाखों को छोड़कर अन्य पटाखों और आतिशबाजी में बेरियम सॉल्ट के उपयोग पर बैन लगाया गया है। निशांत यादव ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के मुताबिक वायु गुणवत्ता की निगरानी करने और संबंधित वेबसाइटों पर डेटा रिपोर्ट करने का भी निर्देश दिया है।

सीआरपीसी की धारा 144 के तहत फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को पटाखों के लिए ऑनलाइन ऑर्डर ना लेने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने हरित पटाखों के बारे में जागरूकता पैदा करने और उन्हें पारंपरिक पटाखों से अलग करने के निर्देश भी दिए।

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