- Date : 31/08/2023
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Hindenburg on OCCRP: ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंडनबर्ग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Hindenburg on OCCRP: अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग के बाद एक और रिपोर्ट बम फूटा है। ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप गुमनाम कंपनियों के जरिए अपने ही शेयर खरीदता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉरीशस की गुमनाम कंपनी ने अडानी ग्रुप में करोड़ों डॉलर निवेश किए हैं। बिलकुल यही दावा करीब 6 महीना पहले हिंडनबर्ग ने भी किया था जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर्स ताश के पत्तों की तरह गिर गए थे। हालांकि अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भी नकार दिया था और अब ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट को भी सिरे से खारिज कर दिया है।
ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट आने के बाद हिंडनबर्ग ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी है। हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर लिखा, आखिरकार लूप बंद हो गया। दरअसल फाइनेंशियल टाइम्स ने ओसीसीआरपी की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि अडानी शेयरों में फ्री फ्लोट का कम से कम 13 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले ऑफशोर फंड को विनोद अडानी के करीबी और सहयोगियों द्वारा गुपचुप तरीके से नियंत्रित किया गया।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ओसीसीआरपी रिपोर्ट में दो लोगों का नाम लिया गया है। पहला नाम है चांग चुंग-लिंग और दूसरा नाम है नासिर अली शाबान अली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी यही दो नाम सामने आए थे। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट मे अडानी ग्रुप पर कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।