- Date : 31/08/2023
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JSW in Automobile: जेएसडब्ल्यू ग्रुप भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी लीपमोटर के साथ बात जारी है।

JSW in Automobile: जेएसडब्ल्यू ग्रुप भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने के लिए चीन की ऑटोमोबाइल कंपनी लीपमोटर के साथ बात कर रहा है। टेकनोलॉजी लाइसेंस समझौते के तहत जेएसडब्ल्यू अपने खुद के ब्रांड नेम के साथ भारत में ईवी यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के लिए लीपमोटर से बात कर रहा है। जानकारी के मुताबिक जेएसडब्ल्यू तीन मिडियम साइज स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल यानी एसयूवी बनाने का विचार कर रहा है। हालांकि ये बातचीत कहां तक पहुंची और भारत में प्रोडक्शन कब से शुरू होगा ये फिलहाल साफ नहीं है।
जानकारी के मुताबिक जेएसड्ब्ल्यू ग्रुप एमजी मोटर इंडिया में भी हिस्सेदारी खरीदना चाहता था लेकिन बात नहीं बनी। एमजी मोटर्स चीन की एसएआईसी मोटर कॉर्प के स्वामित्व वाली कंपनी है। गौरतलब है कि भारत में ईवी की मार्केट सीमित है जिसमें अभी टाटा मोटर्स हावी है। लेकिन सरकार ईवी के बिजनेस को प्रमोट करना चाहती है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक ईवी वाले वाहनों की बिक्री 30 प्रतिशत तक पहुंचाई जाए जो अभी 2 फीसदी से भी कम है।
जेएसडब्ल्यू मार्केट में अपने ब्रांड के साथ कार लाना चाहता है। अपने ब्रांड के तहत कारें बेचना चाहता है जिसके लिए उन्हें किसी मौजूदा कार निर्माता कंपनी में निवेश करना होगा या उसे टेकनोलॉजी की जरूरत होगी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक अभी तक डील फाइनल नहीं हुई है।
जबकि जेएसडब्ल्यू ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, इसके अरबपति अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने सार्वजनिक रूप से ईवी बनाने के अपने इरादे और एमजी मोटर के साथ इसकी चर्चा के बारे में बात की है। कंपनी ने ईवी में उतरने का पहला प्रयास 2016 में किया था।
भारतीय मीडिया ने इस सप्ताह रिपोर्ट दी कि जेएसडब्ल्यू प्रौद्योगिकी के लिए चीनी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है और फोर्ड मोटर कंपनी के दक्षिणी भारत संयंत्र का अधिग्रहण करने के लिए भी चर्चा कर रही है, जहां उसने बाजार से बाहर निकलने के बाद पिछले साल उत्पादन बंद कर दिया था।
लीपमोटर के साथ बातचीत का विवरण पहले नहीं बताया गया है।
टेस्ला भी बाजार पर नजर रख रही है और किफायती ईवी बनाने के लिए वहां एक कारखाना स्थापित करने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है। सरकार स्थानीय विनिर्माण में निवेश के बदले में कम आयात कर की पेशकश करके ईवी निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए एक नई योजना पर भी काम कर रही है।