- Date : 03/08/2023
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Murali Divi Story: बारहवीं में दो बार फेल होने वाले बच्चे को अक्सर लोग नालायक कह देते हैं या उसका उपहास उड़ाते हैं। ऐसे लोगों को जरूर पढ़नी चाहिए मुरारी दीवी की कहानी।

Murali Divi Story: क्या आपको पता है हैदराबाद का सबसे अमीर आदमी वो है जो बारहवीं में एक नहीं दो-दो बार फेल हुआ था। आज हम बात करने जा रहे हैं Divi लैब्स के फाउंडर मुरली दीवी के बारे में जो आज हैदराबाद के सबसे अमीर आदमी हैं। फोब्स की रिपोर्ट के मुताबिक मुरली 53 हजार करोड़ रुपये के मालिक हैं। डीवी लैब्स की मार्केट कैपिटल 97 हजार करोड़ से ज्यादा की है। 12वीं पास लड़के ने कैसे खड़ी कर दी इतनी बड़ी सल्तनत आइए जानते हैं।
दस हजार की पेंशन से गुजारा करता था परिवार
आंध्र प्रदेश के एक छोटे से परिवार में मुरली का जन्म हुआ। मुरली के पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और वो एक आम भारतीय की तरह मिडिल क्लास जीवन जीते थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब मुरली का परिवार उनके पिता की दस हजार रुपये मासिक पेंशन से गुजारा करता था।
दो बार 12वीं फेल लड़के ने खड़ी कर दी सफलता की मिसाल
मुरली एक नहीं बल्कि दो-दो बार बारहवीं की परीक्षा में फेल हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी किस्मत बदलने की कोशिश करते रहे। 1976 में मुरली जेब में 500 रुपये लेकर अमेरिका चले गए। तब उनकी उम्र महज 25 साल थी। यहां उन्होंने ट्रिनिटी केमिकल्स और फाइक कैमिकल्स जैसी कंपनियों में काम किया और एक साल में करीब 65 हजार डॉलर कमाए। कुछ साल अमेरिका में काम करने के बाद मुरली 40 हजार डॉलर की जमा पूंजी के साथ भारत लौटे। भारत आने के बाद उन्हें क्या करना है कुछ पता नहीं था। 1984 में भारत आने के बाद मुरली ने कलाम अनजी रेड्डी के साथ मिलकर केमिनोर बनाना शुरू किया जिसका बाद में डॉ रेड्डी लैब के साथ मर्जर हो गया।
डॉ रेड्डी लैब के साथ मुरारी ने करीब 6 सालों तक काम किया और फिर 1990 में उन्होंने डीवी लैब खोलने का फैसला किया। 1995 में मुरली ने तेलंगाना में पहली मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाई और फिर 2002 में विशाखापट्टनम के पास दूसरी मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाई। 2022 में डीवी लैब का रेवेन्यू 88 मिलियन रुपये था।