- Date : 22/08/2023
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Onion Price: देश में पिछले तीन महीनों से टमाटर की कीमतें आसमान छू रही है लेकिन प्याज की जरा की कीमत बढ़ते ही सरकार संजीदा हो गई है। इसके पीछे वजह ये है कि प्याज का देश में बड़ा पॉलीटिकल कनेक्शन है।

Onion Price: केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि वो रिहायती दामों पर प्याज बेचेगी। इसके लिए मंडियों से प्याज की खरीद भी शुरू हो चुकी है। प्याज पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगाया गया है। क्या आपने सोचा ऐसा क्यों है कि सरकार प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखना चाहती है। भले ही पिछले तीन महीनों से टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हों लेकिन सरकार ने प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए समय से पहले ही कदम उठा लिया है।
सरकार प्याज की कीमतें बढ़ने देना क्यों नहीं चाहती इसके पीछे बड़ा कारण हैं। अगर आप इतिहास उठाकर देखें तो आपको दिखाई देगा कि प्याज की वजह से पहले सरकार गिरने के एक नहीं दो-दो उदाहरण हैं। दरअसल भारतीय प्याज को लेकर काफी संवेदनशील हैं। आम तौर पर कई तरह के खाने में प्याज का इस्तेमाल होता है और उसका कोई विकल्प भी नहीं है। ऐसे में प्याज की कीमतें बजट से बाहर हुई तो हाहाकार हो जाएगा।
देश के इतिहास को पलटकर देखें तो प्याज की महिमा कुछ ऐसी है कि सरकारों को गिरा चुकी है। साल 1980 के आम चुनाव में प्याज की कीमतें इतनी महंगी थी कि उस वक्त के प्रधानमंत्री ने इसे अनियन इलेक्शन करार दे दिया था। आजादी के बाद देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार सिर्फ प्याज की वजह से गिरी थी।
प्याज का एक और किस्सा है। 1998 में दिवाली के मौके पर कांग्रेस नेता छगन भुजबल ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को गिफ्ट के तौर पर एक बॉक्स भेजा था जिसमें प्याज थे। इसके साथ उन्होंने एक नोट भेजा जिसमें लिखा था- दिवाली के त्योहार पर हम एक दूसरे को महंगे तोहफे देते हैं। इस साल प्याज बहुत महंगे हैं।
प्याज का एक और किस्सा याद दिलाते हैं। 1998 में सुष्मा स्वराज साहब सिंह वर्मा की सरकार को गिराकर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं। वो भी दिवाली का वक्त था और प्याज 60 रुपये किलो चल रहा था। तमाम कोशिशों के बावजूद सुष्मा स्वराज प्याज की कीमतों के कम नहीं कर सकीं और फिर दोबारा कभी दिल्ली की सीएम नहीं बनीं।
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