- Date : 19/08/2023
- Read: 2 mins
Pulses Price Hike: पहले टमाटर ने रुलाया और अब दालों की बारी है। बारिश की कमी के चलते दलहन की खेती प्रभावित हुई है जिसकी वजह से आने वाले समय में दालों की कीमत बढ़ने वाली है।

Pulses Price Hike: पहले टमाटर ने रुलाया और अब दालों की बारी है। आने वाले समय में आपके प्लेट से दाल गायब हो सकती है। वजह है दलहन की कमजोर खेती जिसकी वजह से दालों की कीमतें आसमान छू सकती है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में बारिश कम हुई जिससे दलहन की बुआई में गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 18 अगस्त तक दालों की कुल बुवाई 9.16 फीसदी कम हुई है। पिछले साल की बात करें तो पिछले साल भी दलहन की खेती का कुल क्षेत्रफल गिरकर 11.6 फीसदी तक गिरा था।
18 अगस्त को जारी बार्कल के आंकलन के मुताबिक पिछले सप्ताह देश के अधिकांश हिस्सों में कम बारिश हुई है। कम बारिश अरहर, उड़द और मूंग की देरी से बुआई दलहन की खेती के रकबे में कमी के लिए जिम्मेदार है। इसके अलावा अरहर के लिए बोया गया क्षेत्र 6.4 प्रतिशत कम है वहीं उड़द और मूंग के लिए 15.2 और 8.1 प्रतिशत कम है। पिछले कुछ समय से अरहर दाल की कीमत में भारी बढोतरी देखने को मिली है। उपभोक्ता मामलों की वेबसाइट के मुताबिक अरहर की दाल पिछले साल के मुकाबले 32 फीसदी महंगी है। हालांकि अरहर की दाल की कीमत को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक मानसून में देरी के कारण इस बार दलहन की बुआई देर से शुरू हुई है। हमें उम्मीद है कि अगले महीने बुआई में तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलावा तुअर की दाल की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 18 जुलाई को भारत दाल ब्रांड नाम के साथ 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सब्सिडी वाली चना दाल की बिक्री शुरू की थी।
&;